Paryavaran Pradushan Essay in Hindi Language. Here you will get Paragraph, Short Essay on Environment Pollution in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200, 300, 400, 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध मिलेगा।
Essay on Environment Pollution in Hindi – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध
Short Essay on Environment Pollution in Hindi Language – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध (100 words)
पर्यावरण प्रदूषण हमारे जीवन में सबसे बड़ी समस्या है। हम एक प्रदूषित दुनिया में रह रहे हैं जहां वायु, पानी, भोजन, आदि। जिस पर हम जीवित रहते हैं वह प्रदूषित है। वैज्ञानिकों ने पर्यावरण प्रदूषण के खतरों को सूचीबद्ध किया है और दुनिया भर की सरकारें इसके बारे में चिंतित हैं।
वास्तव में, मनुष्य स्वयं ऐसी स्थिति के लिए जिम्मेदार है| अपने अज्ञान में, वह अब तक प्रकृति, पेड़ों और जंगलों के धन को नष्ट कर रहा है। प्रदूषण से पर्यावरण को मुक्त रखने के लिए तत्काल नियंत्रण की आवश्यकता है| वनीकरण के लिए अधिक ध्यान दिया जा रहा है| पेड़ों की अनधिकृत कटाई की जांच की जा रही है। वैज्ञानिक हमारे धूम्रपान और धुएं के प्रभाव को कम करने के तरीकों का विकास कर रहे हैं|
Essay on Environment Pollution in Hindi – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध ( 200 words )
पर्यायवरण दो शब्दों से मिलकर बना है परि और आवरण जिसका अर्थ है एक ऐसा आवरण जो हमें चारों तरफ से घेरे हुए है। पर्यायवरण केवल पृथ्वी पर ही मौजुद है और इसमें किसी भी तरह के रसायनिक बदलाव इसे दुषित करते हैं। पर्यायवरण का दुषित होना ही पर्यायवरण प्रदुषण कहलाता है जो कि विभिन्न प्रकार का है जैसे वायु प्रदुषण, मृदा प्रदुषण, जल प्रदुषण और ध्वनि प्रदुषण। पर्यायवरण धरती पर जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है और इसके दुषित होने से सभी पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पर्यायवरण मानवीय कारकों के कारण दुषित हो रहा है। बढ़ता हुआ शहरीकरण, उद्योगीकरण, प्लास्टिक का प्रयोग, वनों की कटाई और रसायन पर्यायवरण के दुषित होने के मुख्य कारण है। पर्यायवरण प्रदुषण सभी पर शारीरिक और मानसिक रूर से नकारात्मक प्रभाव डालता है। बढ़ते हुए प्रदुषण के साथ साथ बिमारियाँ बढ़ती जा रही है।
पर्यायवरण प्रदुषण कोई पारिवारिक या सामाजिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक वैश्विक स्तर का मुद्दा है। हम सबको पर्यायवरण प्रदुषण को रोकने के उपाय करने चाहिए। हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए, प्लास्टिक का प्रयोग कम करना चाहिए और उद्योगों को पानी के स्त्रोतों से दूर लगाना चाहिए। बच्चों को भी पर्यायवरण की सुरक्षा के विषय में पढ़ाया जाना चाहिए और सभी को पर्यायवरण सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।
Essay on Environment Pollution in Hindi Language – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध (300 words)
हमारे पर्यावरण प्राकृतिक और मानव निर्मित चीजों के द्वारा गठित है| लेकिन हमारे पर्यावरण कई मायनों में प्रदूषित हो रहे हैं मिलों, कारखानों, मोटर वाहनों, रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस से अपशिष्ट और धुआं, कृषि में उपयोग किया जाता है, नालियों की धूल जल और वनों की कटाई आदि पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनती हैं। यह अब एक दिन है, भारत की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। यह केवल हमारी राष्ट्रीय समस्या ही नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है।
वर्तमान में, हम इस समस्या के कारण एक शांतिपूर्ण और सामान्य जीवन नहीं ले सकते। जब भी हम एक समाचार पत्र पढ़ते हैं, हम पर्यावरण प्रदूषण के खराब पक्षों को देख सकते हैं। यह न केवल एक व्यक्ति बल्कि पूरे देश में भी हानि पहुँचाता है यदि यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ जाती है, तो भारत को एक गंभीर स्थिति का सामना करना होगा। विकसित देशों में, इस तरह की समस्या बहुत दुर्लभ है। हमारे देश में, हर कोई इस समस्या को महसूस करता है, लेकिन कोई भी इसे हटाने के लिए उचित कदम नहीं लेता है।
वायु प्रदूषण पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण है। पर्यावरण प्रदूषण के खराब प्रभाव बहुत खतरनाक हैं। यह हमारी सामाजिक स्थिति को खंडित करता है। चूंकि यह भारत की एक मुख्य समस्या है, हमें इसे हटा देना होगा।
इसके लिए, सरकार को उचित कदम उठाना होगा और इसके खिलाफ एक नया कानून पारित करना होगा। न केवल सरकार बल्कि राजनेताओं, विचारकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और भारत के सभी लोगों को भी इस समस्या को दूर करने के बारे में अधिक जागरूक होना चाहिए। संक्षेप में कहकर, हमारे देश को विकसित करने के लिए, हम सभी को पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की कोशिश करनी होगी।
Essay on Environment Pollution in Hindi – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध ( 400 words )
भूमिका- पर्यायवरण हमारे ग्रह पर मौजुद सबसे जरूरी आवरण है जिसका अर्थ है एक ऐसा आवरण जो हमें चारों तरफ से घेरे हुए है। पर्यायवरण सभी भौतिक, रसायनिक और जैविक ईकाईयों का समाविष्ट है जिसके बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। मनुष्य की गतिविधियों को कारण पर्यायवरण धीरे धीरे दुषित होता जा रह् है जिससे सभी जीवों पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। पर्यायवरण में किसी भी प्रकार का भौतिक या रासायनिक बदलाव पर्यायवरण प्रदुषण कहलाता है।
पर्यायवरण प्रदुषण के कारण- पर्यायवरण को दुषित करने में सबसे बड़ा हाथ मानव जाति का ही है जो प्रतिदिन अपने स्वार्थ के लिए वातावरण को नुकसान पहुँचाता जा रहा है और पर्यायवरण से मिलने वाले लाभों को भूलता जा रहा है। शहरीकरण और उद्योगीकरण ने वनोन्मुलन को बढ़ा दिया है जिससे पर्यायवरण में कार्बन डाई ऑक्साईड की मात्रा बढ़ गई है और वातावरण दुषित हो रहा है। हमारे खुले में कचरा फेंकने और प्लास्टिक का अधिक प्रयोग करनै के कारण भी वातावरण को हानि पहुँच रही है। खेतों में कीटनाशक के प्रयोग से और फसलों के अवशेष जलाने से भी प्रदुषण बढ़ रहा है। प्रदुषण को बढ़ाने में यातायात के साधनों की भी अहम भूमिका है।
पर्यायवरण प्रदुषण के प्रभाव- पर्यायवरण प्रदुषण की वजह से सभी जीवों पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे है। प्रदुषण की वजह से हमें जीने के लिए अनुकुल वातावरण नहीं मिल रहा है और हमें बहुत सी बिमारियों का सामना करना पड़ रहा है। वनस्पति भी सही से नहीं बढ़ पा रही है और साथ ही जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है। प्रदुषण की वजह से और वनोन्मुलन के कारण जीवों को अनुकुल वातावरण नहीं मिल रहा है। पर्यायवरण प्रदुषण के कारण ओजोन परत में छेद होता जा रहा है जिससे सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुँच रही है और कैंसर को बढ़ावा दे रही है।
पर्यायवरण प्रदुषण रोकने के उपाय- पर्यायवरण प्रदुषण एक वैश्विक स्तर की समस्या है जिसका समाधान करना जरूरी है और हम सबको मिलकर ही पर्यायवरण प्रदुषण को मुक्त बनाना होगा। हमें ज्यादा सो ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए और प्लास्टिक का प्रयोग त्याग कर ऐसी चीजों का प्रयोग करना चाहिए जो पूरी तरह से नष्ट हो सके। हमें कचरे को भी खुले में नहीं फेंकना चाहिए और थोड़ी दुरी के लिए पैदल जाना चाहिए या साइकिल का प्रयोग करना चाहिए।
निष्कर्ष- पर्यायवरण संसाधनों की खान है और इसे प्रदुषण मुक्त बनाना हमारा कर्तव्य है अन्यथा एक दिन इस धरती पर जीवन नहीं होगा ।
Essay on Environment Pollution in Hindi – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध (500 words)
पर्यायवरण का अर्थ है वह आवरण जो हमें चारों तरफ से ढके हुए है और पर्यायवरण प्रदुषण का मतलब है उस आवरण का दुषित होना। पर्यायवरण हमें प्रकृति से मिला हुआ सबसे अनमोल उपहार है। पर्यायवरण पेड़ पौधे मनुष्य चल अचल और सभी भौतिक चीजों से मिलकर बना है। एक स्वस्थ वातावरण ही मनुष्य को स्वस्थ जीवन दे सकता है। आजकल हमारा वातावरण बहुत ही दुषित होता जा रहा है।
प्रदुषण के प्रकार-
हमारा पर्यायवरण हवा, पानी, जैविक अजैविक सभी चीजों से मिलकर बनता है। अगर इनमें से कोई भी एक तत्व दुषित होता है तो वातावरण भी दुषित हो जाता है और पर्यायवरण का संतुलन बिगड़ जाता है। वातावरण प्रदुषण के बहुत से प्रकार है-
1. वायु प्रदुषण
2. जल प्रदुषण
3.मृदा प्रदुषण
4. ध्वनि प्रदुषण
वातावरण के दुषित होने के कारण-
वातावरण को दुषित करने में सबसे ज्यादा मनुष्य का ही हाथ है। वह प्रगति की होड़ में अंधाधुंद अपनी गतिविधियों से पर्यायवरण को नुकसान पहुँचाता जा रहा है। वह अपने रहने और कार्य स्थल बनाने के लिए जंगलों को काटता जा रहा है जिससे वायु में कार्बन डाई ऑक्साईड की मात्रा बढ़ती जा रही है। कारखानों से निकलने वाले रसायनों को हवा और जल में बहा देने से भी वातावरण दुषित हो रहा है। पॉलिथीन और पैट्रोलियम के प्रयोग से भी वातावरण दुषित हो रहा है। खुले में कूड़ा कचरा फेंकने से मृदा प्रदुषण बढ़ता है जो कि वातावरण प्रदुषण का ही एक भाग है।
दुषित वातावरण के प्रभाव-
स्वच्छ वातावरण मनुष्य की मुलभूत आवश्यकता है अगर वही दुषित होगा तो मनुष्य का स्वास्थय भी खराब हो जाएगा। प्रदुषण टींबी कैंसर जैसी बहुत सी बिमारियों को जन्म देता है। प्रदुषण के कारण हानिकारक किरणों से हमें बचाने वाली ओजोन परत भी टूटती जा रही है और त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन समभव है क्योंकि यहाँ पर पर्यायवरण है और अगर हम इसे इसी तरह दुषित करते रहेंगे तो एक दिन जीवन खतरें में पढ़ जाएगा और धरती पर जीवन समाप्त हो जाएगा।
पर्यावरण प्रदुषण को रोकने के उपाय-
मनुष्य, पेड़ पौधों, पशुओं और फसलों के लिए स्वच्छ वातावरण बहुत ही जरूरी है। स्वच्छ पर्यायवरण ही स्वस्थ जीवन प्रदान करता है। वातावरण को प्रदुषण मुक्त रखने के लिए निम्नलिखित उपाय है –
1. कारखानों को शहर से दुर लगाना चाहिए और रसायनों को पानी में भी नहीं बहाना चाहिए।
2. हमें वन्य प्रणाली को बढ़ावा देना होगा जितने ज्यादा हो सके उतने पेड़ लगाने चाहिए।
3. सरकार ने भी स्वच्छता अभियान शुरू किया है ताकि लोग कूड़ा कचरा खुले में न फेंके।
4. पॉलिथीन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।
5. हमें पुनः निर्माण और पुनः प्रयोग की प्रक्रिया को अपनाना होगा।
6. लोगों को नीजी वाहन की जगह सरकारी वाहनों का प्रयोग करना चाहिए ताकि वाहनों से निकलने वाला धुआँ कम हो सके।
7. धुम्रपान को खत्म करना होगा क्योंकि उससे जान के खतरे के साथ साथ वातावरण भी दुषित होता है।
निष्कर्ष- प्रकृति द्वारा दिए गए इस उपहार को हमें सरंक्षित रखना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी भी इसे प्रयोग कर सके। प्रगति ऐसे करो कि वातावरण को कोई हानि न हो।
हम आशा करेंगे कि आप इस निबंध ( Essay on Environment Pollution in Hindi – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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