Here you will get Paragraph and Short Essay on Kabaddi in Hindi Language for School Students and Kids of all Classes in 200, 300 and 400 words. Get information about Kabaddi in Hindi. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में कबड्डी पर निबंध मिलेगा।
Essay on Kabaddi in Hindi – कबड्डी पर निबंध
Short Essay on Kabaddi in Hindi Language – कबड्डी पर निबंध ( 200 words )
कबड्डी गाँव के लोगों में सबसे लोकप्रिय खेल है और यह वहाँ पर सबसे ज्यादा खेला जाता है। यह बहुत ही सस्ता और लाभप्रद खेल है। यह ताकत और बुद्धिमता दोनों से खेला जाता है। इसके लिए किसी विशेष मैदान की जरूरत नहीं है और न हीं कोई खेल का सामान चाहिए होता है। इस खेल में मैदान के बीचों बीच एक लाईन खींचकर मैदान को दों भागों में बाँट दिया जाता है जिसे पाला कहते हैं। इसमें दो टीमें होती है और प्रत्येक टीम में 7-7 खिलाड़ी होते हैं।
एक टीम का एक सदस्य दुसरे पाले में जाता है और वहाँ किसी भी खिलाड़ी को छुकर उसे वापिस आना होता है। अगर वह ऐसा करता है तो उसे पॉइंट मिलते हैं और जिस खिलाड़ी को छुते है वह आउट हो जाता है। यदि दुसरी टीम के खिलाड़ी उसे उसके पाले में जाने से रोक ले तो वह ऑउट हो जाता है और दुसरी टीम को पॉइंट मिलता है। जैसे जैसे पॉइंट बढ़ते है उस टीम के ऑउट हुए खिलाड़ी वापिस आते रहते हैं। कबड्डी का खेल स्वास्थय के लिए भी बहुत अच्छा है। यह हमें चुस्त और चालाक रखता है। कबड्डी एक सस्ता और स्वास्थय वर्धक खेल है।
Short Essay on Kabaddi in Hindi Language – कबड्डी पर निबंध ( 300 words )
कबड्डी लोगों में बहुत ही प्रिय है और यह टीम में खेले जाने वाला खेल है। यह विशेष रूप से गाँव में ज्यादा खेला जाता है। यह चुस्ती और अच्छा स्वास्थय प्रदान करता है। इसके लिए किसी तैयार किए गए मैदान की जरूरत नहीं होती है अपितु यह कहीं भी किसी भी मैदान में खेला जा सकता है। इसमें दो टीम होती है और प्रत्येक टीम में 7 सदस्त होते हैं। इसे खेलने के लिए मैदान के बीचों बीच लाईन खींच कर दो भागों में बाँटा जाता है जिसे पाला कहते हैं।
खेलने के नियम-
इस खेल में बारी बारी से टीम का सदस्य दुसरी टीम को पाले में जाता है और कबड्डी कबड्डी बोलते हुए बिना साँस टुटे विरोद्धी टीम के सदस्य को हाथ लगाकर वापिस अपने पाले में आना होता है। यदि वह ऐसा करने में सफल हो जाता है तो उसे अंक मिल जाता है और जिस खिलाड़ी को उसने छुआ होता है वह कॉर्ट से बाहर हो जाता है और यदि वह छुने में नाकाम रहता है और विरोद्धी टीम के खिलाड़ी उसे उसके पाले में जाने से रोक देते है तो अंक उन्हें मिलता है। इस तरह जिस टीम के ज्यादा अंक होते हैं वह जीत जाती है।
20-20 मिनट की दो पारी होती है जिनमें दोनों टीम पीले बदलती है और उन्हें पाँच मिनट का ब्रेर दिया जाता है। कबड्डी को एशियाई खेलों में सम्मलित करने से यह विदेशों में भी लोकप्रिय हुआ है। कबड्डी एक स्वास्थयप्रद और सस्ता खेल है जिसमें अब महिलाओं ने भी भागीदारी दिखाई है।
Short Essay on Kabaddi in Hindi Language – कबड्डी पर निबंध ( 400 words )
कबड्डी यह भारत का बहुत पुराना खेल है। आजकल इसका नाम तो है किन्तु प्रचार कम है। गांवों के लोग अब भी इस को चाव से खेलते हैं, किन्तु नगरों में यह खेल नाम मात्र के लिए खेला जाता है। इस खेल को खेलने के लिए खुले मैदान की आवश्यकता है। यदि खेल की भूमि कठोर हो तो चोट लगने का भय रहता है। संवारे हुए खेत या रेतीले मैदान में अथवा छोटे-छोटे घास वाले स्थान पर यदि यह खेल खेला जाए तो अच्छा रहता है।
कबड्डी दो प्रकार की होती है:- लम्बी और ढाह। पहले प्रकार की कबड्डी वह खिलाड़ी अच्छी तरह खेल सकता है जिसका सांस लम्बा हो। दूसरे प्रकार की कबड्डी वह खिलाड़ी भी खेल सकता है जिसका सांस छोटा हो।
खिलाड़ियों की संख्या नियत नहीं होती। जितने भी खिलाड़ी हों उतने ही खेल सकते हैं। खिलाड़ियों को दो भागों में बांटा जाता है । पाला निश्चित करने के लिए खिलाड़ियों के मध्य एक लम्बी रेखा खींच दी जाती है। एक ओर का खिलाड़ी कबड्डी कबड्डी’ कहता हुआ दूसरी ओर के खिलाड़ियों को छूने का प्रयत्न करता हैं। जो खिलाड़ी छआ जाए वह बैठ जाता है और यदि दूसरी दिशा में ‘कबड्डी-कबड्डी कहते कहते मध्य में ही साँस फूल जाए, तो बारी देने वाला बिठा दिया जाता है। जिस ओर का खिलाड़ी बैठ जाए उसके दूसरे पक्ष का खिलाड़ी फिर बारी देने के लिए चला जाता है।
छोटी कबड्डी में ऐसा नियम नहीं होता। खिलाड़ी को दूर तक भागना नहीं पड़ता। ज्यों ही खिलाड़ी ‘कबड्डी-कबड्डी’, कहता हुआ दूसरे पक्ष के किसी खिलाड़ी के पीछे भागता है| त्यों ही दूसरे पक्ष का कोई खिलाड़ी पीछे की ओर से या मंह की ओर से उसे पकड़ लेता है और तब तक थामे रखता है, जब तक उसका सांस नहीं फूल जाता।
जब इसके मैच होते हैं तो एक टीम के खिलाड़ियों का वेश एक प्रकार का होता है और दूसरी टीम के खिलाड़ियों का दूसरी प्रकार का, ताकि खिलाड़ी पहचाने जा सकें। खेल खेलने से आपस में मिल-जुलकर खेलने का अभ्यास बनता है। जीत और हार का विशेष महत्व उनकी दृष्टि में नहीं रह जाता वे आपस में मिलकर काम करना सीखते हैं। यह खेल बढे, रोगी तथा कमजोर व्यक्तियों के लिए उपयोगी नहीं है। दूसरे व्यक्तियों के लिए यह खेल जहां लाभ पहुंचाता है वहां मनोरंजन का भी एक सस्ता साधन है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Kabaddi in Hindi – कबड्डी पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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