यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मेरा प्रिय खेल पर निबन्ध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on My Favourite Game in Hindi Language for School Students and Kids of all Classes in 500 words.
Essay on My Favourite Game in Hindi – मेरा प्रिय खेल पर निबन्ध : भारत में अनेक प्रकार के खेल खेले जाते हैं। जैसे- हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस, कबड्डी, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, कैरम, शतरंज, बैडमिंटन, जिमनास्टिक, तैराकी, घुड़सवारी आदि| इन खेलों में से मेरा सबसे अधिक प्रिय खेल हॉकी है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय खेल है। यह एशियाई खेलों, ओलंपिक खेलों में भी खेला जाता है। इसकी विश्वचैंपियनशिप भी आयोजित की जाती है। इसे सभी महाद्वीपों में खेला जाता है।
Essay on My Favourite Game in Hindi – मेरा प्रिय खेल पर निबन्ध
Essay on My Favourite Game in Hindi – मेरा प्रिय खेल पर निबन्ध
हॉकी खेल का आरंभ आज से लगभग 400 वर्ष पूर्व ईरान में हुआ था। उसके बाद यह विश्व के अनेक देशों में फैला। भारत में इस खेल का प्रारंभ लगभग एक शताब्दी पूर्व हुआ है। इससे पूर्व यह खेल देश के विभिन्न भागों में विभिन्न नामों से प्रचलित था। विभिन्न रूपों में खेले जाने के कारण इसके नियम भी प्रत्येक स्थान पर भिन्न थे। पहले इस खेल में खिलाड़ियों पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं था। आधुनिक युग में खेल को नियमबद्ध किया गया है। (नियमों के अनुसार, इस खेल में एक टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। यह खेल दो टीमों के मध्य खेला जाता है। हॉकी का खेल मैदान में खेला जाता है। इसके दोनों छोरों पर गोल-पोस्ट बनी होती है। गोल के सम्मुख एक अर्धगोलाकार रेखा वींची होती है, उसे ‘डी’ कहा जाता है। गेंद को ‘डी’ के अंदर से हिट लगाने पर यदि गेंद गोल में चली जाती है तो गोल हो जाता है। जो टीम अधिक गोल करती है, वह विजेता मानी जाती है। मैदान के बीचोबीच एक रेखा खींची जाती है जिसे सेंटर लाइन कहते हैं। इसी सेंटर लाइन से खेल प्रारंभ होता है।
प्रत्येक टीम में एक गोलकीपर होता है, जो पैड बाँधे, दस्ताने पहने और सिर पर हैलमेट पहने गोल-पोस्ट में गोल की रक्षा के लिए खड़ा रहता है। तीन खिलाडी सेंटर हाफ़ खेलते हैं। दो खिलाड़ी रक्षापंक्ति में होते हैं और पाँच खिलाड़ी सेंटर में फारवर्ड के रूप में होते हैं। फारवर्ड ही विपक्षी गोल पर धावा बोलने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। आजकल तो खिलाड़ी स्थान बदलकर भी खेलने लगे हैं। इसके नियम और उपनियम भी कम हैं। इस खेल में पैनल्टी कार्नर, लांग कार्नर, पैनल्टी स्ट्रोक, ऑफ़ साइड तथा पैर में गेंद लगने या स्कूप या हिट द्वारा गेंद निश्चित ऊँचाई से ऊपर उठ जाती है तो फाउल होता है।
यह खेल मुझे अत्यधिक प्रिय है क्योंकि भारत अनेक वर्षों तक इस खेल में सर्वोपरि रहा है। इस खेल में एकसाथ 22 खिलाड़ी खेलते हैं। यह अत्यंत तीव्र गति वाला खेल है। इसमें शरीर के सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है। खेल का निर्णय निर्धारित समय में हो जाता है। क्रिकेट के खेल की तरह चार-पाँच दिन तक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती। खेल रोचक होता है। इसमें खिलाड़ियों के मानसिक व शारीरिक दम-खम की परीक्षा हो जाती है। इस खेल में स्वास्थ्य तो बनता ही है, साथ ही सहयोग से काम करना, विजय मिलने पर अभिमान न करना, हार जाने पर साहस न छोड़ना, विशेष ध्येय के लिए नियमपूर्वक कार्य करना आदि गुण भी अनायास ही आ जाते हैं।
हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है। हम इस खेल में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को प्राप्त करने के प्रयास में जुटे हैं। इसमें संदेह नहीं है कि हम भविष्य में फिर से इस खेल में विश्व के सिरमौर बन जाएँगे।
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