Get information about Rain in Hindi. Here you will get Paragraph and Short Essay on Rain in Hindi Language for students of all Classes in 200 and 400 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में वर्षा पर निबंध मिलेगा।
Essay on Rain in Hindi Language – वर्षा पर निबंध
Short Essay on Rain in Hindi Language – वर्षा पर निबंध ( 200 words )
वर्षा एक संघनन है। जब समुंद्र और नदियों का पानी वाष्प बनकर उड़ता है तब वह उपर जाकर ठंडा होता है और वर्षा के रूप में जमीन पर गिरता है। वर्षा के बहुत से नाम है जैसे बारिश, बरसात इत्यादि। बारिश को इंच या सैन्टीमिटर में मापा जाता है। वर्शा को मापनो वाले यंत्र को वर्षामापी कहते हैं। वर्षा सभी को बहुत ही मन मोहक लगती है। वर्षा के समय में बच्चे काग्ज की कश्ती बारिश के पानी में बहाते है।
वर्षा सभी के लिए बहुत ही उपयोंगी है। फसलों और पेड़ पौधों को उगने के लिए शुद्ध जल की आवश्यकता होती है जो कि उन्हें बारिश से प्राप्त होता है। कुछ नदियाँ जो कि गर्मी के कारण सूख जाती है उन्हें बारिश के कारण दोबारा जीवन मिलता है। तपती धरती को भी बारिश की ही जरूरत होती है। आज के समय में प्रदुषण से बारिश दुषित हो चुकी है जो कि धरती पर आकर नुकसान पहुँचाती हैं। हमें बारिश के पानी को शुद्ध रखने के लिए पर्यायवरण को साफ रखना होगा। बारिश के पानी को एकत्रित करने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि पानी का अभाव न हो। बारिश पानी का स्तर ऊँचा रखने में भी सहायता करती है।
Essay on Rain in Hindi Language – वर्षा पर निबंध ( 400 words )
समुंद्र नदियों में जो जल होता है उस पर धुप पड़ने से वह वाष्प में बदल जाता है और नहीं वाष्प उपर जाकर ठंडे हो जाते है और वर्षा के रूप में जमीन पर आ जाते हैं। यह प्रिक्रिया ऐसे ही चलती रहती है। वर्षा को अनेकों नाम से बुलाया जाता है जैसे कि बारिश बरसात आदि। वर्षा के देवता को इंद्रदेव कहते हैं। जिस प्रकार मनुष्य को प्यास बुझाने के लिए जल की जरूरत होती है ठीक उसी प्रकार तपती धरती को भी बारिश की जरूरत होती है।
बारिश के तीन प्रकार हैं। संवाहनीय वर्षा ज्यादातर भुमध्य रेखा के नजदीक होती है जिसमें समुंद्र का पानी वाष्प बनकर उपर उठता है और वर्षा के रूप में नीचे आता है। पर्वरतक वर्षा ज्यादातर पहाड़ो के आस पास होती है जहाँ पर गरम हवा उपर उठती है और फैलने से ठंडी हो जाती है और वहाँ पर वर्षा होती है। चक्रवातीय वर्षा वह होती है जब गरम और शरद हवा आपस में मिलती है और गर्म हवा उपर उठती है और ठंडी हवा नीचे रह जाती है जिससे कि गरम हवा ठंडी हो जाती है और बारिश आ जाती है।
वर्षा मापने के लिए जो यंत्र प्रयोग किया जाता है उसे वर्षामापी कहते हैं। वर्षा प्रायः इंच या सैन्टीमिटर में मापी जाती है। कई देश ऐसे है जहाँ पर पूरा साल बारिश होती है। धुल मिले होने के कारण आजकल रंगीन बारिश भी होने लगी है। वर्षा मनुष्य से लेकर पेड़ पौधों और पशुओं के लिए बहुत ही उपयोगी है। बारिश के पानी को इंवरटेर की बैट्री में डाला जाता है। वर्षा का पानी फसलों को बढ़ने में मदद करता है। यह पेढ़ पौधो और फसलों की सिंचाई का सबसे अच्छा माध्यम है। बहुत से समुंद्र गर्मी के कारण सुख जाते है और उसमें रहने वाले जीव जंतुओं का जीवन संकट में आ जाता है लेकिन बारिश के कारण वह जी पाते हैं।
पहले समय में लोग छतों पर खुली टंकी में बारिश का पानी एकत्रित करते थे ताकि पानी का अभाव न हो और उस समय वर्षा का पानी शुद्ध भी होता था। आज के युग में प्रदुषण के कारण वर्षा दुषित होती जा रही है और अम्लीय वर्षा बनती जा रही है जो कि बहुत ही हानिकारक है।
वर्षा हमारे जीवन में बहुत महत्व रखती है यह गर्मी को दूर भगाती है। हमें वर्षा के पानी को शुद्ध रखने के लिए पर्यायवरण को स्वच्छ रखना होगा।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Rain in Hindi Language – वर्षा पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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