यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraphs, Short and Long Essay on My Favourite Teacher in Hindi Language for students of all Classes in 250 and 350 words.
Essay on My Favourite Teacher in Hindi – मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध
Essay on My Favourite Teacher in Hindi – मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध ( 250 words )
एक शिक्षक वह है जिसे हमारे भविष्य के आधार के रूप में जाना जाता है या हम कह सकते हैं कि शिक्षक वह है जो हमें जीवन के पथ को दर्शाता है या सिखाता है। श्री शर्मा मेरा पसंदीदा शिक्षक है वह एक शानदार ट्यूटर है उनके पास कम-से-पृथ्वी के रास्ते में छात्रों को प्रेरित करने की क्षमता है। वह बहुत समझने वाला शिक्षक है।
वह छात्रों को दोस्तों जैसे मानते हैं, उन्हें समझते हैं और अपनी समस्याओं का सर्वोत्तम संभव और सबसे आसान तरीके से हल करते हैं। वह कभी चिल्लाये नहीं। वह हमेशा शांत रहता है वह बहुत उपयोगी है एक छात्र किसी भी समय किसी भी प्रश्न पूछ सकता है। पूछताछ कभी उसे परेशान नहीं करते, और वह उन्हें बहुत विनम्रता से उत्तर देते हैं। मुझे अपनी लिखित और व्याकरण कौशल खोजने के लिए बहुत आभार हैं, जिनमें से मुझे हमेशा ऐसा महसूस हुआ कि मुझे कभी भी करने की क्षमता नहीं थी, और मेरे संचार कौशल में सुधार हुआ।
जब मैं दसवीं कक्षा में था, तो मैं हिंदी में बहुत कमज़ोर था। मेरी परीक्षा देने के बाद, मैंने अपनी हिंदी में सुधार करने का फैसला किया मैंने श्री शर्मा से मिले। मैं बहुत घबराया हुआ था। उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया कि मैं खुद से कुछ कर सकता हूं उसने मेरी ताकत और कमजोरियों का पता लगाया और मेरे लेखन, व्याकरण और संचार कौशल पर सुधार और काम करने के तरीके सुझाए। सबसे बड़ी बात मैंने उनसे सीखी है कि मैं जीवन में कुछ भी कर सकता हूँ।
Essay on My Favourite Teacher in Hindi – मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध (350 Words)
सामान्य रूप से सभी अध्यापक हमारे कल्याण के ही कार्य करते हैं। परन्तु जो अध्यापक मुझे प्रिय हैं, उनका नाम है, श्री मोहनदेव। श्री मोहनदेव सदा साफ-सुथरे वस्त्रों में आते हैं। वे एक गांव के रहने वाले हैं, परन्तु नगर में एक मकान किराये पर लेकर रह रहे हैं। शरीर से स्वस्थ, सुन्दर और मध्यम कद के हैं। रंग गेहुआँ है । चाल-ढाल बड़ी सौभ्य और चेहरे से वे हंसमुख हैं।
श्री मोहनदेव जी एम.ए., बी.एड. हैं और हमें समाजशास्त्र पढ़ाते हैं। यों तो हिन्दी, संस्कृत और गणित में भी उनकी गति है। वे अनुशासन-प्रिय हैं। सदा ठीक समय पर विद्यालय में आते हैं और अपनी कक्षा में ठीक समय पर पहुंचते हैं। छात्रों से बात करते समय उनके मुख पर क्रोध की रेखा दिखाई नहीं देती। भूल करने वाले छात्रों को ऐसे ढंग से वे समझाते हैं कि दूसरी बार छात्र वैसी भूल करने का साहस नहीं करते। वे स्वयं कर्मठ हैं और छात्रों को भी खूब व्यसत रखते हैं।
समाजशास्त्र तो वे पढ़ाते ही हैं, इसके अतिरिक्त वे हमारे कक्षाध्यापक हैं। वे सभी छात्रों के स्वभाव और घर-बार के विषय में भी पर्याप्त जानकारी रखते हैं। असमर्थ छात्रों की वे सब प्रकार से सहायता करने को उद्यत रहते हैं। छात्रों की स्वच्छता और उनके स्वास्थ्य में बहुत रूचि दिखाते हैं। जो विषय छात्रों को समझ न आये वे उसे बार बार बताने में संकोच नहीं करते। छात्रों के लेखन-कार्य को वे बड़ी तत्परता से देखते हैं और अशुद्धियों को हटाने के लिए छात्रों को प्रेरित करते रहते हैं। प्रार्थना-सभा में वे कभी- कभी ऐसी अच्छी बातें बताते हैं, जिस से हम सब उनकी बातें सुनने को लालायित रहते हैं।
श्री मोहनदेव छात्रों को अपने छोटे भाइयों सा प्यार करते हैं। उनकी समस्याओं को समझाना और उन्हें सुलझाना वे अपना कर्तव्य समझते हैं। इसीलिए सभी छात्र उनके सामने अपने हृदय की बात खोलकर रख देते हैं। सभी छात्र उनसे प्यार करते हैं। ऐसे अध्यापक जिन छात्रों को मिल जाते हैं, उनका कल्याण अवश्य होता है। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि मेरे प्रिय अध्यापक श्री मोहनदेव स्वस्थ और चिरायु हों।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on My Favourite Teacher in Hindi – मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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