Here you will get Paragraph and Short Essay on A Rainy Day in Hindi Language for Students of all Classes in 100, 300 and 600 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में बरसात का एक दिन पर निबंध मिलेगा।
Essay on A Rainy Day in Hindi – बरसात का एक दिन पर निबंध
Essay on A Rainy Day in Hindi Language – बरसात का एक दिन पर निबंध (100 words)
वर्षा ऋतु सभी को बहुत पसंद होती है और गर्मी से तपती धरती को वर्षा की ही प्यास होती है। पिछले साल जुन का महीना था और बहुत भयंकर गर्मी पड़ रही थी। हम सब बच्चे मामा के घर इकट्ठे हुए थे और कमरे में बैठे हंसी ठठोली कर रहे थे कि तभी तेज आंधी चलने लगी और आसमान में काली घटा छा गई। हम सब बच्चे बाहर आ गए और बिजली कड़कने के साथ ही बारिश होने लगी थी। धीरे धीरे बारिश तेज होती गई और हम इकट्ठे हुए पानी में नाव चलाने लगे। बारिश की बूंदे हमें गर्मी से राहत दिला रही थी। मामी ने उस समय पकौड़े बनाए और हमने बाल्कनी में बैठकर पकौड़े खाते हुए बारिश की ठंडी ठंडी फुहार का आनंद लिया। इस तरह बारिश का एक दिन आनंदमय तरीके से व्यतीत हुआ।
Essay on A Rainy Day in Hindi Language – बरसात का एक दिन पर निबंध (300 words)
प्रातः काल का समय था। आकाश बालो से घिरा था। बिजली चमकती थी। और बादल गड़गड़ कर सारी पृथ्वी को कंवा ” था। मूसलाधार व हो रही थी। अब 7 बजे का समय था। मुझे आठ बजे तक विद्यालय पहुँचना था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वर्षा इसी प्रकार लगी रहेगी और मैं विद्यालय नहीं पहुंच सकेंगा। मैंने पिताजी से पूछा-“पिताजी, क्या किया जाये ? भयंकर वर्षा हो रही है और सारे रास्ते पानी से भरे पड़े हैं ।”पिताजी ने कहा -“देखते हैं कि वर्षा कब रूकती है। न रूकी तो बरसाती ओढ़कर मैं तुम्हारे साथ चल पडूंगा।”
दैवयोग से 15 मिनट के बाद वर्षा का कुछ प्रकोप शान्त हुआ। मैंने और पिताजी ने बरसातियां ले लीं और हम विद्यालय की ओर चल पड़े। रास्ते में पानी इतना था कि हम घुटनों तक भीग गये। कहीं-कहीं पर इतनी फिसलन थी कि कोई विरला ही वहां गिरे बिना आगे बढ़ पाता था। मेरा पाँव अचानक एक दलदल में धंस गया। पैर उठाये उठता न था। तब पिताजी ने मेरी सहायता की और मुझे दलदल से बाहर निकाल डाला। आगे देखा कि एक सुन्दर वस्त्रधारी युवक पांव फिसलने से नीचे गिरा पड़ा है और उसके सारे कपड़े गंदे हो गये हैं। आती-जाती कारें, बसें और ट्रक छीटें उड़ाते सड़क पर चल रहे थे। किसी विरले मनुष्य पर ही उनके छीटें न पड़ते होंगे।
हमारी बरसातियाँ भी उनके छीटों से गन्दी हो गई। मेरा विद्यालय कोई 300 मीटर दूर रह गया था। सहसा बड़े जोर से वर्षा आरम्भ हो गई । बरसाती पहने हुए भी हमारे शरीर के कुछ अंग भीग गये। परन्तु इसका अच्छा फल यह हुआ कि बरसातियों पर पड़े गंदे छीटें धुल गये। अब हम विद्यालय में पहुंच चुके थे। आठ बजने में केवल पाँच मिनट शेष थे। अभी तक दो-चार अध्यापक और दस-पन्द्रह छात्र ही वहां पर दिखाई दिये। पिताजी मुझे विद्यालय में छोड़ कर चले गये। उस दिन हमारी पढ़ाई नाम मात्र ही हुई।
Essay on A Rainy Day in Hindi Language – बरसात का एक दिन पर निबंध (600 Words)
गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम हमारे देश में मौसम का चक्र बनाते हैं। बरसात के मौसम में दो बार आता है; एक बार गर्मी के दौरान और सर्दी के दौरान दूसरी बार। हम गर्मियों के दौरान बारिश और स्वागत करते हैं अक्सर बच्चे “मिठाई बारिश, फिर से आते हैं” गाते हैं।
बारिश की पहली बूंदें झुलसे हुई धरती पर गिरती हैं, जैसे स्वर्ग की कृपा। पुराने और युवा, बड़े और छोटे, सभी को खुश लग रहा है। पक्षियों ने अपने पंखों को ख़ास ख़ुशी में फैल दिया। पेड़ और पौधे आकाश से गिरने वाले पानी-मोती इकट्ठा करने के लिए खुले हैं। किसान हर्ष से खेतों में जाते हैं, हल करने के लिए। ग्राम डेम्स टाई रस्प्स को पेड़ों के झुंड और झुकाव और समलैंगिकों को त्यागने में गाते हैं। यहां तक कि पुरानी सूख और दुखी दिल, दृष्टि में मुस्कुराते हैं, लेकिन एक मरे हुए आदमी ऐसी मिट्टी पर खुश नहीं होगा। गर्मियों में बरसात के दिनों में गीला होने के लिए खुशी होती है लेकिन यह सर्दियों में अलग है।
बारिश कोई शक नहीं हमारे कृषि के लिए आवश्यक हैं चाहे गर्मी या सर्दी, हमारी फसल बारिश पर बहुत बड़ी हद तक निर्भर करती है, अन्यथा सर्दियों के दौरान एक बरसात का दिन एक दुखी बनाता है।
यह पिछले साल 27 दिसंबर था जब मुझे पास के एक गांव में रिश्तेदार का दौरा करना पड़ा। यह एक बहुत ही ठंडी सुबह थी और मैंने ठंडे हवा से लड़ने के लिए कई कपड़े डाल दिए थे। मैं बस में चढ़ाई हम अभी भी गांव में आधे रास्ते थे, वहां गड़गड़ाहट का एक फट था। बारिश लगीं और कुछ ही पलों में भारी बारिश की बूंदें गिरने लगें। जल्द ही यह एक तूफान बन गया बहुत ही कम समय में सड़कों पर पानी भर गया। दृश्यता कुछ गज की दूरी पर घट गई थी। मजबूत हवा सभी दिशाओं से उड़ने लगती थी और हर तरफ से हमारी बस से हरा रही थी।
पुरानी, आधे टूटी हुई खिड़कियां हमें ढाल नहीं सकते थे और हर कोई भद्दा असहायता में भी डूब गया था। मेरे कपड़े जो गर्म, स्वच्छ और अच्छे आकार में थे जब मैं घर से निकला था, वे ठंडे, गंदे, और गंदे हो गए थे। मुझे बाकी के यात्रियों की तरह दुखी लग रहा था। कुछ लोगों ने नपुंसक क्रोध में शाप शुरू कर दिया। लेकिन फिर शाप मौसम के रोष को जोड़ने के लिए लग रहा था। हर पल के साथ तूफान गंभीर हो गया अचानक एक तीखी आवाज़ थी और इससे पहले कि हम उद्घोषणा में अपना मुंह खोल सकते थे, एक बड़ा, पुराना फैला हुआ वृक्ष-तोड़ दिया और सड़क के नीचे गिर गया। ड्राइवर ने घोषणा की कि अगर तूफान बंद हो जाए तो भी आगे बढ़ना असंभव होगा, क्योंकि उस पेड़ को निकालने के लिए सेना की आवश्यकता होगी।
हमने तूफान को रोकने के लिए प्रार्थना की यह दो घंटे के बाद बंद कर दिया। और हम पीछे मुड़ गए सब लोग चिल्ला रहा था यहां तक कि बस में कंपकंपी लग रही थी। जब मैं घर पहुँचा तो मैं पूरी तरह ठंडा और तनाव से थक गया था मुझे बहुत राहत मिली जब मैं अपने आरामदायक बिस्तर पर गया था, लेकिन ठंड और बारिश ने शरारत किया था। मुझे बुखार आया और बिस्तर पर एक सप्ताह बिताया।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on A Rainy Day in Hindi – बरसात का एक दिन पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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