Here you will get Paragraph and Short Essay on Shiksha Mein Khel Ka Mahatva in Hindi Language for Students and Kids of all Classes in 300, 600 and 800 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध मिलेगा।
Essay on Shiksha Mein Khel Ka Mahatva in Hindi – शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध
Essay on Shiksha Mein Khel Ka Mahatva in Hindi – शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध ( 300 words )
भूमिका- खेल कूद भी व्यक्ति के जीवन का एक अहम हिस्सा है। यह हमारी शिक्षा का एक अभिन्न अंग है क्योंकि शिक्षा का अभिप्राय केवल किताबी ज्ञान से नहीं होता अपितु इसके अंतर्गत खेल कूद का ज्ञान भी आवश्यक है। शिक्षा का अर्थ मानसिक विकास के साथ साथ शारीरिक विकास से भी होता है। कहा भी जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। शिक्षा और खेलों का एक दूसरे के बिना कोई महत्व नहीं है। ये दोनों ही एक दूसरे के बिना अपंग है।
खेलों का महत्व-
खेल व्यक्ति के संपूर्ण विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। एकता, भाईचारे, निस्वार्थ और मैत्री भावना जैसे गुण जो वह किताबों से सीखता है, खेलों में उन्हें वह अपनाता है। खेलों में भाग लेने से प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है जिससे व्यक्ति पढ़ाई में ओर बेहतरीन करने लगता है। खेल हमें एकाग्रचित्त होकर कार्य करने में मदद करते हैं। खेल खेलने से सद्भावना का विकास होता है और हम सकारात्मक चीजों की तरफ अग्रसर होते हैं। खेलों से बच्चों की सोचने समझने की शक्ति में वृद्धि होती है जिसका लाभ उन्हें पढ़ाई लिखाई में होता है। खेलों के क्षेत्र में भविष्य का निर्माण भी किया जा सकता है। यह आजीविका अर्जन का भी बेहतरीन मार्ग है।
निष्कर्ष-
खेल मनुष्य को प्रगति की राह पर अग्रसर करते हैं। सारा दिन पढ़ाई और खेल कूद का अभाव बच्चे को तनाव ग्रस्त और बेकार बना देता है। बच्चों को किताबी कीड़ा ना बनाकर उनके संपूर्ण विकास के लिए स्कूलों में खेलों को भी एक विषय के रुप में पढ़ाया जाना चाहिए। इसलिए स्कूलों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। हमें भी शिक्षा के साथ साथ खेलों का महत्व समझना चाहिए और उन्हें अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
Essay on Shiksha Mein Khel Ka Mahatva in Hindi – शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध ( 600 words )
भूमिका- शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है लेकिन शिक्षा का अर्थ केवल मानसिक ज्ञान से नहीं है अपितु इसमें शारीरिक ज्ञान भी सम्मिलित हैं। कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है और स्वस्थ रहने के लिए खेल कुद बहुत ही आवश्यक है। खेल केवल मनोरंजन का ही साधन नहीं है बल्कि इनसे हमारे अंदर बहुत से गुण आते हैं।हैं। शिक्षा के तीन भाग होते हैं– मानसिक ज्ञान, शारीरिक ज्ञान और आत्मिक ज्ञान और तीनों को ही प्राप्त करने के लिए स्वस्थ होना आवश्यक है।
खेलों की आवश्यकता-
शिक्षा प्रणाली को पहले से बेहतरीन और रोचक बनाने के लिए खेलों की आवश्यकता है। व्यक्ति किताबों में जो कुछ भी पढ़ता है उन्हें वह खेल के मैदान में अपनी असल जिंदगी में अपनाता है। खेलने से व्यक्ति के मस्तिष्क का विकास होता है और उसकी बुद्धि में वृद्धि होती है। सारा दिन पढ़ने से व्यक्ति तनाव ग्रस्त हो जाता है लेकिन खेल उसे तनाव मुक्त बनाते हैं। खेलों में व्यक्ति अपनी कमी को पहचानता है और उन्हें सुधारने का प्रयास करता है और वह ठीक ऐसा ही पढ़ाई में भी करता है। वह अपनी कमियों को सुधार पहले से बेहतरीन प्रदर्शन करता है। शिक्षा और खेलों को एक दुसरे के पूरक माना जाता है। दोनों ही एक दुसरे ऐ बिना अपंग है। हर रोज खेल कुद करने से व्यक्ति का मस्तिष्क बेहतरीन कार्य करता है और पढ़ने में रुचि उजागर होती है जिससे व्यक्ति पहले से ज्यादा मन लगाकर पढ़ाई कर सकता है। बच्चों का तो खेल कुद से बहुत ही गहरा नाता है क्योंकि इससे वह जो गुण सिखते है वह उन्हें जिंदगी भर याद रहते हैं।
खेलों के लाभ-
खेलों में भाग लेने से व्यक्ति की एकाग्रचित्त शक्ति में वृद्धि होती है। वह मित्रता, भाईचारा और मिल जुलकर कार्य करने जैसी सद्भावनाओं को खेल के मैदान में ही अपनाता है। खेल खेलने वाले व्यक्ति अपने सभी कार्य समय पर करते हैं और उनका जीवन अनुशासन प्रिय होता है। खेलों में भाग लेने से व्यक्ति में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत होती है और वह अपनी हार और जीत को खुशी खुशी स्वीकार करना सीख जाता है। इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और साथ ही राष्ट्रीय एकता की भावना को भी मजबूती मिलती है। यह राष्ट्र के विकास के लिए बहुत ही लाभदायक है। खेलों के क्षेत्र में भविष्य भी उजागर है इसलिए पढ़ाई के साथ साथ खेल भी जरूरी है।
स्कूलों में खेल-
बच्चों की पूर्ण शिक्षा और विकास के लिए स्कूलों और कोलजों में भी खेल कुद एक विषय के रुप में पढ़ाए जाते हैं। रोज एक घंटी खेल कुद की होती ही होती है। शिक्षकों को भी चाहिए कि वह बच्चों को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करे। समय समय पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। सरकार भी खेलों को बढ़ावा देती है और बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है।
निष्कर्ष-
खेलों के बिना जीवन नीरस है और व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए खेलों का होना आवश्यक है। आज के समय में केवल किताबी कीड़ा बनना ही काफी नहीं है अपितु खेल कुद से खुद को स्वस्थ रखना ही आवश्यक है। किसी भी व्यक्ति के विकास में खेल कुद की भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। आज के समय में खेलों की वजह से ही बहुत से लोग अच्छे अच्छे पदों पर है लेकिन अच्छे पढ़े लिखे होने के बावजूद भी बहुत से लोग दुर्बल काया होने के कारण अच्छे पदों से वंचित रह जाते हैं। हमें चाहिए कि हम संपूर्ण विकास की तरफ अग्रसर हो और खेलों को अपने जीवन का अंग बनाए।
Essay on Shiksha Mein Khel Ka Mahatva in Hindi – शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध ( 800 words )
भूमिका- शिक्षा का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व है और शिक्षा से अभिप्राय मानसिक विकास के साथ साथ शारिरिक विकास से भी है। हमारी पूर्ण शिक्षा के लिए खेल बहुत ही आवश्यक है क्योंकि स्वास्थ्य शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। खेल व्यक्ति के मनोरंजन का भी साधन है और इनसे हमें बहुत से अच्छे गुण सिखने को मिलते हैं। उच्च शिक्षा के लिए खेल कुद में भागीदारी होना अति आवश्यक है। शिक्षा के तीन भाग है। पहला शारीरिक ज्ञान, दूसरा मानसिक ज्ञान और तीसरा आत्मिक ज्ञान और तीनों को ही प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य का अच्छा होना आवश्यक है। खेल और शिक्षा को एक दूसरे के पूरक माना जाता है और दोनों का ही एक दुसरे के बिना कोई वजूद नहीं है।
खेलों की जरुरत-
हमारे शरीर को स्वस्थ रखने और मस्तिष्क को मजबूत रखने के लिए खेल कूद बहुत ही जरुरी है। यदि कोई व्यक्ति रोज खेल कूद करेगा तो वह स्वस्थ रहेगा और उसका दिमाग बेहतरीन रूप से कार्य करेगा जिससे उसकी शिक्षा के प्रति रुची बढ़ेगी और वह पहले के मुकाबले अच्छे से पढ़ सकेगा। बच्चा किताबों से भाईचारा, प्रेम और मिल जुलकर कार्य करने की सद्भावनाओं को पढ़ता है लेकिन खेल के मैदान में उन सब गुणों को सिखता है और अपने जीवन में अपनाता है। किताबी ज्ञान को ही केवल शिक्षा नहीं कहा जाता है अपितु इसे अपने जीवन में अपनाना और साथ ही शारीरिक ज्ञान को प्राप्त करना ही उचित शिक्षा है। बच्चों का तो खेल कुद से बहुत ही गहरा नाता है क्योंकि वह खेल खेल में बहुत कुछ सीखते हैं जिन्हें वह जिंदगी भर नहीं भूल सकते हैं। यह उनके लिए मनोरंजन के साथ साथ बहुत से गुणों को अपनाने का भी माध्यम हैं।
खेलों के लाभ-
खेल कूद करने से शरीर का प्रत्येक भाग सुचारु रुप से कार्य करता है और उसे ताजगी का अनुभव होता है जिससे उसका पढ़ाई में मन लगने लगता है। खेलने से व्यक्ति की ऐकागृचीत भावना में वृद्धि होती है और पढाई में रूचि लेता है। खेलने से उसकी सोचने की क्षमता वृद्धि होती है। इतना ही नहीं खेलों में भविष्य भी उजागर है इसलिए पढाई के साथ साथ खेल कूद भी बहुत महत्वपूर्ण है। खेल कुद व्यक्ति को सभी काम समय पर करना सिखाता है और उसे पहले से ज्यादा अनुशासित बनाता है। शिक्षा के साथ साथ खेल भी व्यक्ति के बेहतरीन चरित्र के निर्माण में मदद करते हैं। खेल कूद शरीर में रक्तसंचार को सूचारु रखते हैं। खेलों से राष्ट्रीय एकता की भावना का भी निर्माण होता है। यह राष्ट्र के विकास के लिए बहुत ही लाभदायक है। खेल कुद से बच्चों में आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत होती है। व्यक्ति अपनी हार और जीत को खुशी खुशी अपनाना सीख जाता है और अपनी कमियों को पहचानता है। यहीं काम वह शिक्षा के समय पर करता है और अपनी कमियों को पहचान उन्हें सुधारने का प्रयास करता है। जब इंसान अपनी गलतियों को समझ जाता है तो वह उन्हें सुधारता है और पहले से बेहतरीन प्रदर्शन करता है।
स्कूलों में खेल-
शिक्षा में खेलों के महत्व को समझते हुए खेल कुदो को एक विषय के रुप में पढ़ाया जाता है। समय समय पर बच्चों के मनोरंजन और उनके शारीरिक विकास के लिए स्कूल और कोलजों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। शिक्षकों को भी चाहिए कि वह बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ खेल के लिए भी प्रोत्साहित करे और उन्हें उच्च शिक्षा और पूर्ण विकास की तरफ अग्रसर करे। बहुत से बच्चे तो आज शिक्षा के बल पर ऊंचे ऊंचे पदों पर है।
निष्कर्ष-
खेल कूद शिक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है जिनके बिना शिक्षा प्रणाली बिल्कुल अपंग है। आज के युग में हमें केवल किताबी कीड़ा नहीं बनना चाहिए अपितु खेल कुद की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। हर व्यक्ति को अपने जीवन में किसी न किसी खेल को अवश्य अपनाना चाहिए जिससे कि उसका सही से विकास हो सके। वैसे भी कहा भी जाता है कि सारा दिन पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे खराब, खेलोगे कुदोगे तो बनोगे नवाब। सारा दिन पढ़ते रहने से भी मनुष्य तनाव ग्रस्त हो जाता है और उसी तनाव से राहत पाने के लिए खेल सहायक है और बुद्धि में भी वृद्धि होती है। खेल हमारे मस्तिष्क को शांत रखने में मदद करते हैं और हमें सुव्यवस्थित तरीके से काम करने में मदद करते हैं। किसी भी व्यक्ति के विकास में खेल कुद की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हम चाहे कितने भी दिमाग वाले हो पर चलना हमें पैरों से ही पढ़ता है और उसके लिए अच्छा स्वास्थ्य जरुरी है। बहुत से व्यक्ति अच्छे पदों से दुर्बल काया होने के कारण वंचित रह जाते हैं। हम सबको खेलों को अपनाना चाहिए और जिंदगी की इस दौड़ में किसी भी तरह से पीछे नहीं रहना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Shiksha Mein Khel Ka Mahatva in Hindi – शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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