यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भ्रष्टाचार पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraphs, Short Essay on Corruption in Hindi Language/ Bhrashtachar Essay in Hindi for students of all Classes in 150, 200, 300, 500 and 600 words.
Essay on Corruption in Hindi – भ्रष्टाचार पर निबंध
भ्रष्टाचार पर निबंध- Short Essay on Corruption in Hindi in 200 Words
देश के विकास में बाधा डालने वाला सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार ही है। हमारा पुरा देश भ्रष्टाचार के चंगुल में फस चुका है। भ्रष्टाचार का अर्थ है रिश्वत लेना या देना यानि कि गैर कानुनी तरीके से धन कमाना। हमारे देश का हर व्यक्ति भ्रष्ट हो चुका है। रिश्वत से कमाया हुआ धन काला धन होता है जिससे कि देश की आर्थिक स्थिति खराब होती है। भ्रष्टाचार बेरोजगारी, काम जल्दी कराने के चक्कर में और आयकर की चोरी से फैलता है। भ्रष्ट लोगों में सबसे ज्यादा उच्च पदों पर नियुक्त लोग होते है। हमें भ्रष्टाचार को रोकना होगा ताकि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके अन्यथा देश का गरीब इंसान और गरीब होता जाएगा। सरकार ने भी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बहुत से काम किए है। नोटबंदी ने भ्रष्टाचार को काफी हद तक खत्म किया है। हमें भी रिश्वत न लेने और देने की कसम खानी होगी।
भ्रष्टाचार पर निबंध- Bhrashtachar Essay in Hindi – Essay on Corruption in Hindi in 300 Words
भ्रष्टाचार आज के समय की एक गंभीर समस्या बन चुका है। भ्रष्टाचार का मतलब है रिश्वत लेना या देना यानि कि अवैध तरीके से धन कमाना। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में रिश्वत लेने वाला और देने वाला दोनों बराबर जिम्मेदार होते है। भ्रष्टाचार के कारण देश की अर्थव्यवस्था खराब होती जा रही है। भ्रष्टाचार के अंदर चपरासी से लेकर नेता तक सभी भ्रष्ट हो चुके है। कोई बच्चों को नकल देकर तो कोई सरकारी पैसा खाकर। उच्च पदों पर नियुक्त लोग अपने पद का फायदा उठाते है और लोगों से रिश्वत लेते है।
भ्रष्टाचार एक फैलती हुई बिमारी की तरह है। कोई भी कार्य ऐसा नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार न होता हो। थोड़े समय पहले बिहार के मुख्यमंतरी लालु यादव को जेल भी हुई है क्योंकि उन्होनें पशु पालन के लिए जारी किए गए बजट के पैसों में करोड़ो का घोटाला किया था। सालों से पशु के चारे और दवाईयों के नकली बिल बनवाए जा रहे थे। छोटे अधिकारी से लेकर बड़े नेता तक हर कोई मिला हुआ था। इस तरह सभी भ्रष्ट हो चुके हैं।
लोगों से नौकरी के नाम पर रिश्वत ली जाती है। उच्च विश्व विद्यालयों में दाखिला लेने के लिए भी रिश्वत दी जाती है। लोग इनकम टैक्स की चोरी भी करते है जिससे कि भ्रष्टाचार बढ़ता है। भ्रष्टाचार के कारण देश के कौशल युवा बेरोजगार है और विदेशों की तरफ बढ़ रहे है। देश की आर्थिक स्थिति खराब है। गरीब लोग और गरीब होते जा रहे है। सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता गरीबों को नही मिल रही है। सरकारी कार्यों की प्रणाली ऐसी हो चुकी है कि वो पैसा लेकर ही काम करते है वरना सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते रहो। हम सब को मिलकर भ्रष्टाचार को रोकना होगा। हमारा और देश का विकास तभी होगा जब भारत भ्रष्टाचार मुक्त होगा। इसके लिए हमें स्टींग ओपरेशन करना होगा। सरकार ने भी जी.एस.टी.लागु किया है। नोटबंदी ने भी काला धन पकड़ने में बहुत मदद की है। अतः हम सब को मिलकर भ्रष्टाचार खत्म करना होगा।
भ्रष्टाचार पर निबंध- Essay on Corruption in Hindi in 500 Words
भूमिका- भ्रष्टाचार का अर्थ है रिश्वत लेना या देना यानि कि अवैध तरीके से धन कमाना और काले धन की जमाखोरी करना। रिश्वत लेने और देने वाला दोनों ही भ्रष्ट होतो है। दोनों ही भ्रष्टाचार को बढ़ाने में समान रूप से योगदान देते हैं। हमारे देश के नागरिकों में इतना कौशल है कि वो भारत को विश्व की महाशक्ति बना सकते है। लेकिन भ्रष्टाचार हमारे देश के विकास को दीमक की तरह खा रहा है। भ्रष्ट लोगों में सबसे ज्यादा बड़े बड़े नेता और उच्च पद के अधिकारी मौजुद है। आज के समय में भ्रष्टाचार इतना फैल चुका है कि इसकी कोई सीमा नहीं है। चपरासी से लेकर नेता तक सभी भ्रष्ट हो चुके है। कोई बच्चों को नकल का सामान पहुँचा कर तो कोई सरकारी पैसा चोरी कर कर। भ्रष्टाचार की वजह से देश की अर्थव्यवस्था खराब होती जा रही है।
( Reason of Corruption ) भ्रष्टाचार के कारण- निरंतर लोगों में बढ़ रही लालच के कारण वो धन कमाने के अवैध तरीके अपनाते है। भ्रष्टाचार उत्पन्न होने के निम्नलिखित कारण है-
1. बेरोजगारी- भारत की अधिकतर जनसंख्या गाँव में रहती है जहाँ के युवा बेरोजगार है । रोजगार दिलाने के नाम पर उच्च पद पर तैनात अधिकारी रिश्वत मांगते है जिससे कि भ्रष्टाचार बढ़ता है।
2. इउच्च विश्व विद्यालयों में दाखला- जो लोग किसी युनिवर्सटी में दाखिला लेने के योग्य नहीं होते वो पैसा देकर सीट खरीदते है।
3. काला धन- बहुत से लोग आयकर नहीं भरते और इनकम टैक्स चोरी करके काले धन को इकट्ठा करते है जो कि भ्रष्टाचार का ही हिस्सा है।
4. धीमी कार्य प्रणाली- हमारी कार्य प्रणाली बहुत ही धीमी है जिसके चलते लोग अपना काम जल्दी से करवाने के लिए पैसे का इस्तमाल करते हैं।
( Effects of Corruption ) भ्रष्टाचार के प्रभाव- भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रभाव कौशल युवाओं और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। बढ़ते हुए भ्रष्टाचार के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डगमगा गई है। इसरे बहुत से प्रभाव है-
1. गरीब लोग गरीब ही होते जा रहे है क्योंकि सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता गरीबों तक पहुँचने से पहले ही अफसरों द्वारा जब्त कर ली जाती है।
2. कौशल युवा बेरोजगार ही रह जाते है ।
3. रोजगार की तलाश में कौशल युवा विदेशों में जाते है और वहाँ पर समान निर्मित करके भारत में भेजते है जिससे कि महंगाई बढ़ती है।
( How to Stop Corruption ) भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय- देश के विकास के लिए भ्रष्टाचार को रोकना बहुत ही आवश्यक है और इसके लिए निम्नलिखित उपाय हैं-
1. अगर आपसे कोई अफसर किसी सरकारी काम के लिए रिश्वत मांगे तो आपको उसके खिलाफ स्टींग ओपरेशन करना चाहिए जिसके अंदर आप चोरी से उनका विडियो बनाना होगा।
2. सरकार ने जी.एस.टी.लागू किया ताकि काले धन की जमाखोरी बंद हो सके।
3. नोटबंदी ने भी काले धन को काफी हद तक खत्म किया है।
( Conclusion ) निष्कर्ष- हर एक व्यक्ति जो किसी भी तरीके से देश से गद्धारी कर रहा है भ्रष्ट है। आज का युग ऐसा हो चुका है कि पैसा फेंक तमाशा देख। अगर हम सब चाहते है कि हमारा और हमारे देश का विकास हो तो हम सबको भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा। न रिश्वत लेने और न रिश्वत देने की कसम खानी होगी अन्यथा भारत पिछड़ा हुआ देश बन जाएगा।
Essay on Bhrashtachar in Hindi – Short Essay on Corruption in Hindi Language- भ्रष्टाचार पर निबंध ( 600 Words )
भ्रष्टाचार आज एक विश्वव्यापी घटना है। हमारे अपने देश में, इसके लिए उच्च पदों वाले कुछ लोगों पर आरोप लगाया गया है।
एक भ्रष्ट व्यक्ति को उसके व्यवहार में अनैतिक, बेईमान और बेईमानी कहा जाता है। ईमानदारी, धार्मिकता और सच्चाई के लिए उनका उपेक्षा, समाज से अपने अलगाव में परिणाम करता है। उसका अपमान के साथ व्यवहार किया जाता है लेकिन जैसा कि मूल्यों के क्षरण को पतन हो जाता है, सामाजिक बुराई के लिए उपाय मायावी रहते हैं, और इसलिए अवमानना की कोई भी राशि भ्रष्टाचार का उन्मूलन नहीं कर सकती है जो अवनति का लक्षण है।
भ्रष्टाचार सबसे अधिक जहरीला है जब हर जगह संकट हर जगह समाज के अस्तित्व की धमकी देता है और जीवन में विश्वास हिल जाता है। यह हमेशा टाई जोंक की तरह रहा है, लेकिन जब सिस्टम कमजोर हो जाता है और बोट फ्लुंडर्स बढ़ता है, तो यह बोल्ड हो जाता है और अपने पीड़ितों को अपने खून की आखिरी बूंदों के नालियों से बाहर निकालता है।
पुरानी प्रणाली जो कमजोर होती है वह बढ़ती है और जीवन की पहेलियों को हल करने में विफल रहता है जो प्रति दिन अधिक जटिल होती है। तो पुरुषों को इसमें विश्वास खोना पड़ता है और इसे नीचे जाना पड़ता है। इस बिंदु पर, भ्रष्टाचार पूरे समाज को खत्म कर लेता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पुरानी प्रणाली अपने सभी मूल्यों के साथ एक खरबूजे में छोड़ दी गई थी। युद्ध के अप्रिय प्रभाव, मंदी और अवसाद, और असभ्यता में अपमानित और मरणासन्न दुनिया में अनिश्चितता ने आबादी के एक भाग में सनकवाद को प्रोत्साहित किया।
इस खंड में आवश्यक वस्तुओं में काम करने वाले सरकारी अधिकारी शामिल थे। उन्हें युद्ध के बाद के हालात, परेशान जल में मछली पकड़ने के लिए आदर्श और अमीर हो गए। उन्होंने एक तरह के दुष्चक्र का गठन किया जिसमें नैतिक मूल्यों और ईमानदार इरादों को वैध रूप से नहीं रखा गया। आवश्यक वस्तुएं में बढ़ती काला बाजार, बेबी-खाद्य, रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और आर्थिक, राजनीतिक और प्रशासनिक जोड़-तोलों का लाभ मिलाकर लाभ कमाई पर नजर रखने से लोगों को अनगिनत दुःख आया है।
कोई कहता है कि भारत में भ्रष्टाचार में एक प्राचीन वंश है; यह परंपरा द्वारा पवित्र है अर्थशास्त्र के लेखक ने अपने समय के सरकारी अधिकारियों पर कुछ टिप्पणियां कीं जो आज भी प्रासंगिक हैं: “जैसे ही शहद या जहर का स्वाद नहीं करना असंभव है, जो जीभ की नोक पर स्वयं पाता है, इसलिए यह किसी के लिए असंभव है सरकारी नौकर राजा के राजस्व का कम से कम कुछ नहीं खाते हैं। सरकारी युद्धों को खाकर और रिश्वत लेने के बाद, युद्ध के बाद की दुनिया में यह केवल एक साहसिक बन गया।
आज, जब भारत स्वतंत्र है, तो ये सभी सरकारी विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारी सबसे भ्रष्ट व्यवसायियों के बहुत करीब हैं जो मुनाफा एकत्र करने का कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। इस मिलनसार ने शासक मंडल का आधार और भ्रष्टाचार फैलता है ‘पूरे समाज को निगलने के लिए जंगल की आग की तरह। राजनैतिक और सामाजिक संरक्षक अमीर समुदायों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं और इन समुदायों को पूरे समाज को पकड़ने और सरकार को फिरौती देने के लिए उन्हें लग रहा है।
भ्रष्टाचार शीर्ष पर शुरू होता है और पूरे समाज को नीचे जाता है। ऐसे भ्रष्टाचार केवल कस्बों तक सीमित नहीं हो सकते हैं यह गांवों में व्यापक रूप से फैला हुआ है जहां बेईमान अधिकारियों और व्यापारियों ने बीमारी के रोगाणु लेते हैं। भ्रम और कीमत के अत्याचार भूमि पर नियम हैं और लोग भ्रष्टाचार के हर जगह असहाय पीड़ित हैं।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Short Essay on Corruption in Hindi Language- भ्रष्टाचार पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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