Get information about Soil Pollution in Hindi Language. Here you will get Paragraph and Short Essay on Soil Pollution in Hindi Language for students of all Classes in 100, 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मृदा प्रदूषण पर निबंध मिलेगा।
Essay on Soil Pollution in Hindi – मृदा प्रदूषण पर निबंध
#1 Essay on Soil Pollution in Hindi – मृदा प्रदूषण पर निबंध ( 100 words )
किसी भी चीज के दुषित होने को प्रदुषण कहा जाता है और मिट्टी का दुषित होना मृदा प्रदुषण कहलाता है। मृदा हमारे पर्यायवरण का एक अहम हिस्सा है जो वनस्पति, पशु और मनुष्य के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहायक है और यदि इसी को दुषित कर दिया जाऐगा तो फसल सही से बढ़ नहीं सकेगी और उससे सभी के जीवन और पर्यायवरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मृदा प्रदुषण मिट्टी में रसायनों के मिलने, अम्लीय वर्षा, प्लास्टिक, वनोन्मुलन, अत्यधिक सिंचाई और औद्योगिक कचरे के मिट्टी में मिलनो की वजह से होता है जो कि बहुत ही नुकसानदायक है।
मृदा प्रदुषण से मिट्टी की उर्वरता कम होती जा रही है और यह समस्या बढ़ते हुए शहरीकरण के साथ बढ़ती जा रही है। हमें मिट्टी की उर्वरता को बरकरार रखने के लिए और पृथ्वी पर मनुष्य और पशुओं के जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए मृदा प्रदुषण को रोकना आवश्यक है और इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने चाहिए।
#2 Short Essay on Soil Pollution in Hindi Language – मृदा प्रदूषण पर निबंध ( 300 words )
हम जहाँ भी रहते है हमारे आस पास मिट्टी ही होती है। मिट्टी हमारा और पेड़ पौधों का पालन पोषण करती है। इसी मिट्टी के दुषित होने को मृदा प्रदुषण कहा गया है। मनुष्य की गतिविधियाँ ही मृदा प्रदुषण का कारण है। मनुष्य खुले में जो कुड़ा कचरा फेंकता है और उद्योगों से निकलने वाले रसायन जो पानी के माध्यम से मिट्टी में चले जातो है मिट्टो को बहुत ही प्रदुषित करते हैं। हवा में जो दुषित कण होते है वह भी बारिश के माध्यम से जमीन पर आ जाते हैं और मृदा प्रदुषण का कारण बनते हैं।
मृदा के दुषित होने की वजह से उसकी उपजाऊ शक्ति कम होती जा रही है। पेड़ पौधों का विकास भी पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है और फसलें भी अच्छी नहीं होती है जिससे मनुष्य के स्वास्थय पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। दुषित मिट्टी में जल मिलने से जल प्रदुषण भी बढ़ता है।
हम सभी को मृदा प्रदुषण को रोकना होगा। इसके लिए किसी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि सबको मिलकर काम करना होगा। हमें खुले में कचरा फेंकने की बजाय कूड़ेदानों में डालना होगा। खनिजों की खुदाई के अवशेषों को भी मिट्टी में नहीं छोड़ना होगा। कोई भी चीज मिट्टी में डालने से पहले उसका उपचार करना होगा।
मिट्टी को दुषित होने से रोकने के लिए हवा प्रदुषण और जल प्रदुषण दोनों पर रोक लगानी चाहिए। अगर मिट्टी प्रदुषण को रोकने के लिए अभी से उपाय नहीं किए गए तो मिट्टी पूर्ण रूप से अपनी उपजाऊ शक्ति खो देगी और पूरी तरह से बंजर हो जाएगी। फिर न तो धरती पर पेड़ पौधे होंगे और न ही फसल और इंसान ऐसे ही भूखा मर जाएगा। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने पर्यायवरण में मौजुद हर चीज का ध्यान रखे और उसे साफ और स्वच्छ रखे।
#3 Essay on Soil Pollution in Hindi Language – मृदा प्रदूषण पर निबंध ( 500 words )
भूमिका- किसी भी चीज का दुषित होना प्रदुषण कहलाता है। मिट्टी में उन तत्वों को पाया जाना जो उसके लिए हानिकारक है मिट्टी को प्रदुषित करते हैं। मिट्टी का दुषित होना ही मृदा प्रदुषण कहलाता है। मिट्टी का प्रयोग हम हर चीज में करते है और यदि वही दुषित होगी तो मनुष्य का जीवन बुरी तरह प्रभावित होगा।
मृदा प्रदुषण के कारण-
मिट्टी का दुषित होना मानवीय गतिविधियों पर निर्भर करता है। इसके बहुत से कारण है-
1. खनन के दौरान जो भी तत्व निकलते है उन्हें किसी मैदान में इकट्ठा कर दिया जाता है जो कि मिट्टी को हानि पहुँचाति है और उसकी उपजाऊ शक्ति को भी खत्म कर देता है।
2. खेतों में अधिक कीटनाशकों के प्रयोग से भी मृदा प्रदुषण बढ़ता है।
3. उद्योगों से निकलने वाले रसायन पानी के साथ मिलकर मिट्टी में घुल जाते है जिससे मिट्टी दुषित होती है।
4. हवा में मौजुद दुषित कण भी बारिश के साथ जमीन पर आ जाते है और मिट्टी को दुषित करते हैं।
5. लोगों के द्वारा खुले में कचरा फेंकने से भी मृदा प्रदुषण होता है।
( Effects of Soil Pollution ) मृदा प्रदुषण के प्रभाव-
दुषित वातावरण की तरह ही दुषित मिट्टी भी मनुष्य को बुरी तरह प्रभावित करती है। मृदा प्रदुषण का प्रभाव मनुष्य के साथ साथ पेड़ पौधों पर भी पड़ता है। इसके प्रभाव निम्नलिखित है-
1. जहाँ पर मिट्टी दुषित हो जाती है उस भूमि कि उपजाऊ शक्ति खत्म हो जाती है।
2. दुषित मिट्टी के कारण पेड़ पौधों का सही विकास नहीं हो पाता है।
3. मनुष्य के जीवित रहने के लिए कृषि की आवश्यकता होती है और दुषित मिट्टी के कारण फसल अच्छी नहीं हो पाती जिस कारण उसकी पैदावार बढ़ाने के लिए उसमें हानिकारक कीटनाशक मिलाए जाते है जिसे खाने से बिमारी उत्पन्न होती है।
4. दुषित मिट्टी जल के साथ मिलकर जल प्रदुषण करती है।
मृदा प्रदुषण रोकने के उपाय-
पेड़ पौधो और मनुष्य को स्वस्थ रखने के लिए मृदा प्रदुषण को रोकना जरूरी है अन्यथा सारी धरती बंजर सी होती चली जाएगी। मृदा प्रदुषण रोकने के लिए निम्नलिखित उपाए किए जा सकते है-
1. लोगों को खुले में कचरा फेंकने से रोकना होगा और इसके लिए सरकार ने स्वच्छता अभियान भी चलाया है।
2. लोगों को पॉलिथिन का प्रयोग भी बंद करना होगा।
3. उद्योगों से निकलने वाले रसायनों को खुले में मिट्टी या पानी में नहीं बहाना चाहिए।
4. हवा को दुषित होने से रोका जाए तो भी मिट्टी को दुषित होने से रोका जा सकता है।
5. हमें खेतों में रसायनिक खादों की जगह पर गोबर का इस्तमाल करना चाहिए।
निष्कर्ष-
मृदा प्रदुषण धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है जिसकी वजह से मिट्टी धीरे धीरे अपनी उपजाऊ शक्ति खो रही है और पूरी जमीन बंजर बनती जा रही है। इसे रोकना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। हमारी मिट्टी ही हमारी पालनकर्ता होती है और हमें इसे दुषित होने से बचाना होगा। मिट्टी में हानिकारक तत्वों को मिलने से रोकना होगा। यह कोई एक व्यक्ति नहीं कर सकता हम सबको मिलकर ही यह काम करना होगा। कोई भी ठोस चीज मिट्टी में फेंकने से पहले उसका उपचार करना होगा।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Soil Pollution in Hindi – मृदा प्रदूषण पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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