Get information about Myna Bird in Hindi Language. Here you will get Paragraph and Short Essay on Myna Bird in Hindi Language for Kids of all Classes in 100, 200, 300 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मैना पर निबंध मिलेगा।
Essay on Myna Bird in Hindi – मैना पर निबंध
Short Essay on Myna Bird in Hindi Language – मैना पर निबंध ( 100 words )
मैना बहुत ही सुंदर पक्षी है और इसकी आवाज बहुत ही मधुर होती है। यह गाँव के मैदानों और जलाशयों के निकट रहती है। यह दीवार और पेड़ के छेद में घोंसला बनाती है। यह दुसरों के घोंसले में 4-5 अंडे देती है। यह भूरे रंग की होती है और इसकी गर्दन काले रंग की होती है। इसकी चोंच नारंगी रंग की होती है। यह पूरे भारत में पाई जाती है। यह दाने, फल, कीड़े मकौड़े आदि सब खाती है। मैना छोटी होती है पर इसके पाँव बहुत ताकतवर होते हैं। यह दिन में कई बार सोती है।
Essay on Myna Bird in Hindi Language – मैना पर निबंध ( 200 words )
मैना भारत की देशी चिड़िया है और यह एशिया के कुछ ही देशों में पाई जाती है। यह स्लेटी, भूरे और चितले रंग की होती है। इसकी आवाज बहुत मधुर होत है। इसकी गर्दन और पंजे काले होते हैं और धुम सफेद होती है। यह बहुत ही सुंदर पक्षी है। यह दुसरों के घोसलें में ही अंडे देती है और यह जुलाई को समय ही अंडे देती हैं। यह एक समय में 4-5 अंडे देती है। यह ज्यादातर जलाशयों के निकट देखने को मिलती है। यह पेड़ो, दीवारों आदि के छेदों में घोसलें बनाती है। यह सर्वभक्षी होती है। यह दानों से लेकर कीड़े मकौड़े और मरी हुई छिपकली भी खाती है।
मैना की चोंच नारंगी और आँखो के चारों तरफ का हिस्सा लाल होता है। यह छोटी होती है लेकिन इसके पाँव बहुत ताकतवर होते हैं। यह उन स्थानों पर देखने को मिलती है जहाँ लोग ज्यादा होते हैं। मैना की अब तक 20 से ज्यादा प्रजाति पाई जा चुकी है। यह तरह तरह की आवाज निकालती है। जब भी कोई घोसला खाली होता है मैना उसमें जाकर रहने लग जाती है। यह दिन में कई बार थोड़ी थोड़ी देर के लिए सोती है। यह ज्यादातर दक्षिण में पाई जाती है।
Information about Myna Bird in Hindi Language
1. मैना पूरे भारतवर्ष में पाया जाने वाला पक्षी है जिसके बहुत से प्रकार होते हैं जैसे कि गुलाबी मैना ,दरियाई मैना और पहाड़ी मैना।
2. मैना की लंबाई लगभग 20-25 सैंटीमीटर होती है और इसका रंग भूरा, पेट सफेद, सिर काला, पंजे और चोंच पीले रंग के होते हैं।
3. मैना को भी कौवे और गोरैया की तरह मनुष्य के आवास स्थान के पास रहना पसंद है। पहाड़ी मैना पहाड़ों में रहना पसंद करती है।
4. कुछ मैना तालाबों, जलाशयों और नदियों के पास घोंसले बना कर रहती है और उन्हें दरियाई मैना कहा जाता है।
5. मैना पक्षी अपना घोंसला बना कर रहती है लेकिन वह अंडे हमेशा दूसरों के घोंसले में देती है। इसके अंडे देने का समय जुलाई से अगस्त के बीच होता है और एक समय में 4-5 अंडे देती है।
6. मैना के अंडे नीले रंग के होते हैं जिन्हें वह 14 दिन तक सेहती है और उसके बाद उसमें से गुलाबी रंग के बच्चे निकलते हैं।
7. पवई मैना को ब्रहामणी मैना भी कहा जाता है जिसकी आवाज सीटी की तरह होती है और बहुत शोर मचाती है।
8. मैना एक सर्वाहारी पक्षी है जो कि बीज से लेकर कीड़े मकोड़े तक सब खाती है।
9. मैना दक्षिण एशिया में कम पाई जाती है और यह ज्यादातर जंगलो में रहना पसंद करती है।
10. मैना की अब तक 20 प्रजातियां पाई जा चुकी है। वैसे तो मैना एक छोटा सा जानवर है लेकिन इसके पैर बहुत ही ताकतवर होते हैं।
11. मैना के बच्चों के जन्म के समय पंख नहीं होते हैं लेकिन बाद में धीरे धीरे पंख निकल आते हैं।
12. मैना पक्षी को झुंड में रहना पसंद होता है और पहाड़ी मैना की बोली मीठी होने के कारण उसे पालतू भी बनाया जाता है। नर और मादा मैना में खास अंतर नहीं होता है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Myna Bird in Hindi – मैना पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
More Articles:
Essay on Sparrow in Hindi – चिड़िया पर निबंध
Essay on Deer in Hindi – हिरन पर निबंध
Essay on Birds in Hindi Language – पक्षी पर निबंध
Essay on Pigeon in Hindi Language – कबूतर पर निबंध
Essay on Peacock in Hindi Language – मोर पर निबंध
Short Essay on Parrot in Hindi Language – तोता पक्षी पर निबंध