Get information about Red Fort in Hindi Language. Here you will get Paragraph, Short and Long Essay on Red Fort in Hindi Language/ Essay on Lal Kila in Hindi for Kids of all Classes in 100, 200, 400 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में लाल किला पर निबंध मिलेगा। 10 Lines on Red Fort in Hindi Language.
Essay on Red Fort in Hindi – लाल किला पर निबंध
Short Essay on Red Fort in Hindi Language – लाल किला पर निबंध ( 100 words )
लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है और यह लाल बलुआ पत्थर से बना है। यह भी यमुना नदी के किनारे बना हुआ है और इसका निर्माण शाहजहाँ ने 1638 में करवाया था। 1648 में यह पूरा बनकर तैयार हुआ था। लाल किले में लगने वाले मीनी बाजार में कलात्मक वस्तुएँ मिलती है। इसके अंदर बहुत से महल बने हुए हैं। लाल किले के दो मुख्य गेट है- लाहौर गेट और दिल्ली गेट। हिंदु पक्ष के अनुसार लाल किले का नाम लालकोट है जिसे हिंदुओं के राजा पृथ्वी राज चौहान ने बनवाया था। लाल किला देखने बहुत से पर्यटक आते हैं।
Information about Red Fort in Hindi Language – 10 Lines on Red Fort in Hindi Language
1. लाल किला दिल्ली में स्थित एक एतिहासिक किला है जो कि अपनी वस्तुकला के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
2. इसका निर्माण शांहजहां ने करवाया था जिसकी शुरुआत 13 मई, 1638 में हुई थी और यह 1648 में बनकर तैयार हुआ था।
3. लाल किला यमुना नदी के किनारे पर स्थित एक अष्टकोणीय सरंचना है जिसके मुख्य वास्तुकार उस्ताद अहमद और उस्ताद हामिद है।
4. मुगल शासन के दौरान लाल किले को किला ए मुबारक के नाम से जाना जाता था।
5. लाल बलुआ पत्थरों से बने होने के कारण ही इसका नाम लाल किला पड़ा है।
6. लाल किले के दो प्रवेश द्वार है– लाहौर गेट और दिल्ली गेट। दिल्ली गेट सभी लोगों के प्रवेश के लिए है जबकि लाहौर गेट से कुछ खास लोग ही प्रवेश ले सकते हैं।
7. लाल किले के अंदर बहुत सी इमारतें हैं जैसे दीवान- ए-आम, दीवान- ए- खास, मयूर सिंहासन, रंगमहल आदि। कोहीनूर हीरा भी कभी लाल किले का हिस्सा हुआ करता था जिसे अंग्रेज अपने साथ ले गए थे।
8. 2007 में युनेस्को के द्वारा लाल किले को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है।
9. हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री जी लाल किले से देश को संबोधित करते हैं।
Essay on Red Fort in Hindi Language – लाल किला पर निबंध (400 Words)
लाल किला एक आश्चर्यजनक जगह है, जो कि जमुना नदी के तट पर है। यह लाल किले के रूप में दुनिया के लिए जाना जाता है| यह शाहजहाँ द्वारा बनाई गई थी, जो अपने समय की कलाओं के महान प्रेमियों में से एक थे। लाल किले का इतिहास बहुत दिलचस्प है| मुग़ल सम्राट शाहजहां ने इसे 1632 में चालू किया था| अगर किसी को लाल किले में प्रवेश करना है तो आज यहां लाहौरी द्वार से जाना पड़ता है। यह एक बार प्रसिद्ध चट्टा बाजार में जाता है।
हम अगले दिवा-ए-एएम या सार्वजनिक दर्शकों के हॉल में आते हैं। यहां सम्राट अपने विषयों से मिलते थे और उनके साथ उनकी समस्याओं पर चर्चा करते थे। यह यहाँ है कि वह जनता के आदेश जारी करने के लिए इस्तेमाल किया गया|
ब्याज और उनके विषयों का इनाम यह हॉल बहुत बड़ा है और कई स्तंभों द्वारा समर्थित है। छत पर जटिल ज्यामितीय डिजाइन शामिल हैं I
दीवान-ए-आम, दीवान-ए-आम के बाद आता है यह एक छोटा ओलों है इसका मतलब निजी दर्शकों के लिए एक जगह होना था। यहां सम्राट अपने वरिष्ठ मंत्रियों और सलाहकारों से मिला। इसकी दीवारों और छत पर बहुत अच्छा काम किया है मंजिल के पास विशाल कालीन है, जिस पर डिजाइनों को लगाया गया है।
रंग महल सम्राट और उसकी रानीओ के निजी क्वार्टर थे। डिजाइन इसलिए बहुत अंतरंग प्रकृति का है। ग्लास का काम अपनी दीवारों पर रंगीन ढंग से किया गया है, जिसमें रंगीन पत्थर और डाई जड़ना फ्लोरल और कुरानिक रूपांकनों शामिल हैं। रंग महल से जुड़ा है शाही स्नान या हम्माम और शामक बेडरूम। उनके डिजाइनों का सबसे उल्लेखनीय पहलू जटिल पाइपलाइन सिस्टम है, जिसके माध्यम से इन कमरों में 24 घंटे पानी की आपूर्ति होती है। सभी जगहों पर फैले सुंदर फव्वारे हैं, जिससे ग्रीष्मकाल में जगह शांत रखने में मदद मिली।
एक पुरातात्विक संग्रहालय जो कि दीवान-ए-आम के करीब है, आज किले में मुग़ल कलाकृतियों का सबसे बड़ा प्रदर्शन है। इसमें कटलरी, क्रॉकरी, हथियार, पेंटिंग, बर्तन और हस्तलिखित पुस्तकों को एक कलात्मक तरीके से प्रदर्शित किया गया है। इसके बाद स्थित युद्ध संग्रहालय है, जिसमें आरटीएस और प्रथम विश्व युद्ध के गोला-बारूद शामिल हैं।
वर्तमान में, किले का इस्तेमाल सेना के कर्मियों द्वारा किया जाता है| हर 15 अगस्त को, भारत के प्रधान मंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज को अपनी रैंप से उड़ाया और राष्ट्र के साथ बात की।
Lal Kila Par Nibandh – Essay on Red Fort in Hindi 500 Words
भारत की राजधानी दिल्ली का लालकिला उसकी प्राचीन इमारतों में से एक है। मुगलिया वंश के सम्राट शाहजहाँ ने इस किले का निर्माण कराया था। यमुना के दाएँ तट पर स्थित यह विशाल किला अब भी मौन खड़ा है। कई सौ वर्ष बीत गए, किंतु लालकिला वैसा ही रहा और वैसा ही है उसका वैभव। लालकिला कई वर्ग मील में फैला हुआ है। इसके दो मुख्य द्वार हैं। बीच के द्वार से जब हम इसके अंदर पहुँचते हैं तो लालकिले की आंतरिक शोभा बाहर के दृश्य से भी दुगुनी जान पड़ती है। एक छोटी-सी सड़क से गुजरते हुए सबसे पहले स स्थान पर पहुँचते हैं जहाँ किसी समय में मुगलों का दरबार लगता था।
इसको ‘दीवान-ए-आम’ कहते हैं। सामने ही शाहजहाँ का प्रसिद्ध सिंहासन, जिसे ‘तख्त ए-ताऊस’ अर्थात ‘मयूर-सिंहासन कहते थे, की चौकी पड़ी है। चौकी के दोनों ओर मार बने हुए हैं, उन पर की गई चित्रकारी अवितीय है। कहते हैं कि यह मयूरसिहासन बहुमूल्य हीरे-मोतियों से जड़ा हुआ था; किंतु ब्रिटिश शासनकाल में वे हार-मोती सब निकाल लिए गए थे। इस पर भी भारतीय कला सिसकती हुई पनपती रही। कुछ ऐसे ही बड़े-बड़े हॉलों से गुजरते हुए हम एक और स्थान पर पहुँचते। है, जिसे ‘दीवान-ए खास’ कहते हैं। इसी तरह अनेक बारादरियों में से होकर हम लालकिले की छत पर पहुँचते हैं। यहाँ के सुंदर बाग-बगीचे आज भी बतला रहे हैं। कि मुगल सम्राटों को उद्यानकला से विशेष प्रेम था।
लालकिले के भीतर बहुत से बरामदे बने हुए हैं जिनकी दीवारों पर चित्रकारी की हुई है। मार्ग में कई ऐसे कक्ष आते हैं जहाँ पर शाहजहाँ स्वयं निवास करते थे। कहीं उनकी बेगमों के हरम थे तो कहीं उनके स्नान व श्रृंगार कक्ष। कहीं-कहीं सुंदर तालाब भी देखने को मिलते हैं। अब तो इन स्थानों के केवल चिह्न ही शेष हैं। संगमरमर में खुदे हुए चित्र और बेलबूटे अभी भी पुरातन कला का स्मरण करा देते हैं। | आजकल लालकिले पर केंद्रीय सरकार का अधिकार है। इसके मुख्य द्वार पर प्रतिवर्ष पंद्रह अगस्त को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इस तिरंगे ध्वज से लालकिले का सौंदर्य और भी दुविगुणित हो उठता है। आजकल लालकिले के प्रांगण में भारतीय सेना विभाग के कुछ कार्यालय बने हुए हैं। इसके अंदर एक अजायबघर भी है जिसमें पुरातन काल के अस्त्र, यंत्र और पोशाकें आदि रखी हुई हैं।
चारों ओर लटकी हुई तलवारें, नेजे, तीर-कमान, कवच और ढाल आदि देखकर प्राचीन संस्कृति का चित्र हमारी आँखों के समक्ष नृत्य करने लग जाता है। लालकिले से कई सुरंगें भी निकल रही हैं। इनसे उस समय मुगल सम्राट गुप्त मार्ग का काम लिया करते थे। संध्या समय इसके गौरव की गाथा प्रकाश एवं ध्वनि द्वारा प्रदर्शित की जाती है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यह प्रदर्शन अपने आप में अदवितीय है। इस प्रकार लालकिले का सम्मान स्वतंत्र भारत में कहीं अधिक बढ़ गया है। भारत की प्राचीन संस्कृति का यह जीता-जागता प्रतीक चिरकाल तक स्थायी रहे, यही हमारी कामना है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Lal Kila Par Nibandh – Essay on Red Fort in Hindi – लाल किला पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
More Articles:
Short Essay on India Gate in Hindi – इंडिया गेट पर निबंध
Essay on Delhi in Hindi – दिल्ली पर निबंध
Essay on Qutub Minar in Hindi – कुतुब मीनार पर निबंध