Here You Will Get Long and Short Speech on Environment in Hindi Language for School Students of all Classes in 350, 400 and 500 Words. सभी कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में पर्यावरण पर भाषण।
Speech On Environment In Hindi – पर्यावरण पर भाषण
Short Speech On Environment In Hindi Language – पर्यावरण पर भाषण ( 400 words )
पर्यायवरण दो शब्दों से मिलकर बना है परि और आवरण जिसका अर्थ है वह आवरण जो हमें चारों तरफ से घेरे हुए हैं। पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसपर पर्यायवरण है और उसी कारण धरती पर जीवन संभव है। पर्यायवरण हमें हमारे जीवन के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराता है। पर्यायवरण के अंतर्गत सभी पेड़ पौधे पहाड़ झरने जीवित और अजीवित वस्तुएँ सम्मलित है। पर्यायवरण हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है। यदि हमारे पास अच्छा वातावरण है तो वह हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में सहायता करता है और तदि वातावरण में गंदगी हो तो मनुष्य बिमार और चिड़चिड़ा रहता है।
पर्यायवरण भी दो तरह के होते हैं। पहला जो हमें भगवान ने दिया है और प्राकृतिक है और दुसरा जो मानव ने अपनी सहुलियत के अनुसार निर्मित किया है और उसे मानव निर्मित या कृत्रिम पर्यायवरण कहा जाता है। पर्यायवरण भगवान का दिया हुआ सबसे अमूल्य उपहार है जिसकी सुरक्षा करना हम सबका कर्तव्य है।
समय के साथ साथ मनुष्य इतना स्वार्थी हो चुकी है कि वह अपने आस पास के पर्यायवरण को हानि पहुँचाता जा रहा है। तरक्की की होड़ में वह भूल गया है कि पर्यायवरण के बिना जीवन संभव नहीं है। वह निरंतर पेड़ो को काटता जा रहा है। स्वच्छता का भी ध्यान नहीं रखता है और साथ ही पर्यायवरण को दुषित करता जा रहा है। समय के साथ साथ मनुष्य ने प्लास्टिक का प्रयोग बढ़ा दिया है जिससे पर्यायवरण को बहुत हानि हो रही है और यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन पर्यायवरण नहीं होगा जिस कारण पृथ्वी पर मनुष्य नहीं होंगे और सिर्फ प्लास्टिक ही प्लास्टिक होगा। मनुष्य की गतिविधियों और बनाए गए कारखानों के कारण पर्यायवरण निरंतर अपना सौंदर्य खोता जा रहा है। दुषित वातावरण में रहने के कारण बिमारियाँ बढ़ रहीं है और लोगों का जीवनकाल कम होता जा रहा है।
पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व बनाए रखने के लिए और लोगों को अच्छा स्वास्थय प्रदान करने के लिए पर्यायवरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखना अत्यधिक अवश्य है। लोगों में पर्यायवरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 5 जुन को पर्यायवरण दिवस भी मनाया जाता है। हम सब लोगों को मिलकर पर्यायवरण को स्वच्छ रखना चाहिए। पर्यायवरण आज के समय का सबसे बड़ा मुद्दा है जिसपर हमें गंभीरती से विचार करना चाहिए। हमें पेड़ो को काटने की बजाय ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। प्लास्टिक को भी पर्यायवरण पर हावी नहीं होने देना चाहिए। पर्यायवरण की सुरक्षा के लिए हमें ऐसी चीजों का प्रयोग करना चाहिए जिन्हें बार बार प्रयोग में लाया जा सके।
Speech On Environment In Hindi – पर्यावरण पर भाषण ( 350 words )
नमस्ते दोस्तों, मैं 21 वीं सदी में हम सभी को प्रासंगिकता के विषय पर बात करना चाहता हूं।
परिचय:
हमारे पर्यावरण हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है यह हमारे लिए मुख्य स्रोत है कि हम खाने, खेलने, काम, आनंद, चलना, श्वास, सुनना या पीने से भोजन प्राप्त करें। वातावरण मूल रूप से वातावरण है, और आसपास के भौगोलिक क्षेत्र। हम बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि हमारे जीवन की गुणवत्ता हमारे पर्यावरण पर निर्भर करती है।
बहुत पहले, लोग खुद को पर्यावरण के अनुकूल रहते थे और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचा सकते थे। इन दिनों में हम पर्यावरण को नुकसान और अपमानजनक बना रहे हैं, और इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रौद्योगिकी और विज्ञान की शक्ति ने मनुष्य को स्वार्थी और अंधाधुंध उपयोग के लिए पर्यावरण का फायदा उठाने में सक्षम बनाया है। यह सभी के लिए समस्या पैदा कर रहा है।
चिंता के कारण हैं:
1. वनों की कटाई,
2. जनसंख्या और रैपिड शहरीकरण का विकास
3. जैव विविधता का नुकसान
4. वायु प्रदूषण (ग्रीन हाउस गैस), जल प्रदूषण पीने, जहरीले रसायनों के मिश्रण से नदी के प्रदूषण, प्लास्टिक।
5. ग्लोबल वार्मिंग और ओजोन परत की कमी
6. भूमिगत जल, तेल और गैस भंडार और खनिजों जैसे प्राकृतिक संसाधनों की कमी।
हमारे तर्कहीन या स्वार्थी कार्यों का प्रभाव:
अकाल, असुविधाजनक बारिश, चक्रवात, ध्रुवीय बर्फ पिघलने, पारिस्थितिक असंतुलन, भूमि के क्षरण में वृद्धि, पराबैंगनी विकिरण से कम सुरक्षा, प्रदूषण के बीच रोगों और जीवन और इतने पर।
हमें बताएं कि हमें क्या करना है:
हमें पर्यावरण के लिए हमारे विनिर्माण और घरेलू उत्पाद उपयोग प्रक्रियाओं को अनुकूलित करना होगा। हमें कम करने योग्य, पुन: प्रयोज्य, पुनर्योजी और पुन: प्रयोज्य तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। विभिन्न देशों और संयुक्त राष्ट्र संगठनों की सरकारों को एक वैश्विक स्तर पर कार्रवाई करना चाहिए।
निजी निगमों के कार्यों की दीर्घकालिक नियोजन और निगरानी की आवश्यकता है। युवा को शिक्षित करना चाहिए ताकि इसे फायदा उठाने के बजाय पर्यावरण के अनुरूप रहना चाहिए।
निष्कर्ष:
हम में से प्रत्येक के पास हमारे पर्यावरण की रक्षा करने की भूमिका और जिम्मेदारी है। केवल यही कि हमारी धरती पर हमारी तरफ बचाता है।
Speech On Environment In Hindi – पर्यावरण पर भाषण ( 500 words )
भूमिका- पर्यावरण एक ऐसा आवरण है जो हमें चारों तरफ से घेरे हुए है। इस आवरण के बिना धरती पर जीवन संभव नहीं है। जितनी भी चीजे हमारे पास है जीवित, अजीवित ,चल,अचल ,हवा, पानी सभी मिलकर पर्यावरण को बनाते है। पर्यावरण का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। एक अच्छा पर्यावरण हर मनुष्य की चाहत होती है। शुद्ध पर्यावरण में ही मनुष्य का सही विकास हो सकता है। मनुष्य की गतिविधियों के कारण पर्यावरण धीरे धीरे दुषित होता जा रहा है। दुषित पर्यावरण मनुष्य के लिए हानिकारक है।
पर्यावरण के प्रकार-
मनुष्य ने इतनी तरक्की कर ली है कि वह हर चीज को आधुनिक बनाता जा रहा है। मनुष्य ने पर्यावरण की भी नकल कर ली है। उसने अपनी सहुलियत के हिसाब से कृतरिम पर्यावरण भी बना लिया है।
पर्यावरण के दुषित होने के कारण-
मनुष्य अपनी प्रगति की होड़ में निरंतर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता जा रहा है। वह भूल गया है कि जिस पर्यावरण को वो अपनी गतिविधियों से दुषित कर रहा है उसके बिना वह रह नही सकता। पर्यावरण के दुषित होने के निम्नलिखित कारण है-
1. मनुष्य ने जो उघोग लगाए है उनसे रसायन निकलते है जो हमारी मौलिक आवश्यकता हवा और पानी को दुषित करते है।
2. खुले में कचरा फेंकने से भूमि प्रदुषित होती है।
3. मनुष्य अपनी जरूरतों के लिए पेड़ो और जंगलो को काटता जा रहा है जिससे कि पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है।
4. लोगों के खुले में शोच के कारण भी पर्यावरण दुषित हो रहा है।
पर्यावरण के प्रभाव-
पर्यावरण मनुष्य के जीवन का एक अहम हिस्सा है। पर्यावरण मनुष्य पर शारीरिक और मानसिक दोनों तरीकों से प्रभाव डालता है। अगर पर्यावरण अच्छा होगा तो मनुष्य हमेशा स्वस्थ और खुशहाल रहेगा। दुषित पर्यावरण से बहुत सी बिमारियाँ फैलती है। इंसान तनाव में रहता है। दुषित पर्यावरण पेड़ पौधो और पशुओं के लिए भी हानिकारक है। हम मनुष्यों की गलती की सजा बाकि सभी जीवों को भी मिलती है।
पर्यावरण को दुषित होने से रोकने के उपाय-
पर्यावरण के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। धरती पर ही जीवन संभव है क्योंकि यहा पर पर्यावरण है। इसे दुषित होने से रोकने के निम्नलिखित उपाय है-
1. खुले में कचरा फेंकना बंद करना होगा और शौच जाना भी।
2.प्लास्टीक और पॉलिथीन का प्रयोग कम से कम करना होगा।
3.उघोगों से निकलने वाले रसायनों को पानी में मिलने से रोकना होगा इसके लिए उघोग शहर से दूर ही लगानो होगे।
4. पेड़ काटने की बजाय ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होगे।
5. सरकार ने भी पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाया है।
निष्कर्ष-
प्रकृति से उपहार के रूप में मिले पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सब की जिम्मेदारी है। अगर मानव जीवन चाहते हो तो पर्यावरण को शुद्ध रखना ही होगा। मनुष्य को तरक्की की होड़ में यह नही भूलना चाहिए कि उसको पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए। उसे इस अमूल्य धरोहर को आने वाली पीढ़ी को भी स्वच्छ ही देना होगा।
हम आशा करेंगे कि आप इस भाषण ( Speech On Environment In Hindi – पर्यावरण पर भाषण ) को पसंद करेंगे।
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