Here you will get Paragraph and Short Essay on Reservation in Hindi Language / Aarakshan Par Nibandh for Students and Kids of all Classes in 100, 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में आरक्षण पर निबंध मिलेगा।
Essay on Reservation in Hindi – आरक्षण पर निबंध
Short Essay on Reservation in Hindi Language – आरक्षण पर निबंध ( 100 words )
समानता स्वतंत्रता की आत्मा है और इसके बिना कोई स्वतंत्रता नहीं है। नौकरी और कॉलेजों में जाति आधारित आरक्षण के कारण आज एक सामान्य श्रेणी के छात्र को आरक्षित श्रेणी के छात्र से ज्यादा कठिन परिश्रम करना पड़ता है। आज के समय में जाति में कोई भी विश्वास नहीं करता है तो जाति आधारित भेदभाव क्यों है? इस तरह के जाति आधारित भेदभाव हमें जाति में विश्वास करने और असमानता के परिणामस्वरूप मजबूर करता है। तो मेरी राय में यह जाति आधारित भेदभाव केवल भारत के लिए अभिशाप के रूप में कार्य करेगा और इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
Essay on Reservation in Hindi – Aarakshan Essay in Hindi – आरक्षण पर निबंध (300 words)
भारत में आरक्षण समाज पर अभिशाप है। यह जाति के आधार पर भारतीयों को विभाजित कर रहा है और गलत धारणाएं, भेदभाव, झगड़े, असमानता और कई अन्य गलत चीजें भी पैदा कर रहा है जो भारत और भारतीयों के पतन के लिए ज़िम्मेदार हैं। अगर देश में इतने सारे मतभेद होंगे तो देश कैसे बढ़ेगा। विकास के लिए भारत की मुख्य बात यह है कि “कास्ट के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होना चाहिये।” आज प्रत्येक स्थान पर आरक्षण होता है, यदि हम परीक्षा फॉर्म भरने के लिए जाते हैं तो आरक्षण होता है अर्थात यदि सामान्य श्रेणी की एक अन्य श्रेणी परीक्षा फॉर्म भरना चाहती है। तो उन्हें सामान्य श्रेणी के छात्र द्वारा भुगतान की गई राशि का भुगतान करना होगा और उसके बाद परीक्षा अगर सामान्य श्रेणी के छात्र ने 80% स्कोर किया तो उन्हें साक्षात्कार के लिए चुना नहीं गया है।
लेकिन अगर एससी श्रेणी के छात्र ने 40% अंकों का स्कोर किया तो उन्हें साक्षात्कार के लिए चुना जाता है। भारत में इस आरक्षण नीति ने सामान्य श्रेणी के छात्र की स्थिति को सबसे खराब बना दिया। भारत सामान्य श्रेणी के लोगों के लिए नरक बन रहा है। यह आरक्षण प्रणाली हमें जाति में विश्वास करती है और यदि कोई श्रेणी नहीं होगी तो शांति और समानता होगी। प्रत्येक सामान्य श्रेणी के छात्र की एक आवाज होती है जो आरक्षण मुक्त भारत है। मांग वास्तविक है और सुना जाना चाहिए। आरक्षण तब तक दूर नहीं होगा जब आरक्षण के लिए रक्तपात किया जाएगा। आज जाटों ने हिंसा की और उन्हें आरक्षण मिला और कल अन्य आरक्षण के लिए हिंसा करेंगे।
एकमात्र समाधान भारत को जाति के आधार पर आरक्षण से मुक्त करना है। भ्रष्टाचार भी एक बड़ी समस्या है जो आरक्षण के कारण बढ़ रही है। आरक्षण के कारण सामान्य श्रेणी के लोगों के बीच गरीबी भी बढ़ रही है। भारत के पतन के लिए बीज केवल आरक्षण है जहां जाति के आधार पर व्यक्तियों को क्षमता के आधार पर नहीं चुना जाता है। यदि चयन क्षमता के आधार पर किया जाएगा तो केवल मेहनती और शानदार व्यक्ति आते हैं। जो भारत और समाज के लिए उछाल के रूप में कार्य करेगा।
Essay on Reservation in Hindi Language – Aarakshan Par Nibandh – आरक्षण पर निबंध ( 500 words )
आरक्षण का अर्थ है सुरक्षित करना। हर व्यक्ति अपने जीवन में आरक्षण चाहता है। चाहे वह शिक्षा में हो, नौकरी में हो, रेल की टिकट में हो या फिर सरकार बनाने में हो। आरक्षण की शुरूआत देश के पिछड़े हुए लोगों को आगे लाने के लिए और उनकी भी देश में बराबर भागीदारी दिलाने के लिए की गई थी। हमारे देश में आरक्षण जाति और धर्म के आधार पर है। आरक्षण के कारण कुछ योग्य लोग पीछे रह जाते हैं और कम योग्य लोग को उच्च पद मिल जाते हैं। भीमराव अम्बेडकर के समय में जब देश में छुआछुत चल रही थी और दलितों की हालत बहुत ही दयनीय थी। 1942 में भीमराव अम्बेडकर ने दलितों के लिए आरक्षण की माँग रखी थी।
देश के पिछड़े हुए लोगों को तीन वर्गों में विभाजित कर दिया गया है। अनुसूचित जाति ( एससी), अनुसुचित जनजाती( एसटी), अन्य पिछड़े वर्ग( ओबीसी)। केंद्र सरकार ने अनुसुचित जाति को हर क्षेत्र में 15 प्रतिशत आरक्षण दिया है। अनुसुचित जनजाती को 7.5 प्रतिशत आरक्षण मिला है। अन्य पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। कुल मिलाकर 49.5 प्रतिशत आरक्षण मिला है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। 50.5 प्रतिशत सीट किसी भी कार्य के लिए जनरल के लिए आरक्षित है लेकिन उन सीटों पर एससी, एसटी और ओबीसी भी प्रवेश ले सकते है।
आरक्षण के चलते योग्य लोग उच्च पद प्राप्त नहीं कर पाते बल्कि आरक्षित वर्ग में आने वाले लोग कम अंक पाकर भी उच्च पद हासिल कर लेते हैं। आज के दौर में महिलाओं की स्थिति को देखते हुए उनको भी आरक्षण की श्रेणी में रखा गया है। संसद भवन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई है। स्कूलो और कॉलेजों में स्थाई निवासियों को भी अलग से आरक्षण दिया जाता है। बहुत से लोग आरक्षण के कारण ही उच्च पदों पर पहुँच पाए हैं। जनरल वर्ग में आने वाले लोगों का मानना है कि आरक्षण के कारण सारी नौकरी आरक्षित वर्ग के लोग ले जाते है और वह मेहनत के बाद भी पीछे रह जाते हैं। आरक्षण की वजह से जो लोग भारत में उच्च नौकरी प्राप्त नहीं कर पाते वह विदेशों में चले जाते हैं। इस तरह से भारत का कौशल भारत से बाहर जा रहा है।
सभी लोगों को आगे लाना जरूरी है लेकिन उसके लिए जरूरी है कि गरीबी को हटाया जाए। गरीबी जाति या धर्म देखकर नहीं आती है। हर दस साल बाद जनगणना की तरह लोगो की आय देखनी चाहिए क्योंकि दस साल में मनुष्य की आर्थिक स्थिति समय के साथ बदलती रहती है। एक निश्चित आय से कम वाले लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वो अपने जीवन में सुधार कर सके। आरक्षण का लाभ सिर्फ मनुष्य को एक बार ही मिलना चाहिए। जाति के आधार पर आरक्षण खत्म किया जाना चाहिए क्योंकि आरक्षित जाति में आने वाला हर व्यक्ति पिछड़ा हुआ नहीं होता। आरक्षण लोगों को मिलना चाहिए लेकिन एक बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से ताकि किसी के साथ कोई भेदभाव न हो।
मुझे आशा है कि आप इस निबंध ( Essay on Reservation in Hindi – आरक्षण पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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