Here you will get Essay on Parvatiya Yatra in Hindi Language for Students and Kids of all Classes. Yatra Vritant in Hindi. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में पर्वतीय यात्रा पर निबंध मिलेगा।
Essay on Parvatiya Yatra in Hindi – पर्वतीय यात्रा पर निबंध
Essay on Parvatiya Yatra in Hindi – पर्वतीय यात्रा पर निबंध
भूमिका- गर्मी की छुट्टियो में घुमने का आनंद बहुत ही सुखद होता है। अधिकतर लोग इस समय में पर्वतीय स्थल की यात्रा करना पसंद करते हैं। मैं भी इस वर्ष अपने परिवार के साथ शिमला घुमने गया था जो कि बेहद आर्कषक पर्वतीय स्थल है। शिमला भारत के उत्तर में स्थित है और यहाँ पर बहुत से मनोरम दर्शनीय पर्यटन स्थल है। शिमला जाने का सुझाव मुझे मेरे एक करीबी दोस्त ने दिया था क्योंकि वह वहाँ पर बहुत आनंद ले रहा था।
यात्रा का आरंभ-
मैं चण्डीगढ़ रहता हूँ और मैंने अपने परिवार के साथ सुबह 5 बजे यात्रा आरंभ की थी। हमने अपना सफर रेलगाड़ी से तय किया था क्योंकि यह लंबे सफर के लिए आरामदायक रहती है। हम सुबह 10 बजे शिमला पहुँच गए थे और हमने रास्ते में खूब खाया पिया मस्ती करी और रास्ते में आ रहे ऊचें ऊचें पहाड़ों और घने जंगलों का आनंद लिया। कुछ कुछ जगहों पर डर भी लग रहा था लेकिन पहाड़ों में चलती इस रेल में मजा भी खूब आ रहा था। फिर शिमला पहुंचने के बाद हमने होटल में कमरा लिया और विश्राम किया।
जलवायु-
शिमला की जलवायु बहुत ही ठंडी थी और यही कारण था कि हमने अपनी गर्मी की छुट्टियां वहाँ व्यतीत करने का फैसला किया था। जब हम वहाँ पहुँचे थे तो उस समय ठंडी बर्फीली हवा चल रही थी और घने बादल छाए हुए थे। हमे वहाँ गर्मी में भी ठंडक का एहसास हो रहा था और थोड़ी ही देर में वर्षा आरंभ हो गई थी। ठंडी जलवायु होने के कारण हम गर्मी में भी कंबल लेकर सोए थे।
भ्रमण-
वर्षा के रुकते ही हमने शाम को घुमना शुरू किया। सबसे पहले हम शिमला का मुख्य आकर्षण केंद्र माल रोड घुमने गए जहाँ पर शाम के समय दौ गुनी रौनक हो जाती हैं। हमने वहाँ पर घुमते हुए प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लिया। अगले दिन हम रिज गए और जाखू मंदिर जहाँ पर हनुमान जी की सबसे बड़ी मूर्ति है उसके दर्शन किए। शिमला से थोड़ी दूरी पर ही एक पर्यटन स्थल है जिसका नाम है कुफरी। हम उसी दिन शाम को कुफरी के लिए चले गए और रात को वहाँ विश्राम किया। अगले दिन पहाड़ चढ़ना, बंजी जंपिंग जैसी बहुत सी गतिविधियों में भाग लिया और बहुत मजा किया। कुफरी से वापसी आकर हमने अगले दिन शिमला कि चित्रकला को देखा जो कि सबको अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी और उससे इतिहास की बहुत सारी जानकारी भी मिल रही थी जो बच्चों के लिए बहुत ही गुणकारी थी।
शिमला से वापिसी-
अगले दिन सुबह हमने चंडीगढ़ की रेल ली और हम सब बहुत थक चुके थे लेकिन हम सब अपनी इस यात्रा से बेहद खुश भी थे। हम शाम के 4 बजे तक घर पहुँच गए थे और हमारे दिल में शिमला की यादें बसी हुई थी जिसके बारे में हम पूरे रास्ते बातें करते आए। हम सब एक बार फिर से शिमला जरूर जाना चाहेंगे ताकि हम फिर से गर्मी में ठंडक का एहसास प्राप्त कर सके और छुट्टियों का आनंद ले सके।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Parvatiya Yatra in Hindi – पर्वतीय यात्रा पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
Yatra Vritant in Hindi |
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