Here you will get Paragraph and Short Essay on Eid in Hindi Language for Students and Kids of all Classes in 200, 300, 400 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में ईद पर निबंध मिलेगा।
Essay on Eid in Hindi – ईद पर निबंध
Short Essay on Eid in Hindi Language – ईद पर निबंध ( 200 words )
भारत में सभी धर्मों के लोग सभी त्योहार मिल जुलकर बड़ी खुशी सो मनाते हैं। हिंदुओं की तरह मुस्लमानों के भी दो त्योहार है ईदुल फितर और ईदुल जुह्हा। यह त्योहार खुशियों और आपसी भाईचारे के लिए हैं। इदुल फितर से एक महीने पहले लोग रोजा रखना शुरू कर देते हैं और पाँच समय की नमाज भी पढ़ते है। ईद के चाँद निकलने का सबको बेसबरी से इंतजार होता है। ईद की तैयारी एक महीना पहले शुरू हो जाती है। बाजारों में पूरी रोनक लगी होती है। सभी मुस्लमान नए कपड़े सिलवाते हैं और तरह तरह की तैयारी करते हैं।
ईद के दिन मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती है और वहाँ पर सभी एक दुसरे के गले मिलकर खुशियाँ बाँटते हैं। इस दिन सभी नए कपड़े पहनते हैं और उनपर इतर डालते हैं। टॉपी पहनकर ही मस्जिद जाते हैं। हर मुस्लमान इस दिन अपने बच्चों के लिए अपने बजट के हिसाब से मिठाई और खिलौने खरीदता है। ईद के दिन लोगों के द्वारा खाया जाने वाला सबसे खास व्यंजन सिव्वैया और शीरा होते हैं। लोग एक दुसरे का मुँह सिव्वैया से मीठा करवाते हैं। ईदुल फितर के दो महीने बाद ईदुल जुह्हा आता है और इस दिन बकरे की बली दी जाती है।
Essay on Eid in Hindi Language – ईद पर निबंध (300 words)
भारत एक विशाल देश है। यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। धर्म को इस अनेकता के कारण ही हमारे देश में समय-समय पर अनेक त्योहार मनाये जाते हैं। कभी दीपावली का प्रकाश, कभी दशहरे का विजय पर्व, कभी बड़े दिन की खुशहाली तो कभी भाईचारे का सन्देश देने वाली ईद का त्योहार यहाँ मनाया जाता है।
ईद का त्योहार इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब की याद में मनाया जाता है। हजरत मुहम्मद साहब की याद में लोग एक महीना पहले ही रोजा (उपवास) रखने लगते हैं। इसे रमजान का महीना कहते हैं। रमजान के “दिनों में लोग दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं। नियमपूर्वक मस्जिद में जाकर खुदा की इबादत (प्रार्थना) करते हैं। अपने उपवास का मुस्लिम लोग बड़ी कठोरता से पालन करते हैं। रोजों की समाप्ति पर ईद का यह पवित्र दिन आता है। । इस दिन सभी मुसलमानों के घरों में सेवई बनायी जाती हैं। वे स्वयं सेवई खाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं। इसे मीठी ईद भी कहते हैं। इस ईद के लगभग दो महीने बाद एक और ईद भी मनायी जाती है । इसे बकरीद कहते हैं।
ईद के दिन मुसलमान नये-नये कपड़े पहनते हैं। ईदगाह में जाकर नमाज पढ़ते हैं। नमाज पढ़ने के बाद ईद मिलन होता है । हिन्दू, मुस्लिम सभी एक दूसरे के गले मिलते हैं। एक दूसरे को ईद की शुभ कामनाएँ देते हैं। ‘ईद मुबारक’ के शब्दों से वातावरण भर जाता है। इस दिन शुत्र भी मित्र बन जाते हैं। इस पावन पर्व के दिन ईदगाह व मस्जिदों के बाहर बहुत बड़ा मेला लगता है। बच्चे, जवान, बूढ़े सभी मेले का आनन्द लेते हैं। बच्चों के लिए तो ईद का मेला जन्नत है। ईद का पर्व प्रेम और आपसी भाई-चारे का पर्व है। यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है । ईद का पर्व हमें आपसी दश्मनी को भुलाकर भविष्य में मित्र-मित्र की तरह रहने का संदेश देता है।
Essay on Eid in Hindi Language – ईद पर निबंध (400 words)
ईद उल अधा एक पवित्र मुस्लिम त्योहार है जो दुनिया भर में हर साल बलिदान, प्रार्थना और भोजन के साथ मनाया जाता है। ईद उल अधा को भी अधिक ईद कहा जाता है और यह इस्लाम में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है| ईद उल अधाह हज के महीने में ज़िल हज के 10 वें स्थान पर होता है, जब सभी तीर्थ यात्रियों ने मक्का में अनिवार्य कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया था।
ईद उल अधा एक मुस्लिम त्योहार है। ईद रमजान के बाद सबसे बड़ी उत्सव में से एक है। यह ईद को बलिदान के ईद के रूप में भी जाना जाता है, और यह मूल रूप से इब्राहीम के विश्वास और अल्लाह के प्रति समर्पण का स्मरण करता है। मुसलमानों के विश्वास के अनुसार, अल्लाह ने इब्राहीम को अल्लाह के लिए अपने पुत्र का बलिदान करने के लिए कहा, और भले ही वह एक अच्छा आदमी था और अपने बेटे को बहुत प्यार करता था, उसकी भक्ति और भगवान के प्रति विश्वास इतनी ताकतवर था कि वह लेने में संकोच नहीं करते यह साहसिक कदम और अपने बेटे को बलिदान करने के लिए सहमत हुए।
अल्लाह की खातिर अपने बेटे को बलिदान करने के लिए इब्राहीम की इच्छा ने अल्लाह को अपने बेटे की जिंदगी को छोड़ दिया, और इसलिए एक भेड़ के स्थान पर बलिदान किया गया। यह अल्लाह का चमत्कार था और यह साबित करता है कि उसके पास सभी चीजों और ज्ञात और अज्ञात पर आज्ञा है। इस्लाम के इतिहास में इस पवित्र घटना की वजह से मुसलमानों ने हर साल ईद उल अधा मनाया है ताकि अल्लाह के आशीर्वाद और क्षमा प्राप्त कर सकें।
इस दिन हर मुसलमान नए कपड़े पहनते हैं। यदि उनके पड़ोसी के पास कोई पैसा नहीं है तो वे ड्रेस खरीदने में मदद करते हैं कई अमीर मुस्लिम गरीबों को विभिन्न कपड़ों को वितरित करता है। फ़ितरा जकाट हर मुस्लिम के लिए होना चाहिए। ईद गह जाने से पहले सभी को जकात और फित्रा को गरीबों को देना पड़ता है। सभी नमाज को भुगतान करने के लिए ईद गह में इकट्ठा नमाज का भुगतान करने के बाद वे एक दूसरे को गले लगाते हैं और मुबारक-बुड देते हैं। इस दिन कई स्वादिष्ट व्यंजन बच्चों के लिए मुख्य आकर्षण हैं। समाज के अन्य वर्ग भी इस दिन का आनंद उठाते हैं। इस प्रकार ईद एक बहुत स्नेही वातावरण में मनाया जाता है।
Essay on Eid in Hindi Language – ईद पर निबंध ( 500 words )
भूमिका – भारत में हिन्दु, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई आदि भिन्न भिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। इनके भिन्न भिन्न त्योहार हैं। अतः त्योहारों के देश भारत में सारा वर्ष त्योहारों की धूम मची रहती है। प्रेम और एकता का त्योहार ‘ईद’ अपना महत्व रखता है। इस दिन स्कूल, कालिज, दफतर आदि बन्द होते हैं। सौहार्द का यह पर्व ‘ईद’ भारत एवं संसार के देशों को प्रेम और एकता का सन्देश देता है।
क्यों मनाया जाता हैं –
‘ईद’ मुसलमानों का पवित्र त्योहार है। यह मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ ‘कुरान शरीफ़ की वर्ष- गाँठ है। ईद रमजान के महीने के समाप्त होने पर अगले महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है। रमजान के महीने में ही ‘कुरान शरीफ’ ग्रंथ इस संसार में उतरा। जैसे हिन्दुओं के लिए ‘रामायण, सिक्खों के लिए ‘गुरु ग्रंथ साहब’ और ईसाइयों के लिए ‘बाइबिल’ पूजनीय है वैसे ही मुसलमान भाइयों के लिए ‘कुरान शरीफ़’ पूजनीय है।
कैसे मनाया जाता है –
ईद के दिन लोग बड़े सवेरे उठकर तथा नए वस्त्र पहन कर ईदगाह जाते हैं। वहाँ सब मिल कर नमाज़ पढ़ते हैं। मेले लगते हैं। लोग एक दूसरे के गले मिलते हैं और ईद की मुबारक देते हैं। बच्चे इस दिन नए वस्त्र पहने बहुत प्रसन्न दिखाई देते हैं। मिठाई और खिलौनों की दुकानों पर अपार भीड़ होती है। झूले भी लगते हैं। ग़रीबों में खैरात बाँटी जाती है। इस्लाम धर्म में पाँच बातें फ़र्ज़ मानी जाती है। पहली बात ईश्वर या अल्लाह को सर्वशक्तिमान मानना है। दूसरी बात प्रभु को याद करने के लिए तथा उसका धन्यवाद करने के लिए दिन में पाँच बार नमाज़ पढ़ना है। तीसरी बात ‘रोज़ा रखना है। चौथी बात ज़कात या दान देना है। पाँचवी बात हज करना है। मुसलमान भाई इन बातों की ओर विशेष ध्यान ईद के अवसर पर देते हैं।
उपसंहार –
ईद त्योहार भारत में ही नहीं संसार के दूसरे देशों में भी मनाया जाता है। प्रेम और एकता बढ़ाने वाले इस त्योहार की प्रतीक्षा की जाती है। तास दिन के रोज़े लोगों के शरीरों एवं मनों को पवित्र कर देते हैं। गरीबों में खैरात बाँटना, छोटों एवं अज़ीज़ों को ‘ईदी’ देना और घर में मुबारक बाद देने आए लोग को मीठी सेवैइयाँ खिलाना प्रेम और एकता के बन्धन में बाँधने का सुगम साधन है। होली की तरह लोग एक दूसरे के गले मिलते हैं। अलग-अलग धर्मों के लोग मुसलमान मित्रों को गले लगा कर मिलते हैं और मुबारकबाद देते हैं।
सिक्ख और हिन्दु भाइयों का इस अवसर पर मस्जिदों के सामने लोगों को ठण्डा जल पिलाने का काम देख कर मन गद्गद् हो जाता है। इस प्रेम और एकता के प्रतीक त्योहार को मिलकर मनाना चाहिए और अपने देश को उन्नत करना चाहिए। भारत, एक धर्मनिरपेक्ष देश है, इस त्यौहार का आनंद लेने के लिए हमारे मुस्लिम भाइयों को पूर्ण स्वतंत्रता देता है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Eid in Hindi – ईद पर निबंध )को पसंद करेंगे।
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