Here you will get Paragraph and Short Essay on Noise Pollution in Hindi Language for students of all Classes in 200, 300 and 500 words. Essay on Sound Pollution in Hindi Language. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में ध्वनि प्रदूषण पर निबंध मिलेगा।
Essay on Noise Pollution in Hindi – ध्वनि प्रदूषण पर निबंध
Short Essay on Noise Pollution in Hindi Language – ध्वनि प्रदूषण पर निबंध ( 200 words )
किसी भी तरीके से वातावरण का दुषित होना प्रदुषण कहलाता है। ध्वनि प्रदुषण का अर्थ है ज्यादा शोर शराबे और उच्चे ध्वनि से उत्पन्न होने वाला प्रदुषण। ध्वनि प्रदुषण सड़को पर चलने वाले वाहनों से और उनके हॉर्नों से भी ध्वनि प्रदुषण बढ़ता है। उद्योंगों में लगी हुई बड़ी बड़ी मशीनें और सड़को और घरों की मरमत्त के समय भी बहुत ही शोर होता है। मनोरंजन के साधन जैसे कि टीवी ,रेडियो,डीजे आदि भी ध्वनि प्रदुषण को बढ़ावा देते हैं। रैलियों में लगे हुए लाउड स्पीकरों से भी उच्च ध्वनि उत्पन्न होती है।
ध्वनि प्रदुषण के कारण लोगों को उच्चा सुनने और बेहरेपन की समस्या हो जाती है। लोगों की नींद भी पूरी नहीं हो पाती जिससे वो तनाव में रहते है और चिड़चिड़े हो जाते है। बच्चों की पढ़ाई में भी विघ्न पड़ता है। ध्वनि प्रदुषण को रोकने के लिए वाहनों की गति निर्धारित की जानी चाहिए और हॉर्नों का प्रयोग वर्जित किया जाना चाहिए। लाउड स्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और घर सड़को के निकट नहीं बनाने चाहिए। डीजे बजाने का समय भी निर्धारित किया गया है। हम सबको मिलकर ही ध्वनि प्रदुषण रोकने का प्रयास करना चाहिए अन्यथा आने वाले समय में बेहरापन आम सी बात हो जाएगी।
Essay on Noise Pollution in Hindi – Essay on Sound Pollution in Hindi ( 300 words )
ध्वनि प्रदुषण, प्रदुषण का ही एक प्रकार है जो उच्च ध्वनि के कारण उत्पन्न होता है और वातावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है। ध्वनि प्रदुषण में निरंतर वृद्धि होती जा रही है। बढ़ते चल कारखानों और मनोरंजन के साधनों के कारण ध्वनि प्रदुषण बढ़ता जा रहा है जो कि स्वास्थय के लिए बहुत ही हानिकारक है।
ध्वनि प्रदुषण के कारण-
बढ़ते शोरगुल और शोर शराबे ने वातावरण में ध्वनि की मात्रा को बढ़ा दिया है। ध्वनि प्रदुषण के बहुत से कारण है-
1. रैलियों में प्रयोग होने वाले स्पीकरों से शोर बढ़ता है।
2. मनोरंजन के साधन रेडियो, डीजे आदि से भी ध्वनि प्रदुषण होता है।
3. सड़को और घरों की मरमम्त के समय भी उच्च शोर होता है।
4. उद्योगों में प्रयोग होने वाली मशीनों से भी ध्वनि में भी बढ़ोतरी होती है।
5. सड़को पर चलने वाले वाहनों से भी शोर होता है।
6. खनन प्रिक्रिया के दौरान भी ध्वनि प्रदुषण होता है।
ध्वनि प्रदुषण के प्रभाव-
ध्वनि प्रदुषण से स्वास्थय पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शोर के कारण ऊँचा सुनने की बिमारी, नींद न आना और चिड़चिड़ापन हो जाता है। व्यक्ति तनाव में रहता है और ब्लड प्रैसर ज्यादा रहता है। ज्यादा समय तक उच्च ध्वनि में रहने से व्यक्ति को बहरापन भी हो जाता है। पशुओं को भी रहने के लिए अनुकुल वातावरण नहीं मिल पाता है।
ध्वनि प्रदुषण को रोकने के उपाय-
ध्वनि प्रदुषण को रोकने के लिए रैलियों में स्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सरकार ने वाहनों में हॉर्न के प्रयोग को वर्जित किया है। उद्योग में मशीनों की समय समय पर जाँच होनी चाहिए। हमें भी मनोरंजन के साधनों की ध्वनि कम ही रखनी चाहिए। स्वास्थय और वातावरण को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य हमें ज्यादा शोर करके प्रदुषण को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
Essay on Noise Pollution in Hindi – ध्वनि प्रदूषण पर निबंध ( 500 words )
भूमिका- वातावरण के दुषित होने को प्रदुषण कहलाते हैं। आज के समय में हमारा पूरा वातावरण दुषित हो चुका है जो कि हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। ध्वनि प्रदुषण ज्यादा शोर शराबे और उच्च ध्वनि से होता है। हमारे तारों तरफ शोर ही शोर है जिससे वातावरण में ध्वनि कि मात्रा बढ़ती है और प्रदुषण होता है।
( Reasons of Noise Pollution ) ध्वनि प्रदुषण के कारण-
आज के आधुनिक युग में ध्वनि प्रदुषण तेजी से गति पकड़ रहा है जिसके निम्नलिखित कारण है-
1. वाहन- सड़को पर चलने वाले वाहनों से ध्वनि उत्पन्न होती है और हॉर्नों से भी वातावरण में शोर बढ़ता है।
2. मनोरंजन के साधन- रेडियो, टीवी, डीजे आदि से भी शोर बढ़ता है।
3. रैली- रैली आदि में प्रयोग होने वाले लाउड स्पीकरों से भी ध्वनि प्रदुषण को बढ़ावा मिलता है।
4. उद्योग- उद्योगों में प्रयोग होने मशीने भी उच्च ध्वनि उत्पन्न करती है जिनका शोर असहनीय होता है।
5. घरों के निर्माण और सड़क की मुरमम्त के समय पर भी बहुत ही शोर होता है।
( Impact of Noise Pollution ) ध्वनि प्रदुषण का प्रभाव-
किसी भी मनुष्य के जीवन पर वातावरण का बहुत प्रभाव पड़ता है। अगर वातावरण शुद्ध होगा तो व्यक्ति स्वस्थ रहेगा और अगर वातावरण में प्रदुषण होगा तो लोगो को हानियाँ ही होगी। ध्वनि प्रदुषण से जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव निम्नलिखित है-
1. उच्च ध्वनि की वजह से लोगों को ऊँचा सुनने की समस्या हो जाती है और लगातार ऐसा चलने से बेहरापन हो जाता है।
2. शोर शराबे के कारण व्यक्ति को नींद न आने जैसी समस्या हो सकती है जिससे वह तनाव में रहता है और व्यवहार भी चिड़चिड़ा हो जाता है।
3. ध्वनि प्रदुषण से उच्च रक्तचाप की समस्या भी उत्पन्न होती है।
4. ज्यादा शोर के कारण बच्चों की पढ़ाई में भी बाधा आती है और उनका पूर्ण विकास भी नहीं हो पाता।
5. हार्ट अटैक की शिकायत भी बढ़ जाती है।
ध्वनि प्रदुषण को रोकने के उपाय-
वातावरण को स्वच्छ रखने और मनुष्य को स्वस्थ रखने के लिए ध्वनि प्रदुषण को रोकना जरूरी है जिसके लिए ये उपाए किए जा सकते है-
1. लोगों को सड़क किनारे घर नहीं बनाना चाहिए क्योंकि वहाँ पर दिन रात वाहनों का शोर होता है।
2. सरकार ने हॉर्न के प्रयोग को भी वर्जित किया है ताकि प्रदुषण को नियंत्रित किया जा सके।
3. वाहनों की गति भी निर्धारित की जानी चाहिए।
4. शादियों में बजने वाले डीजे की सीमा अवधि भी 10 बजे तक कर दी गई है ताकि आस पास रहने वाले लोगों को सोने में परेशानी न हो।
5. रैलियों में लाउड स्पीकर का प्रयोग बंद किया जाना।
6. उद्योगों में प्रयोग होने वाली मशीनों की समय समय पर सर्विस की जानी चाहिए ताकि ज्यादा शोर उत्पन्न न हो।
निष्कर्ष- ज्यादा शोर शराबा सेहत के लिए हानिकारक है इसलिए कोशिश करे कि हम कम से कम ध्वनि वाले यंत्रो का ही प्रयोग करे और ध्वनि प्रदुषण को कम करें। हम सबको मिलकर ही ध्वनि प्रदुषण को कम करना होगा अन्यथा आने वाले समय में सब बेहरे ही होंगे।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Noise Pollution in Hindi – ध्वनि प्रदूषण पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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