यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में जीवन की अविस्मरणीय घटना पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph & Short Essay on Unforgettable Incident in My Life in Hindi Language for students of all Classes in 400 to 500 words.
Essay on Unforgettable Incident in My Life in Hindi – जीवन की अविस्मरणीय घटना पर निबंध
Essay on Unforgettable Incident in My Life in Hindi – जीवन की अविस्मरणीय घटना पर निबंध : भूमिका : जीवन सुख दुख का पुंज है। कभी सुख है तो कभी दुख। कभी धूप है तो कभी छाँव। परन्तु जीवन में कभी ऐसी घटनाएँ घटती हैं जो अपनी अमिट छाप छोड़ जाती हैं। ऐसी अविस्मरणीय घटनाएँ हम कभी नहीं भूलते।
कार्यक्रम : जुलाई का महीना था। गर्मी की छुट्टियों के दिन थे। मेरे मित्र सुरेश ने कृष्ण जन्म- भूमि ‘मथुरा देखने का कार्यक्रम बनाया। हमने अपनी कार में जाकर शाम को लौट आने का निश्चय किया। अतः आवश्यक सामान कार में रख कर हम प्रातः सात बजे अपने घर से निकले। ‘ताज एकसप्रेस’ हमारे सामने से निकली। मित्र की इच्छा थी कि हम ‘मथुरा’ इस गाड़ी से पूर्व पहुँचे। अतः कार की गति तीव्र कर दी गई और जी०टी० रोड से पलवल के पास बाई ओर छोटी सड़क ले ली गई। वह सड़क गाँव को जाती थी। हम शीघ्र ही ‘ कोसी गाँव में पहुँचे। वहाँ से कार फिर जी टी रोड की ओर मोड़ी। सड़क अच्छी नहीं थी। हमें जल्दी थी।
अतः टूटी सड़क पर तीव्र गति से चलने के चर का इलाज करने के लिए हमने कारण पिछले पहिये में पंचर हो गया। पंचर का इलाज करने दूसरा टायर देखा तो उसमें हवा कम थी। अब तो हमारे तोते उड़न तथा। जगल का मामला था। आकाश में कजरारे बादल थे। सुनसान मार्ग था। आधा घंटा बीत गया किन्तु कोई मार्ग नहीं सूझ रहा था। अचानक जोर से वर्षा होने लगी। एक पेड़ सड़क के किनारे तेज वायु के कारण गिर गया। हम अपनी कार में बैठे भगवान कृष्ण को याद करने लगे। साचा यदि मरना है तो पवित्र भूमि मथुरा में मरेंगे। यहाँ जंगल में मरने से क्या लाभ। वर्षा रुकने पर एक बैलगाड़ी आती दिखाई दी।
हमने बैलगाड़ी चालक को अपनी व्यथा सुनाई। उसे हम पर दया आ गई। शायद वह भी कृष्ण भक्त था। उसने मुझे अपनी गाड़ी पर बैठने की आज्ञा दी। मैं टायर को लेकर गाड़ी में बैठा। थोड़ी दूरी पर एक पैट्रोल पंप था। वहाँ से टयूब में हवा भरवा कर मैं उसी बैल गाड़ी द्वारा वापिस आया। हमने जैक लगा कर टायर बदला और मथुरा के लिए प्रस्थान किया। दोपहर को हम मथुरा पहुँचे। वहाँ से हम वृन्दावन होते हुए रात को आठ बजे घर पहुँचे। घर वाले बहुत चिन्तित थे। हमारे लौटने पर उन्होंने सुख की साँस ली। ऐसी घटना को मैं कभी नहीं भुला सका।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Unforgettable Incident in My Life in Hindi – जीवन की अविस्मरणीय घटना पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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