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Essay on Football in Hindi – फुटबॉल पर निबंध
फुटबॉल पर निबंध – Short Essay on Football in Hindi 100 words
फूटबाल एक आउटडोर खेल है जो कि खुले मैदान में दो टीमों के मध्य खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं और दोनों टीम की अलग अलग युनिफोर्म होती है। फूटबाल के लिए आयातकार मैदान, बोल और दो गोल पोस्ट की आवश्यकता होती है। इस खेल में बोल को पैरों से ठोकर मारते मारते दूसरी टीम के गोल पोस्ट के अंदर डालना होता है जिससे गोल होता है। सीमित समय में अधिक गोल करने वाली टीम जीत जाती है। फूटबाल के खेल में गोलकीपर के अलावा किसी को भी बोल हाथ से छुने की अनुमति नहीं होती है। फूटबाल लोगों के बीच एक प्रिय खेल है।
फुटबॉल पर निबंध – Essay on Football in Hindi 200 words
आधुनिक युग में भी फूटबाल सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला खेल है। फूटबाल दो टीमों के बीच खेले जाना वाला आउटडोर खेल है जिसमें प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। फूटबाल खेलने के लिए एक बाल, दोनों छौर पर गोल पोस्ट और आयातकार मैदान की आवश्यकता होती है। फूटबाल के खेल में प्रत्येक टीम अपने पैरों से ठोकर मारकर बोल एक खिलाड़ी से दूसरे खिलाड़ी को देते हैं और दूसरी टीम के गोल पोस्ट में गोल करते हैं। सीमित समय में अधिक गोल करने वाली टीम जीत जाती है। अंतराष्ट्रीय फूटबाल का मैच 90 मिनट का होता है जिसमें 45-45 मिनट के दो अंतराल होते हैं। इसमें बीच में 15 मिनट का ब्रेक लिया जाता है।
फूटबाल के खेल में केवल गोलकीपर को ही बोल हाथ से छुने की अनुमति होती है। फूटबाल के मैदान की लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 75 मीटर होती है। फूटबाल की बाल का औसत वजन 14 औस से कम होता है। फूटबाल के खेल की देखरेख करने के लिए फेडरेशन इंटरनेशनल दी फूटबाल एशोसिएशन (फीफा) की स्थापना 1904 में पेरिस में की गई थी। हर 4 साल बाद फीफा द्वारा फूटबाल प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया जाता है। फूटबाल सेहत के लिए भी बहुत ही लाभदायक है। इसे खेलने से सभी रोग दूर हो जाते हैं और व्यक्ति चुस्त रहता है।
Essay on Football in Hindi Language – फुटबॉल पर निबंध ( 300 words )
भूमिका- फूटबाल लोगों के बीच प्रिय खेल है जिसे खुले मैदान में खेला जाता है। फूटबाल खेलने के लिए एक बाल, आयातकार मैदान और दो गोल पोस्ट की आवश्यकता होती है। यह खेल दो टीम के बीच खेला जाता है जिसमें प्रत्येक टीम में 11-11 खिलाड़ी होते हैं।
इतिहास और देखरेख-
वैसे तो फूटबाल का इतिहास 700-800 साल पुराना माना जाता है लेकिन यह लोगों के बीच प्रसिद्ध 100 साल से ही हुआ है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत 1863 में इंग्लैंड से हुई थी। पहले इस खेल को बोल को केवल पैर से ठोकर मार मार कर खेला जाता था लेकिन अब धीरे धीरे इसमें नियम बनते चले गए और इसने एक अंतर्राष्ट्रीय खेल का रुप ले लिया। वर्तमान में फूटबाल की देखरेख फेडरेशन ओफ इंटरनेशनल फूटबाल कोंसिल ( फीफा) के द्वारा की जाती है और वह चार साल बाद फूटबाल की प्रतियोगिता का भव्य आयोजन करते हैं।
फूटबाल के नियम-
इस खेल में मैदान के दोनों छोर पर गोल पोस्ट लगे हुए होते है और टीम के खिलाड़ियों को पैर से एक दुसरे को बोल पास करते हुए दूसरी टीम के गोल पोस्ट में बोल डालना होता है। इस तरह से खेल के अंत में अधिक गोल करने वाली टीम जीत जाती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह खेल 90 मिनट का होता है जिसमें 45-45 मिनट के दो अंतराल होते हैं और 15 मिनट का ब्रेक भी होता है। फूटबाल के खेल में गोलकीपर के अलावा किसी भी खिलाड़ी को बोल हाथ से छुने की अनुमति नहीं होती है।
निष्कर्ष-
फूटबाल का खेल मनोरंजन का बेहतरीन साधन है और साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही लाभदायक है। स्कूलों और कोलेजों में विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के लिए उनके द्वारा यह खेल खेला जाता है। फूटबाल बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सबके द्वारा पसंद किया जाता है।
Short Essay on Football in Hindi Language – फुटबॉल पर निबंध (400 words)
भारत में अनेक खेल खेले जाते हैं, लेकिन इन सब खेलों में मुझे हाकी और फुटबाल के खेल अच्छे लगते हैं। जहां भी इनमें से कोई खेल हो मैं उसे देखने अवश्य जाता हूं। कल हमारे शहर में पाकिस्तान और भारत की फुटबाल की टीमों का मैच था। प्रवेश टिकटों पर था। मैंने 10 रुपए की टिकट लेकर अग्रिम पंक्ति में स्थान प्राप्त किया। मैच ठीक चार बजे आरम्भ हो गया। पाकिस्तान की टीम ने टास जीत कर सबसे पहले गेंद को किक किया। दोनों ओर की टीमों के खिलाड़ी बड़ा सुन्दर चेलते थे। गेंद मैदान के लगभग बीच ही रहा। ऐसा लगता था कि दोनों ओर के गोल कीपर आराम करने के लिए आए हैं। आधे घण्टे तक लगभग यही स्थिति रही। लेकिन देखते ही देखते भारत की टीम का सैण्टर फार्वर्ड गिर पड़ा।
अतः पाकिस्तान को मौका मिल गया । पाकिस्तान का कप्तान गेंद को सीधा भारत की डी में ले गया। यहाँ भारतीय खिलाड़ियों के जमाव में से गेंद को निकाल कर ले जाना उसके लिए बड़ा कठिन था परन्तु दुर्भाग्य से भारत के एक खिलाड़ी को हाथ फुटबाल को लग गया। इससे भारत के विरुद्ध पैनल्टी स्ट्रोक का दण्ड दिया गया । पाकिस्तान के कप्तान ने इसे भारत के विरुद्ध गोल, में बदल दिया। गोल होते ही आधा समय व्यतीत हो गया । आधे समय के बाद खेल पुन: आरम्भ हुआ। इस बार भारत के खिलाड़ी पाकिस्तान के विरुद्ध गोल करने के लिए बड़ा जोर लगा रहे थे । पाकिस्तान के खिलाड़ी अब गोल करने के नहीं, गोल बचाने के प्रयत्न में थे। समय तेज़ी से बीत रहा था लेकिन भारत को सफलता प्राप्त होती दिखाई नहीं देती थी। खेल के अन्तिम समय में एक फ्री किक में भारत ने गेंद को पाकिस्तान की डी तक पहुंचा दिया।
वायु की गति से भागने वाला भारत का कप्तान वहां पहुंच गया। उसी समय पाकिस्तानी गोल कीपर ने फुटबाल को किक लगा कर बाहर किया, परन्तु उसके किक मारते ही भारत के कप्तान ने सिर से फुटबाल को ऐसे पाकिस्तान के गोल में सरका दिया कि सब देखते रह गए। इस प्रकार गोल बराबर हो गया। पाकिस्तानी हक्के-बक्के रह गए और भारतीयों का साहस खूब बढ़ गया। इसी जोश में एक बार गेंद पुनः पाकिस्तान की ओर लुढ़क गया और सीधा गोल में चला गया। गेंद इतना तेज़ था कि पाकिस्तान के गोल कीपर के हाथों से निकल गया। इस प्रकार भारत एक गोल से विजयी हुआ। साथ ही खेल का समय समाप्त हो गया।
फुटबॉल पर निबंध – Essay on Football in Hindi for Kids 500 Words
फुटबॉल मेरा पसंदीदा गेम है क्योंकि यह काफी चुनौतीपूर्ण और दिलचस्प खेल है मैं 6 साल का था जब मैं फुटबॉल खेलना शुरू किया था। तब से यह मेरा जुनून बन गया है इसे “राजा खेल” भी कहा जाता है और यह पूरी दुनिया में सबसे प्रसिद्ध खेल है। दैनिक हमारे स्कूल में 30 मिनट की खेल अवधि है मैं हर दिन अपने स्कूल के मित्रों के साथ खेल अवधि में फुटबॉल खेलता हूं। भारत में भी फुटबॉल व्यापक लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है यह शहरों, गांवों और कस्बों के बीच भी खेला जाता है इस खेल में इस्तेमाल की जाने वाली गेंद चमड़े की सामग्री से बाहर और डाकू मूत्राशय के अंदर से बनती है।
जब भी गेंद को लात मारने के कारण अपनी हवा कम हो जाती है तो उसे मूत्राशय में एक हवाई पंप से पंप किया जा सकता है और फिर से भराव किया जा सकता है। प्रत्येक स्तर पर लक्ष्य वाले आयताकार घास वाले मैदान का उपयोग फुटबॉल खेलने के लिए किया जाता है। मैदान का आकार 100 यार्ड लंबाई और 55 यार्ड चौड़ाई होना चाहिए ताकि फुटबॉल खेलना आवश्यक हो। जबकि मैच 2 टीमों के बीच खेला जाता है, ग्राउंड प्रत्येक पक्ष पर लक्ष्य पोस्ट वाले 2 समान पक्षों में विभाजित होता है। खेल प्रत्येक टीम में छह, सात या ग्यारह खिलाड़ियों वाले दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम का लक्ष्य है कि विपरीत टीम के लक्ष्य के अंदर गेंद को लात मार कर अंक हासिल करना।
यदि प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ियों का कुल योग है तो कुल में 1 गोलरक्षक, 2 पूर्ण बैक, 5 फ़ॉरवर्ड और 3 आधे पीठ हैं। कम खिलाड़ियों वाले टीम को तदनुसार समायोजित किया जाता है। आगे वाले खिलाड़ियों ने उनके विपरीत पक्ष में स्थित लक्ष्य पोस्ट के अंदर फुटबॉल को किक करने का प्रयास किया। लक्ष्य कीपर और पीठ लक्ष्यों को बचाने की कोशिश करते हैं। एक रेफरी जो लाइनों की मदद करती है, वह पूरे गेम को देखरेख करते हैं। इस खेल की कुल अवधि 90 मिनट है। दस मिनट के लिए समय समाप्त हो गया है जो टीम सफलतापूर्वक अधिक गोल करती है वह जीत टीम के रूप में घोषित की जाती है। कभी-कभी टीम में से कोई भी गोल नहीं करता है, या स्कोर के बराबर गोल नहीं है ऐसे मामलों में मैच खींचा गया मैच के रूप में घोषित किया जाता है।
जब मेरी टीम जीतती है तो मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पा रहा हूं मैं आक्रामक रूप से चिल्लाता हूं। मैं दीवाना हो गया। फुटबॉल खेल मुझे फिट, स्वस्थ रखती है और मेरी प्रतिरक्षा शक्ति को भी बढ़ाती है| मैं अपने स्कूल और साथ ही शहर में फुटबॉल प्रतियोगिताओं में सक्रिय रूप से भाग लेता हूं। फुटबॉल खेलने से मुझे ऊर्जावान बनाने और परीक्षाओं और अध्ययनों के कारण तनाव दूर करने में मदद मिलती है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Football in Hindi Language – फुटबॉल पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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