यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में रक्षा बंधन पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Raksha Bandhan in Hindi Language for students of all Classes in 150, 350 and 450 words.
Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षा बंधन पर निबंध
Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षा बंधन पर निबंध (150 Words)
भारत में सभी त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। रक्षा बंधन भाई बहन का त्योहार है और उनके प्रेम का प्रतीक है। यह हर साल सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बाँध कर उनकी लंबी उमर की दुआ करती हैं और भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देते हैं। सभी लोग राखी के त्योहार को बड़ी खुशी के साथ बनाते हैं। इस दिन भाई अपनी बहन को तोहफे भी देते हैं। इस दिन बाँधी जाने वाली राखे रेशम के धागे, चाँदी और सोने की होती है। लोग घरों के बाहर राम सीता, राधे श्याम की पर्ची भी लगाते हैं। घर में तरह तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। इस दिन सरकार महिलाओं के लिए यातायात की सुविधा मुफ्त में उपलब्ध कराते हैं। शादीशुदा महिला अपने मायके जाकर अपने भाईयों को राखी बाँधती है।
Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षा बंधन पर निबंध (350 Words)
भूमिका – भारत में हर वर्ष अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। ये त्योहार हमारी सभ्यता एवं संस्कृति के रक्षक हैं। ये प्रेम और एकता का सन्देश देते हैं। इनसे जीवन में उल्लास एवं शक्ति का विकास होता है। ‘रक्षाबन्धन’ भी भारत का एक ऐसा त्योहार है। यह हमारा सांस्कृतिक त्योहार है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है – ‘रक्षाबन्धन’ का अर्थ है रक्षा का बन्धन। कहते हैं कि देवताओं और राक्षसों के मध्य हो रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए एक यज्ञ हुआ। इन्द्राणी ने देवताओं को बुलवाकर यज्ञ करवाया। इन्द्र के हाथ में उसने रक्षा का सूत्र बाँधा। इन्द्र की विजय हुई और राक्षस पराजित हुए। तभी से यह ‘रक्षाबन्धन’ का त्योहार आरम्भ हुआ। बाद में आचार्य लोग अपने शिष्यों एवं भक्तों के हाथों में रक्षा का सूत्र बाँधने लगे।
भारत में मुग़लकाल से भी यह त्योहार जुड़ा हुआ है। कहते है कि मेवाड़ के वीर महाराणा संग्राम सिंह की मृत्यु के बाद बहादुरशाह ने अपनी सेना सहित चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया। राणा संग्राम सिंह की दो पलियों कर्मवती और जवाहर बाई ने सेना सहित शत्रुओं से लोहा लिया। कर्मवती ने ऐसे समय में हुमायूं के पास राखी भेज कर उसे अपना भाई बनाया और सहायता के लिए प्रार्थना की। भाई बहिन के पवित्र रिश्ते की लाज रखने हुमायूं अपने दल बल सहित आया। तभी से इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ गया है।
कैसे मनाया जाता है – ‘रक्षाबन्धन’ से आठ दस दिन पहले बाजारों में सुन्दर और रंग बिरंगी राखियाँ आ जाती हैं। बहनें अपने दूर बैठे भाइयों के पास राखियाँ भेज देती हैं। रक्षा बन्धन के दिन भाई नहा धोकर जल्दी तैयार हो जाते हैं। बहनें आरती सजा कर उनकी आरती उतारती हैं और उनकी कलाई पर राखी बाँधती हैं। बहनें भाइयों के मुँह में मिठाई देती हैं और अपनी शुभ कामनाएँ देती हैं। भाई भी उन्हें रुपये कपड़े आदि भेट में देकर उनका सम्मान करते हैं।
उपसंहार – भारत के अन्य त्योहारों की तरह इस त्योहार का अपना महत्व है। यह भी प्रेम और एकता का प्रतीक है। हमें अन्य त्योहारों की तरह इस त्योहार को खुब धूम-धाम से मनाना चाहिए। राष्ट्र में स्नेह की धारा बहाने का यह सबसे सुन्दर साधन है।
Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षा बंधन पर निबंध (450 Words)
“रक्षा बंधन” हिन्दुओं का बड़ा पवित्र त्यौहार है। यह श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसका अर्थ है रक्षा के लिए बांधना। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर धागा बान्धती हैं। दूसरे शब्दों में वे अपने भाइयों से वचन लेती हैं कि वे सदैव उनकी रक्षा करेंगे।
प्राचीनकाल में रक्षा बंधन के रूप में मौली का धागा ही पर्याप्त था। लेकिन आजकल नई-नई किसम की चमकीली, भड़कीली एवं मनमोहक राखियां बाज़ार में बिकने लग गई हैं। इन राखियों को देखकर लड़कियों में कीमती से कीमती राखी खरीद कर भाई की कलाई में बान्धने की होड़ लग जाती है। ऐसा लगता है कि बहन के प्यार का अनुमान राखी की कीमत से जाना जाएगा। आजकल तो राखी का त्यौहार जहां बहन-भाई के प्यार को प्रकट करता है, वहां यह व्यापार का भी अच्छा साधन बन गया है । इस त्यौहार से लगभग एक सप्ताह पूर्व बाज़ारों में दुकानों पर राखियां ही राखियां दिखाई देती हैं। राखियां बनाने वाले भी नित्य नई किसम की राखियां बनाकर अपने व्यापार में वृद्धि करते हैं।
इस उत्सव पर बहनें बड़े चाव से राखियां खरीदती हैं। बहुत-सी विवाहिता लड़कियां तो अपने भाइयों को राखी बान्धने के लिए लम्बी यात्रा करके अपने मायके जाती हैं। लेकिन कुछ बहनें डाक द्वारा ही राखी भेज कर सन्तोष कर लेती हैं। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी इस त्यौहार को बड़े चाव से मनाते हैं। वे भाइयों की कलाई में राखी बान्ध कर उनके मस्तक पर तिलक करती हैं और मिठाई तथा फल भेंट करती हैं। भाई आशीर्वाद के रूप में बहनों को कुछ रुपए देते हैं।
इस अवसर पर छोटे-छोटे बच्चों की तो शोभा ही निराली होती है। अपने हाथों पर कई-कई राखियां बान्धे घूमते हुए बड़े प्यारे लगते हैं। ये उत्सव उन बहनों को अवश्य खलता है जिनके भाई नहीं होते। ऐसी लड़कियां अपने रिश्ते के भाइयों को या ओस-पड़ोस में मुंह-बोले भाइयों को राखी बान्ध कर सन्तोष कर लेती हैं।
इस त्यौहार का बड़ा महत्व है। इतिहास बताता है कि राजस्थान की रानी कर्मवती ने एक मुस्लिम राजा हुमायूं को राखी भेज कर रक्षा करने के लिए प्रार्थना की थी। हुमायूं ने अपने मन्त्रियों के विरोध की भी चिन्ता न करके राखी भेजने वाली अपनी बहन कर्मवती की रक्षा करने का निश्चय किया। लेकिन दुःख की बात यह है कि हम आज इस राखी में छिपी भावना को भूल चुके हैं। आज यह दिखावे का त्यौहार अधिक है लेकिन सच्चे दिल से इस त्यौहार को मनाना चाहिए और हर स्थिति में अपनी बहनों की रक्षा करने का प्रण लेना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षा बंधन पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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