Get information about Guru Purnima in Hindi. Here you will get Paragraph and Short Essay on Guru Purnima in Hindi Language/ Importance of Guru Purnima in Hindi for students and kids of all Classes in 150 and 400 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में गुरु पूर्णिमा पर निबंध मिलेगा।
Essay on Guru Purnima in Hindi – गुरु पूर्णिमा पर निबंध
Short Essay on Guru Purnima in Hindi Language – गुरु पूर्णिमा पर निबंध ( 150 words )
‘गुरु पूर्णिमा’ हिंदुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार अशध के महीने में पूर्णिमा दिवस पर मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा महान ऋषि व्यास की पवित्र स्मृति में मनाया जाता है, प्राचीन संत जिन्होंने चार वेदों को संकलित किया, उन्होंने 18 पुराण, महाभारत और श्रीमद् भगवत को लिखा। दिन को ‘व्यास पूर्णिमा’ भी कहा जाता है।
इस दिन ‘गुरु’ यानी एक शिक्षक के सम्मान के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। वह दिन भक्तों द्वारा मनाया जाता है जो अपने प्यारे गुरुओं की पूजा करते है । गुरु पूर्णिमा के शुभ दिन का एक बड़ा महत्व है क्योंकि सभी जानते हैं कि वास्तविक जीवन में गुरु (शिक्षक) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन हिंदू अपने गुरुओं का बहुत सम्मान दिखाते हैं। इस दिन आध्यात्मिक संगठनों द्वारा कई कार्यक्रम और सांस्कृतिक प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं।
Essay on Guru Purnima in Hindi – गुरु पूर्णिमा पर निबंध ( 400 words )
भारत पर्वों का देश है जहाँ पर सभी त्योहार बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। गुरू पुर्णिमा को हिंदु बौद्ध और जैन धर्म के लोग मनाते हैं। सिक्खों में भी गुरू पुर्णिमा का विशेष महत्व है। गुरू वह होता है जो हमें अग्यान रूपी अंधकार से ग्यान रूपी प्रकाश की तरफ ले जाता हैं। कोई भी इंसान गुरू के माध्यम से ही मोक्ष और ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। गुरू पुर्णिमा आषाढ़ माह की पुर्णिमा को मनाई जाती हैं। यह दिन गुरूओं के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन मंदिर और आश्रमों में पूदा पाठ के विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
लोग गुरूओं के नाम पर भंडारे आदि लगाते हैं। इस दिन सभी लोग और गुरू तीर्थ स्थल की पवित्र नदियों में स्नान के लिए जाते हैं। उसके बाद तीन चार महीने वहीं पर व्यतीत करते हैं। माना जाता है कि यह समय शिक्षा ग्रहण करने का सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि इस समय न तो ज्यादा गर्मी होती है और न ही ज्यादा ठंड होती है। हर व्यक्ति का जीवम में कोई न कोई गुरू अवश्य होता है जो उनका मार्गदर्शन करता है। ग्रंथों में गुरू को भगवान से भी उपर दर्जा दिया गया है।
प्राचीन काल में जब कोई गुरूओं से शिक्षा प्राप्त करता था तो गुरू पुर्णिमा के दिन ही उनको दीक्षा देता था और उनका सम्मान करता था। गुरू पुर्णिमा के दिन गुरू की पूजा करने से उनकी दिक्षा का सारा फल हमें प्राप्त होता है। गुरू पुर्णिमा के दिन साहित्य संगीत आदि में सर्वश्रेष्ठ गुरूओं को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है। गुरू पुर्णिमा को व्यास पुर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन चारों वेदों के रचियता व्यास जी का जन्मदिन होता है। गुरू की हमारे जीवन में बहुत ही अहम भूमिका होती है।
उन्हें पूरा आदर और सम्मान दिया जाना चाहिए। गुरू पुर्णिमा के दिन गुरू पूजा का विधान है। इस दिन लोग अपने गुरूओं का आशीर्वाद प्राप्त करते है और उनको अलग अलग तरीके से सम्मानित करते हैं। सिक्खों में 10 गुरूओं के होने के कारण वे भी गुरू पुर्णिमा को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। हमें गुरूओं को धन्यवाद बोलने के लिए हर साल गुरू पुर्णिमा मनानी चाहिए और उनको सम्मान करना चाहिए। उनकी बातों का अनुसरण करके उन्हें एक आदर्श व्यक्ति बनकर दिखाना चाहिए जो कि उनके लिए सबसे बड़ा उपहार होगा। गुरू पुर्णिमा बहुत ही खुशी का त्योहार है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Guru Purnima in Hindi – गुरु पूर्णिमा पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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