यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में दहेज प्रथा पर निबंध मिलेगा। Dahej Pratha Par Nibandh in Hindi Language for students of all Classes in 400 and 800 words with full details.
Dahej Pratha Par Nibandh in Hindi – दहेज प्रथा पर निबंध
Dahej Pratha Par Nibandh in Hindi – दहेज प्रथा पर निबंध ( 400 words )
भूमिका- दहेज प्रथा एक कुरीति है जो कि हमारे समाज के लिए अभिशाप है। प्राचीन काल में माता पिता के द्वारा बेटी की शादी में दिए जाने वाले उपहार को दहेज कहा जाता था जिसे लड़के वाले निस्वार्थ लेते थे लेकिन समय के साथ साथ उसी दहेज ने लालच का रुप धारण कर लिया है। अब लड़के वाले विवाह के समय लड़की के माता पिता से नगद रुपये और महंगी वस्तुओं की मांग करते हैं और बहुत से लोग उन मांगो को पूरा करने में असमर्थ रह जाते हैं जिससे बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। आज की 21वीं सदी में भी दहेज प्रथा हमारे समाज में विद्यमान हैं जो देश को भीतर से खोखला कर रही है। दहेज प्रथा की स्टीक शुरुआत कब हुई यह मालूम नहीं लेकिन सती प्रथा और जाति प्रथा से इसको बढ़ावा मिला है।
दहेज प्रथा के प्रभाव-
दहेज प्रथा भ्रूण हत्या का भी एक प्रमुख कारण रही है। लोग बेटी के पैदा होने से ज्यादा उसके दहेज में होने वाले खर्च से चिंतित रहते हैं। कई बार दहेज की मांग न पूरी होने पर बारात वापसी लौट जाती है और यदि शादी हो भी जाए तो लड़की को बहुत सी प्रताड़नाओं को सहन करना पड़ता है और कई बार ससुराल वालों के द्वारा उसकी हत्या भी कर दी जाती है। दहेज प्रथा के कारण बहुत से लोग कर्जदार बन जाते हैं और वह अपने जीवन की सारी जमा पूंजी खो देते हैं। बहुत सी लड़कियां दहेज की प्रताड़ना से तंग होकर आत्महत्या भी कर लेती है।
दहेज प्रथा के समाधान-
सरकार ने दहेज प्रथा की बुराई को खत्म करने के लिए बहुत से कानून बनाए है। यदि कोई भी व्यक्ति दहेज लेता या देता पाया जाता है तो उसे सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। सरकार ने लड़कियों की पढ़ाई लिखाई और विवाह में मदद करने के लिए सुखद समृद्धि योजना भी शुरू की है। लड़कियों की प्रगति के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया है।
निष्कर्ष-
दहेज प्रथा को देश से खत्म करने के लिए आवश्यक है कि हम सब मिलकर प्रयास करे। जब तक यह कुरीति देश में विद्यमान रहेगी तब तक लड़कियां यूहीं मरती रहेगी और तब तक देश प्रगति नहीं करेगा। हम सबको इस बुराई के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए और यदि कहीं पर भी दहेज का लेन देन दिखाई दें तो तुरंत पुलिस को खबर देनी चाहिए ताकि धीरे धीरे ही सही पर देश सही राह पर चल सके।
Dahej Pratha Par Nibandh in Hindi – दहेज प्रथा पर निबंध ( 800 words )
भूमिका- भारत में दहेज प्रथा प्राचीन काल से ही विद्यमान है जिसने समय के साथ साथ कुरीति का रुप ले लिया है। पहले जब कोई माता पिता अपनी बेटी के विवाह पर उसे अपनी इच्छानुसार उपहार देते थे तो उसे दहेज कहा जाता था लेकिन समय के साथ साथ लोगों के लालच ने इस दहेज प्रथा को भयंकर रुप दे दिया और समाज को अंदर से खोखला कर दिया है। आजादी से पहले गांधी जी ने कहा था कि यदि पढ़े लिखे हो़ने के बावजूद भी आप दहेज लेते हो तो आप सभ्य नहीं हो लेकिन आज अजादी के इतने वर्षों के बाद भी दहेज प्रथा हमारे समाज में ज्यों की त्यों विद्यमान है। यह हमारे समाज के लिए कलंक है।
दहेज प्रथा के कारण-
दहेज प्रथा का सबसे बड़ा कारण लोगों की संकुचित मानसिकता है। उनकी मानसिकता यह है कि समाज में पुरुष ही प्रधान है और नारी को समाज में उच्च दर्जा नहीं दिया जाता है। इसके अलावा दहेज प्रथा के बढ़ने के ओर भी बहुत से कारण है-
1. लड़की में कोई कमी होना- जब कोई लड़की कम सुंदर होती है या उसमें कोई शारीरिक कमी होती है तो उससे विवाह करने के लिए लड़के वालों के द्वारा दहेज की मांग रखी जाती है। कई बार तो लड़के वाले नगद राशि की मांग भी रखते हैं।
2. लड़के का उच्च पद पर होना- जब कोई लड़का ज्यादा पढ़ा लिखा या फिर अच्छी नौकरी पर होता है तो तब भी उसके घर वाले उसकी खुशियों का मोल भाव करते हैं और विवाह के समय दहेज की मांग रखते हैं।
3. विवाह के लिए विज्ञापन- आज के युग में रिश्ते विज्ञापन के माध्यम से भी खोजे जाते हैं और रिश्ते की तलाश में लोग अपनी आय बढ़ा चढ़ा कर बताते हैं जिससे लड़के वालों के मन में लालच पैदा होता है और वह दहेज की मांग रखते हैं।
4. झूठा दिखावा- समाज में बहुत से लोग ऐसे है जो खुद को उच्च और अमीर दिखाने का प्रयास करते हैं और इसी की वजह से विवाह के समय लड़के वाले उनसे ज्यादा दहेज की मांग रख लेते हैं।
दहेज प्रथा के दुष्परिणाम-
दहेज प्रथा ने पूरे समाज को खोखला कर दिया है और साथ ही बहुत सी कुरीतियों को भी जन्म दिया है। लड़की के जन्म के वक्त माता पिता को उसकी पढ़ाई लिखाई से ज्यादा उसके विवाह की चिंता होती है और शादी में दिए जाने वाले दहेज के बारे में सोचकर और खुद को उसके लिए असमर्थ पाकर वह बेटी को जन्म ही नहीं देना चाहते और कन्या भ्रूण हत्या जैसे घिनौने अपराध को अंजाम दे देते हैं। दहेज की मांग पूरी ना हो पाने पर लड़के वाले बारात तक वापिस ले जाते हैं जिससे लड़की के परिवार वालो के आत्मसम्मान को बहुत ठेस पहुँचती है और यदि शादी हो भी जाए तो लड़की को ससुराल वालों और उनके रिश्तेदारों के द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है जिससे परेशान होकर लड़की आत्महत्या कर लेती है और रोज हमारे अखबार उनकी खुन की खबरों से ही रंगे होते हैं। दहेज प्रथा की वजह से लिंगानुपात में भी निरंतर गिरावट आ रही है जो कि देश के विकास के प्रतिकूल है।
दहेज प्रथा को रोकने के उपाय-
समाज को बेहतरीन बनाने और पुरुषों और महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के लिए दहेज प्रथा को रोकना अति आवश्यक है। इसके लिए सरकार ने दहेज प्रथा को गैर कानूनी घोषित किया है और दहेज के लोभियों को सख्त से सख्त सजा देने का प्रावधान रखा है। लोगों को खुद भी दहेज प्रथा खत्म करने के लिए कदम बढ़ाना होगा। उन्हें चाहिए कि वह जब भी कही दहेज के लेन देन को देखे तो तुरंत पुलिस को सुचना दे। लड़की और उसके घरवालों को चाहिए कि वह दहेज के खिलाफ आवाज उठाए और दहेज के लोभियों के साथ अपनी बेटी का विवाह न करें।
यदि किसी लड़की को शादी के बाद दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है तो उसे पुलिस की मदद लेनी चाहिए वरना अन्याय को सहने वाला भी अन्याय का भागीदार होता है। दहेज लेने वाले परिवार में लड़की को शादी करने से ही मना कर देना चाहिए और पढ़ लिख कर अपने माता पिता का नाम रोशन करना चाहिए। हमें इस समस्या का समाधान अपने व्यक्तिगत स्तर पर करना चाहिए और दहेज प्रथा को समाज से खत्म करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।
निष्कर्ष-
दहेज प्रथा हमारे समाज में निरंतर बढ़ती कुरीति है जिसने समाज और देश के विकास को रोक दिया है। हम सबको चाहिए कि हम अपनी संकुचित मानसिकता से थोड़ा बाहर निकले और समाज से इस बुराई को जड़ से खत्म करने का प्रयास करे। हम सबको इस बुराई को खत्म कर देश को उन्नत बनाना चाहिए। देश को विकसित बनाने के लिए समाज से इस कलंक को हटाना अति आवश्यक है और यह भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( दहेज प्रथा पर निबंध – Dahej Pratha Par Nibandh in Hindi ) को पसंद करेंगे।
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