Get information about Ganesh Chaturthi in Hindi. Here you will get Paragraph and Short Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi Language for students of all Classes in 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में गणेश चतुर्थी पर निबंध मिलेगा।
Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi – गणेश चतुर्थी पर निबंध
Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi – गणेश चतुर्थी पर निबंध ( 300 words )
भारत में अनेकों त्योहार मनाए जातो है जिनमें से गणेश चतुर्थी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। यह विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को मनाने का कारण है कि माना जाता है कि इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। यह पर्व भाद्रपद की चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक मनाया जाता है। यह दस दिन तक चलने वाला त्योहार है। चतुर्थी के दिन गणेश जी की मुर्ति बड़े धुमधाम से घर लाई जाती है और नौ दिन उसकी पूजा की जाती है और दँसवे दिन मुर्ति को पानी में विसर्जित किया जाता है।
इस पर्व से गणेश जी के पुनर्जन्म की कहानी जुड़ी हुई है। स्नान करने जाने से पहले पार्वती ने मैल से पुतला डाल कर उसमें जान डाल दी थी। शिवजी ने क्रोधित होकर उसकी गर्दन को दड़ से अलग कर दिया था। पार्वती के क्रोधित होने पर ब्रहमा विष्णु महेश ने गणेश को फिर से जीवित करने का निर्णय लिया। तब हाथी की गर्दन दड़ पर लगाई गई और गणेश की सबसे पहले पूजा होगी ऐसा वरदान मिला। गणेश को गजानन और गणपति के नाम से भी जाना जाता है। गणपति का अर्थ है पवित्रकों को शासक।
गणेश चतुर्थी से हर माह की चतुर्थी को कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। दस के दस दिन सुबह शाम गणपति की आरती की जाती है और लड्डू और मोदक का प्रसाद के रूप में भोग लगाया जाता है। महाराष्ट्र की गणेश चतुर्थी देखने लोग बहुत दुर दुर से आते हैं। गणेश जी विघ्नहर्ता है और चतुर्थी पर वह सबके दुख हर के सबके जीवन में खुशियाँ भर जाते हैं। हम सबको गणेश विसर्जन के समय ध्यान रखना चाहिए और बच्चों को नहर आदि से दुर रखना चाहिए। हरियाणा में भी अब गणेश चतुर्थी के पर्व को बड़ी धुमधाम से मनाया जाने लगा है। गणेश चतुर्थी को बड़े ही उत्साह के साथ मनाना चाहिए ।
Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi – गणेश चतुर्थी पर निबंध ( 500 words )
भारत त्योहारों का देश है जहाँ पर सभी पर्व बड़ी ही धूमधाम से और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक मनाया जाता है। सभी हिंदु इस त्योहार को मनाते है पर विशेष रूप से यह त्योहार महाराष्ट्र में मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने का उद्देश्य यह है कि माना जाता है कि इस दिन हू शिवजी पुत्र गणेश का जन्म हुआ था। यह त्योहार लगातार दस दिन तक मनाया जाता है। चतुर्थी के दिन लोग बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ गणपति जी की मुर्ति घर पर लाते है और फिर नौ दिन तक उसकी पूजा अर्चना करते हैं। दँसवे दिन डोल नगाड़ो के साथ नाचते गाते मूर्ति को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।
हर त्योहार की तरह इस त्योहार की भी अपनी एक पौरानिक कहानी है। माना जाता है कि एक बार पार्वती जी जब नहाने गई तो वह अपने मैल से एक पुतला बनाकर उसमें जान डालकर उसे द्वारपाल के रूप में खड़ा कर गई ताकि अंदर कोई भी न आ सके। जब शिवजी ने अंदर जाने की कोशिश की तो गणेश जी ने उन्हें रोक दियै जिससे शिवजी क्रोधित हो गए। शिवजी की शिव सेना ने गणेश जी सो दवंद किया पर कोई भी उन्हें हरा नहीं सका। तभी गुस्से में शिवजी ने त्रिशुल से गणेश जी की गर्दन रो दड़ से अलग कर दिया। जब पार्वती जी को यह बात पता चली तो वह क्रोधित हो उठी और विनाश करने की ठान ली।
तब सभू ने जगदम्बा माँ का पाठ कर उन्हें शांत किया और शिवजी ने कहा कि जो भी पहला जीव दिखे वे उसी के सिर को गणेश की दड़ पर लगा देंगे और उन्हें दोबारा जीवित कर देंगे। सबसे पहले उन्हें हाथी का सिर मिला और ब्रहमा, विष्णु और महेश ने मिलकर हाथी की गर्दन को गणेश जी की दड़ पर स्थापित कर उन्हें फिर से जिंदा कर दिया। पार्वती जी ने गणेश को गले लगा लिया और उनकी सर्वप्रथम पूजा की माँग रखी। तभी से गणेश जी हर काम में सबसो पहले पूजे जाते हैं और वह सबसे बड़े विघ्नहर्ता है। हाथी की गर्दन की वजह से ही गणेश जी का नाम गजानन भी है। गणपति दो शब्दों से मिलकर बना है।
गण का अर्थ है पवित्रक और पति का अर्थ है शासक यानि की गणपति पवित्रकोंके शासक हैं। गणेश जी की कृपा प्राप्ती के लिए कुछ लोग भाद्रपद की चतुर्थी से लेकर हर मास की चतुर्थी को व्रत रखती है। गणेश जी की पूजा को दौरान रोज सुबह शाम आरती की जाती है और लड्डू और मोदक का भोग लगाया जाता है। यह त्योहार लोगों के जीवन के विघ्नों रा हर्ता है और उन्हें खुशी देता है। लेकिन मुर्ति विसर्जन के दौरान लापरवाही के कारण बहुत से लोग डूब जाते है और मर जाते हैं। महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का उत्सव देखने दुर दुर से लोग आते है और गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi – गणेश चतुर्थी पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
More Articles:
Essay on Hindi Diwas in Hindi Language – हिंदी दिवस पर निबंध
Speech on Diwali in Hindi Language – दिवाली पर भाषण
Essay on Baisakhi in Hindi – बैसाखी त्यौहार पर निबंध
Essay on Holi Festival in Hindi – होली पर निबंध
Essay on Diwali in Hindi – दिवाली पर निबंध