Get information about River in Hindi Language. Here you will get Paragraph and Short Essay on River in Hindi Language for Kids of all Classes in 300, 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में नदी पर निबंध मिलेगा।
Essay on River in Hindi Language – नदी पर निबंध
Essay on River in Hindi by Points – Get information about River in Hindi Language :
1. पूरे विश्व में बहुत सी नदियाँ पाई जाती है और जहां से नदी निकलती है उसे नदी का उदगम स्थल कहा जाता है।
2. नदियाँ भूमि तल पर प्रवाहित होने वाली जलधारा है जो कि दो प्रकार की होती है– सदानीर नदियाँ और बरसाती नदियाँ।
3. सदानीर नदियाँ वह नदियाँ होती है जिनमें पूरा साल पानी रहता है और इनका मुख्य स्त्रोत झरने, पर्वत और हीमनाद है।
4. बरसाती नदियाँ पूरी तरह से वर्षा के पानी पर निर्भर होती है और इनमें केवल वर्षा ऋतु में ही पानी रहता है।
5. नदियाँ की धारा जहाँ से होकर गुजरती है उसे नदी घाटी कहते हैं और जब इसमें सहायक नदियाँ और नहरें जुड़ जाती है तो उपबाह बेसिन का निर्माण होता है। दो उपबाह बेसिन के ऊंचे वाले भाग को जल विभाजक कहा जाता है।
6. नदियाँ जिस स्थान पर किसी सागर या नहर में जाकर गिरती है उसे मुख या मुहाना कहते हैं।
7. जिस क्षेत्र से नदियाँ होकर बहती है उसे नदी का अपवाह क्षेत्र कहा जाता है।
8. नदियाँ मनुष्य के लिए बहुत ही सहायक होती है जिनका प्रयोग कृषि क्षेत्र में सिंचाई से लेकर बिजली बनाने तक के लिए किया जाता है।
9. जो नदियाँ प्रारंभिक ढलान पर बहती है उन्हें अनुवर्ती नदी कहते हैं।
10. भारत में कुल 12 नदियाँ पाई जाती है जिसमें गंगा नदी को सबसे पवित्र माना जाता है।
11. भारत की सबसे लंबी नदी नील और सबसे छोटी नदी अरावरी नदी है।
12. ब्रह्मपुत्र नदी को लाल नदी के नाम से भी जाना जाता है और इसे चीन में सांगपो कहा जाता है।
13. भारत की नदियों को चार भागों में विभाजित किया जाता है। हिमालय से निकलने वाली नदियाँ, दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ, सहायक नदियां और तटवर्ती नदियाँनदियाँ जो कि उनके उदगम स्थल के आधार पर है।
Nadiyon ke Labh in Hindi Essay – Essay on River in Hindi Language – नदी पर निबंध ( 500 words )
नदियाँ हमारे जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है। सुरज की किरणें पहाड़ो पर जमी हुई बर्फ पर गिरने से होता है। यह सर सर की सुरीली आवाज के साथ एक स्थान से दुसरे स्थान तक बहती है जिसके कारण इसे सरिता भी कहते है। यह बहुत ही तेज प्रवाह से बहती है इसी कारण से ही प्रवाहिनी भी कहा जाता है। नदियाँ उँचाई से निचाई की ओर बहती है। नदियों के छोटे रूप को नहर कहते है। नदियाँ अपने राह में आने वाली चट्टानों से टकरा कर अपना रास्ता बदल लेती है और एक से ज्यादा नदियों में परिवर्तित हो जाती है। बहुत सारी नदियों के संगम पर सागर बनता है।नदी भी दो तरह की होती है सदानीर और बरसाती। सदानीर नदी में हर समय पानी रहता है जबकि बरसाती नदी में सिर्फ बारिश आने पर ही पानी इकट्ठा होता है और यह कुछ समय में ही सूख जाती है।
नदियों से हमें और निर्मल जल की प्राप्ती होती है जो कि हमारी सर्वप्रथम आवश्यकता है। यही कारण है कि जितनी भी पुरानी सभ्यता मिली है वह नदियों के किनारे पर ही मिली है ताकि उन्हें पानी जैसी सुविधाएँ आसानी से प्राप्त हो सके। हड़प्पा सभ्यता भी सिंधु नदी के तट पर पाई गई थी। हमारे पुरे विश्व में गंगा,नील, अमेजन जैसी बहुत सी नदियाँ है। नदी का काम हमेशा बहते रहना है। कहते है हमें भी जल की तरह समय के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
नदियों में मछली पाई जाती है जिससे कि वो बहुत से लोगों के लिए भोजन भी उपल्बध कराती है। नदियों का जल पीने के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि वह बहुत ही स्वच्छ होता है। बहुत से लोग नदियों के जल का प्रयोग कपड़े धोने, खेतों में सिंचाई आदि के लिए प्रयोग करते है। नदियों का पानी खेतों की उपजाऊ शक्ति बढ़ाता है क्योंकि यह जलोढ़ जल देता है। नदियों का महत्व हम सब के जीवन में पुराने समय से ही रहा है।
बहुत से तीर्थ स्थलों का महत्व नदियों के कारण ही है क्योंकि लोग उन नदियों को बहुत ही पवित्र मानते है और स्नान करने जाते है। लोग हरिद्वार भी गंगा स्नान के लिए ही जाते है। नदियों के कारण बहुत से स्थान पर्यटन स्थल में परिवर्तित हुए है। नदियों के किनारे पर बहुत से उद्योग लगाए जाते है ताकि पानी आसानी से मिल सके। आजकल बच्चे नदियों में बहुत सी गतिविधियाँ करते है जैसे कि रिवर राफटिंग, बोटिंग आदि। नदियों के माध्यम से व्यापार भी किया जाता है। नदियों के उपर बाँध बनाकर हम पानी से बिजली उत्पन्न करा सकते है। नदी जल का प्राकृतिक स्त्रोत है और इससे बिजली उत्पन्न करने से हम आसानी से ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।
आज के समय में लोग नदियों को दुषित कर रहें हैं। वह पूजा पाठ के नाम पर उसमें धुबबती आदि डालते है। लोग नदियों में कूड़ा करकट बहा देते है। हमें अपनी प्रकृति के इस अनोखे उपहार को संभाल कर रखना चाहिए। सरकार ने भी इसके लिए स्वच्छता अभियान की मूहीम चलाई है जिसमें नदियों की भी साफ सफाई का ध्यान रखा जारा है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Nadiyon ke Labh in Hindi Essay – Essay on River in Hindi Language – नदी पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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