Essay on Importance of Discipline in Hindi Language. Anushasan ka Mahatva Essay in Hindi Language for Kids and Students of all classes in 100, 200, 400, 500 and 600 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में अनुशासन का महत्व पर निबंध मिलेगा। Essay on Anushasan ka Mahatva in Hindi
Anushasan ka Mahatva Essay in Hindi – अनुशासन का महत्व पर निबंध
Anushasan ka Mahatva Essay in Hindi Language – अनुशासन का महत्व पर निबंध ( 100 words )
अनुशासन का अर्थ होता है नियमों का पालन. प्रत्येक प्राणी के जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व होता है । अनुशासन केवल मनुष्य में ही नहीं बल्कि प्रकृति में भी देखा जा सकता है। प्रकृति की प्रत्येक वस्तु अनुशासित है । समय पर सूर्य निकलता है और समय पर डूबता है, अलग-अलग समय पर अलग ऋतु आती है और चली जाती है । उड़ते हुए पक्षियों से लेकर कतार में चलते हुई चीटियां भी हमें अनुशासन का संदेश देती है । हम चाहे खेल के मैदान में हो या फिर विद्यालय में, घर में हो या फिर सड़क पर, हमें हर वक्त अनुशासन का पालन करना चाहिए । हमें सरकार, समाज या अन्य किसी संस्था से बनाए गए अनुशासन को मानना चाहिए ।
Short Essay on Anushasan ka Mahatva in Hindi – अनुशासन का महत्व पर निबंध ( 200 words )
अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है अनु और शासन। अनु का अर्थ है अनुसरण करना और शासन का अर्थ है नियमोें का अर्थात अनुशासन का अर्थ है नियमोें का पालन करना। अनुशासन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अहम भूमिका निभाता है और यहीं व्यक्ति को समाज में रहने योग्य बनाता है। अनुशासन के अन्तर्गत समय का पालन करना, बड़ो का आदर करना, छोटो से प्यार करना, साफ सफाई रखना आदि आता है। अनुशासन में रहने की प्रेरणा हमें प्रकृति से लेनी चाहिए। सूर्य का उदय और अस्त निर्धारित समय पर होता है। ऋतुएँ भी निर्धारित समय पर बदलती है और अनुशासन का पालन करती है। समाज में अनुशासन मे रहने वाले व्यक्ति को ही अच्छा और सभ्य समझा जाता है। अनुशासन दो तरह का होता है। पहला जो व्यक्ति में आंतरिक रुप से मौजूद होता है और दूसरा जो व्यक्ति पर जबरदस्ती डाला जाता है।
विद्यार्थी जीवन में तो अनुशासन का अधिक महत्व है क्योंकि यह ऐसा समय होता है जब बच्चे में सदगुणों को डाला जा सकता है और उन्हें अनुशासन प्रिय जीवन व्यतीत करना सिखाया जा सकता है। अनुशासन हीन मनुष्य का जीवन पशु के समान है जबकि अनुशासन में रहने वाले व्यक्ति के कदमों में हमेशा सफलता रहती है। हम सबको भी अपने जीवन में अनुशासन को अपनाना चाहिए और सफल व्यक्ति बनना चाहिए।
Essay on Anushasan ka Mahatva in Hindi – अनुशासन का महत्व पर निबंध ( 400 words )
अनुशासन का मतलब होता है कि अपने जीवन में कुछ नियम बनाकर चले और साथ ही समय का सदुपयोग करते हुए अपना जीवन जिए । हमारे जीवन का हर एक श्रण मूल्यवान है अगर हम जीवन को बिना अनुशासन के जीते हैं तो हमेशा ही दुख और असफलता का मुंह देखना पड़ता है । अनुशासन का महत्व यह नहीं होता है कि आप अपनी इच्छा अनुसार अपना जीवन नहीं जी पाएंगे,बल्कि इसका मतलब यह होता है कि आपको हर कार्य समय पर और व्यवस्थित ढंग से करना होता है । जैसे सुबह उठने से लेकर स्कूल जाने तक, ऑफिस जाने तक, किसी जरूरी कार्य को करने जाने तक,अगर आप इन कार्यों को समय पर सही ढंग से नहीं करते हैं तो आप जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं, बल्कि जीवन में हमेशा ही निराशा हाथ लगती है ।
अगर आप जीवन को अनुशासन से जिएंगे तो आप जीवन में सिर्फ सफल ही नहीं, बल्कि लोग आपका आदर और सम्मान भी करेंगे । अनुशासन का महत्व यह भी होता है कि वह बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें उनसे आदर-भाव से बातचीत करें । अपने जीवन में एक बात गांठ बांधकर चले कि हमें हमेशा समय का सदुपयोग करना है और जीवन को अनुशासन से जीना है तभी हमारे जीवन जीना सफल हो पाएगा । संसार के सभी सफल व्यक्ति अनुशासन की राह से गुजरे हैं, उनका उभरता हुआ उदाहरण है गांधी जी.
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की आवश्यकता
अनुशासन की आवश्यकता सभी उम्र के लोगों को जीवन में कदम-कदम पर होती है। छात्र जीवन, मानव जीवन की रीढ होता है । इस काल में सीखा हुआ ज्ञान और अपनाई हुई आदतें जीवन भर काम आती है । इस कारण छात्र जीवन में अनुशासन की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है । अनुशासन के अभाव में छात्र प्रकृति प्रदत्त शक्तियों का ना तो प्रयोग कर सकता है और ना तो जिंदगी में सफल हो पाता है । छात्र ही सभी देश के भविष्य होते हैं, अंत: छात्रों का अनुशासन रहना समाज और राष्ट्र के हित में होता है ।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का सर्वाधिक महत्व है । विद्या अध्ययन करते समय विद्यार्थी में जो संस्कार डाल दिये जाते है वह जीवन पर्यन्त चलते रहते है । बाल्यकाल, एक तरह से बीज बोने का काल है । बाल्यकाल मिट्टी के बर्तन के समान है । अतः विद्यार्थियों में बचपन से ही अनुशासन का विकास किया जाना चाहिए ।
Essay on Anushasan ka Mahatva in Hindi Language – अनुशासन का महत्व पर निबंध ( 500 words )
भूमिका- अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है अनु और शासन। शासन का अर्थ है नियम और अनु का अर्थ है उनका अनुसरण करना अथवा उनका पालन करना यानि कि अनुशासन का अर्थ है नियमों का पालन करना। अनुशासन ही है जो किसी भी व्यक्ति को समाज में रहने के लायक बनाता है और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में इसका बहुत महत्व है। बड़ो का आदर करना, छोटों से प्यार करना, अध्यापकों का कहना मानना, साफ सफाई रखना और समय का पालन आदि करना अनुशासन के अंतर्गत ही आते हैं। हमें अनुशासन में रहने की प्रेरणा प्रकृति से लेनी चाहिए क्योंकि वह भी अपने सारे कार्य समय से ही करती है। ऋतुओं का आगमन एक निर्धारित समय पर होता है और सूर्य भी निर्धारित समय पर ही उदय होता है और उसका अस्त भी निर्धारित समय पर होता है। बच्चों को अनुशासन उनके माता पिता के द्वारा सीखाया जाता है और इसका विकास स्कूल में शिक्षकों के द्वारा किया जाता है। अनुशासन हीन मनुष्य का जीवन व्यर्थ है और समाज में किसी के भी द्वारा उसकी सराहना नहीं की जाती है।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व-
विद्यार्थी जीवन में तो अनुशासन का ओर भी अधिक महत्व है। अनुशासन दो प्रकार का होता है। पहला आंतरिक जो कुछ मनुष्यों में पहले से ही विद्यमान होता है और दूसरा जो मनुष्य पर जोर जबरदस्ती लागू किया जाता है। विद्यार्थी जीवन वह समय होता है जब उनमें अच्छी आदतों को आसानी से डाला जा सकता है और वह आदतें उनमें हमेशा विद्यमान रहती है और उनका पूर्ण विकास होता है। बच्चे को समय का पालन करना, मैत्री भावना रखना और समाज के बनाए गए सीमित दायरे में रहने की सीख स्कूल से ही मिलती है और वह समाज में रहने योग्य बनता है। विद्यार्थी जीवन में बच्चा पढ़ाई लिखाई, मित्रों और खेल कुद से अपने जीवन में अनुशासन को अपनाता है और अपने पूर्ण विकास की तरफ अग्रसर होता है।
अनुशासन के लाभ-
अनुशासन को सफलता की पूंजी कहा जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति अनुशासन में रहता है, सफलता उसके कदम हमेशा चूमती है। समाज में अनुशासन में रहने वाले व्यक्ति को ही उच्च समझा जाता है और उसे सभी के द्वारा पसंद किया जाता है। अनुशासन में रहने वाले व्यक्ति का जीवन अन्य लोगों से अधिक नियमित, सूचारु और सफल होता है। हर क्षेत्र में अनुशासन प्रिय लोगों को ही चुना जाता है क्योंकि एक सुव्यवस्थित जीवन जीने वाले व्यक्ति ही प्रत्येक कार्य को निपुणता से कर सकता है।
निष्कर्ष-
अनुशासन मनुष्य जीवन का एक अभिन्न अंग है जिसके बिना मनुष्य का पूर्ण विकास संभव नहीं है। अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन पशु के समान है। आज तक जितने भी महापुरुष हुए हैं उनकी सफलता का एकमात्र रहस्य उनका अनुशासन प्रिय जीवन था। देश के विकास के लिए भी अनुशासित नागरिकों का होना अनिवार्य है। अनुशासन की जरुरत व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में होती है। इसलिए हमें चाहिए कि हम सब भी अनुशासन को अपने जीवन में अपनाए और इससे दूर न भागे।
Anushasan ka Mahatva Essay in Hindi – अनुशासन का महत्व पर निबंध ( 600 words )
अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है अनु और शासन जिसका अर्थ है नियमों और शासनों का पालन करना। अनुशासन स्कूल, कार्यालय, खेल का मैदान और यहां तक की घर में भी आवश्यक है। जो व्यक्ति अनुशासन में नहीं रहता है उसका जीवन व्यर्थ है और वह कभी भी सफलता को प्राप्त नहीं कर सकता है। अनुशासन के अंतर्गत बड़ो का आदर करना, छोटों से प्यार करना, बड़ों की आज्ञा का पालन करना और सभी काम समय पर करना आता है। अनुशासन में रहने की प्रेरणा हमें प्रकृति से लेनी चाहिए क्योंकि प्रकृति में मौजूद सूरज चांद, पशु पक्षी सभी अनुशासन का पालन करते हैं। सूर्य और चांद अपने निर्धारित समय पर ही उदय होते हैं और निर्धारित समय पर ही अस्त होता है। पक्षी पंक्ति में उड़ते हैं और चीटियाँ भी कतार में चलती है। हमारी प्रकृति हमें समय पर कार्य करना और अनुशासन में रहना सिखाती है।
अनुशासन के प्रकार-
अनुशासन के दो प्रकार होते हैं। पहला बाहरी अनुशासन जिसमें व्यक्ति किसी के दवाब में नियमों का पालन करता है। यह अनुशासन व्यक्ति में बल, भय और शक्ति से डाला जाता है। दूसरा आंतरिक अनुशासन जो व्यक्ति में बचपन से ही होता है और वह हर कार्य नियमबद्ध और अनुशासन पूर्ण तरीके से करना पसंद करता है।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन-
वैसे तो अनुशासन सभी के लिए अनिवार्य होता है लेकिन विद्यार्थी जीवन में इसका विशेष महत्व है क्योंकि यह वह समय होता है जब बच्चो में अच्छी आदतों को डाला जा सकता है और उन्हें नियमों का पालन करना सिखाया जा सकता है जिसे वह जिंदगी भर नहीं भूलते है। बच्चे स्कूल में निर्धारित समय पर जाते हैं, अध्यापकों की आज्ञा का पालन करते हैं, खेल को सद्भावना से खेलते हैं, एक दूसरे का सहयोग करते हैं, विद्यालय के कड़े नियमों का पालन करते हैं और इस तरह उनमें अनुशासन स्थापित होता है जो उन्हें सफल बनने में मदद करता है।
आज का युग-
आज के युग में व्यक्ति अनुशासन के महत्व को भूलता जा रहा है और भोग विलास की तरफ आकर्षित होता जा रहा है। बच्चे भी बड़ो का आदर करना भूल गए हैं और उनकी आज्ञाओं का उल्लंघन करने लगे हैं। बच्चे किसी भी कार्य को समय से नहीं करते हैं अपितु व्यर्थ के कार्य में समय को नष्ट करते हैं। आज के विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता आमतौर पर दिखाई देती है जिसका मुख्य कारण माता पिता की लापरवाही और गलत संगति है। इसलिए हमें चाहिए कि बच्चों को बचपन से ही नियमों का पालन करना सिखाना चाहिए और अनुशासन का पाठ पढ़ाना चाहिए।
अनुशासन का महत्व-
अनुशासन सफलता की सबसे बड़ी चाबी हुई है। आज तक जितने भी महापुरुष हुए हैं उन्होंने अनुशासन पूर्ण जीवन व्यतीत किया है और सफलता प्राप्त की है। अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति सभी के द्वारा पसंद किया जाता है और वह एक सभ्य समाज के निर्माण में भी सहायता करता है। जीवन में सफल बनने के लिए व्यक्ति को अनुशासन के मार्ग पर ही चलना पड़ता है। यह पथ कठिन जरूर है मगर नामूमकिन नहीं।
निष्कर्ष-
हम सबको अनुशासन को अपने जीवन का अंग बनाना चाहिए और इसी में रहकर जीवन यापन करना चाहिए। अनुशासन व्यक्ति को सुव्यवस्थित बनाता है और बुद्धि का विकास करता है। व्यव्स्था के कारण व्यक्ति कम समय में भी अधिक कार्य कर लेता है जिससे सभी को हैरानी होने लगती है। अनुशासन से ही जीवन का संपूर्ण विकास संभव है। नियम में रहकर कार्य करने से समय और शक्ति दोनों की बचत होती है और सफलता व्यक्ति के कदम चुमती है और उसका जीवन दुसरों के लिए आदर्श बन जाता है। अत: हमें इससे भागना नहीं चाहिए अपितु इसके पालन की आदत डालनी चाहिए।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Anushasan ka Mahatva Essay in Hindi Language – अनुशासन का महत्व पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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