Long and Short Speech on Gandhi Jayanti in Hindi Language. Here you will get Gandhi Jayanti Speech in Hindi Language for Students and Teachers of all Classes in 300, 400 and 500 words. सभी कक्षाओं के छात्रों और शिक्षकों के लिए हिंदी भाषा में गांधी जयंती पर भाषण।
Gandhi Jayanti Speech In Hindi – गाँधी जयंती पर भाषण
Gandhi Jayanti Speech In Hindi – गाँधी जयंती पर भाषण (300 Words)
महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्तूबर, 1869 ई० को गुजरात प्राँत के पोरबन्दर नामक नगर में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी वहीं हुई। जब ये सात वर्ष के हुए तो इनके पिता जी राजस्थान कोर्ट के मैम्बर बन कर रायकोट चले गए| और बालक मोहन की शिक्षा भी राजकोट में ही हुई। वहां पर ही इन्होंने ‘श्रवण-पितृ-भक्ति’ नाटक से पितृभक्ति का और ‘सत्य हरिचन्द्र’ नाटक से सत्य का पाठ पढ़ा।
यही दो बातें इनकी सहायता का मूल हैं। ‘होनहार विरवान के होत चीकने पात’-वाली कहावत भी गाँधी जी पर पूरी घटी। इतना परिश्रम किया कि इन्हें सौराष्ट्र प्रान्त के दो वजीफे मिलने लगे। फिर इंग्लैंड जाकर बैरिस्ट्री पास की। जब ये इंग्लैंड गये तो इन्होंने तीन प्रतिज्ञाएं कीं :
(1) शराब नहीं पियेंगे।
(2) मांस नहीं खाएंगे।
(3) नारी को माँ-बहिनों की भांति समझेंगे।
इनकी देख रेख करने वाला कोई नहीं था। फिर भी यह अपनी प्रतिज्ञाओं से तनि भी विचलित न हुए। अब्दल्ला एण्ड कम्पनी के मुकद्दमे की पैरवी करने के लिए दक्षिणी अफ्रीका गए। वहां पर भारत के प्रवासी लोगों के साथ सरकार का बुरा व्यवहार देखा । इनसे न रहा गया। इन्होंने अन्याय का विरोध करने के लिए सत्याग्रह और असहयोग का सहारा लेकर अहिंसात्मक आन्दोलन चलाया। आखिर सरकार ने अपनी भूल स्वीकार की। वहां से इनमें अन्याय के विरुद्ध युद्ध करने का उत्साह पैदा हुआ।
भारत में भी यही हालत थी। इन्हें गुलामी के स्थान-स्थान पर दर्शन हुए। भारत में स्वतन्त्रता आन्दोलन चलाया। कांग्रेस को जनता की संस्था बनाया। कांग्रेस की आवाज जनता की आवाज समझी जने लगी। आखिर कांग्रेस के द्वारा भारत को स्वतन्त्र करवाया। इसके अतिरिक्त समाज-सुधार की बहुत सी बातें कीं। अभी गांधी जी के हृदय में भारत में राम राज्य लाने का स्वप्न बाकी था कि एक मनचले नौजवान नाथुराम गोडसे ने 30 जनवरी,1948 को तीन गोलियां मार कर इनकी हत्या कर दी। सारा संसार शोक सागर में डूब गया। देश के वासी इन को अभी तक राष्ट्र पिता के पवित्र नाम से याद करते हैं।
Gandhi Jayanti Speech In Hindi Language – गाँधी जयंती पर भाषण ( 400 words )
आदरणीय प्रधानाचार्य, अतिथिगण, स्मस्त अध्यापकगण एवं मेरे प्यारे सहपाठियों को नमस्कार। आज हम सब 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाने के उपलक्ष्य में एकत्रित हुए हैं। गाँधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर 1869 को महात्मा गाँधी जी का जन्म हुआ था जिनका पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद गाँधी था। हर वर्ष गाँधी जयंती के दिन उन्हें श्रदांजलि अर्पित कि जाती है। लोग उनके आदर्श जीवन को याद करते हैं। उनके सत्य और अहिंसा के दिखाए हुए मार्ग पर चलते हैं और उनके बलिदान को याद करते हैं। सभी नेता दिल्ली में राजघाट पर स्थित उनकी समाधि पर जाकर उनको पुष्प चढ़ाकर श्रदांजलि अर्पित करते हैं।
गाँधी जयंती के दिन चरखे और हथकरघा से बने कपड़ो की परदर्शनी भी लगाई जाती है। इस दिन गाँधी जी का पसंदीदा भचन रघुपति राघव राजा राम चलाया जाता है। स्कूलों में बच्चे गाँधी जी की वेशभूषा धारण करते हैं। गाँधी जी की बातो को और उनके सादगी पूर्ण जीवन को याद किया जाता है। टेलीविजन पर महात्मा गाँधी जी से जुड़े बहुत से कार्यक्रम भी दिखाए जाते हैं। महात्मा गाँधी जी ने देश को स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बिना किसी हिंसा के देश को आजाद कराया और समाज की बहुत सी बुराईयों को भी खत्म किया था। वह एक महान व्यक्ति थे। उनका मानना था कि व्यक्ति की सोच उसे निर्मित करती है यानि कि व्यक्ति जो सोचता है वह वहीं बन जाता है।
महात्मा गाँधी जी को सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी सम्मान दिया जाता है। गाँधी जयंती के दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है। 2 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय स्तर पर अंतराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। महात्मा गाँधी जी को बापू और राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है। गाँधी जयंती के दिन देश के विकास के लिए बहुत से नए कार्यक्रम शुरु किए जाते हैं। इस दिन योग्यता के धनी गाँधी जी को पूरे देश में याद किया जाता है। उन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की थी और यही कारण है कि वह मृत्यु के बाद भी हम सबके हृदय में जीवित है। उनके देश के लिए किए गए कार्यों से इतिहास भरा हुआ है। वह बंधुत्व, अहिंसा और सत्य की प्रतिमूर्ति थे। आज गाँधी जयंती के दिन हम शपथ लेते हैं कि हम सत्य के मार्ग पर चलेंगे।
मेरी बातों को ध्यान से सुनने के लिए धन्यवाद।
जय हिंद।
Gandhi Jayanti Speech In Hindi – गाँधी जयंती पर भाषण ( 500 words )
सम्मानित प्रिंसिपल, शिक्षक और मेरे प्रिय मित्र, आज 2 अक्टूबर के दिन हम गांधी जयंती मना रहे हैं। इस अवसर पर मैं अपने प्यारे गांधी जी के जीवन पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। बापू का जन्म दूसरे अक्टूबर, 1896 को गुजरात में पोरबंदर नामक एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और मां पुटलीबाई थी। जब बापू अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करते हैं, तो वह वकील बनना चाहते हैं। तो, 1888 के दौरान वह कानून के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड गए थे। चार साल के कठिन संघर्ष के बाद उन्होंने अपनी विधि की डिग्री पूरी की और 1891 में भारत लौट आया।
इंग्लैंड से वापस आने के बाद, वह अपने काम की पुनः खोज के लिए अफ्रीका गया। उन दिनों में, दक्षिण अफ्रीका में भारतीय वकीलों की भारी मांग थी। वहां उन्होंने काम किया। गांधीजी ने अपनी जीवन काल के करीब 20 साल बिताए। इन दिनों के दौरान, दक्षिण अफ्रीका में नस्लवाद आ रहा था। वह इस नस्लवाद का शिकार बन गया। प्रथम श्रेणी के आरक्षण में एक वैध टिकट प्राप्त करने के बाद भी वह चलने वाली ट्रेन से बाहर निकाल दिया गया था। यह कार्य बुरी तरह से उनकी आत्मा को प्रभावित करती है और उन्होंने जातिवाद की सामाजिक बुराई का विरोध करना शुरू कर दिया। इन दिनों गांधीजी के लिए बहुत यादगार थे क्योंकि इन दिनों कस्तूरबा गांधी के साथ उनकी शादी हुई थी। उसने जीवन के सभी क्षेत्रों में उसे समर्थन दिया।
वह 1915 में भारत लौट आए। उनकी वापसी के बाद उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले से मुलाकात की और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों के बारे में चर्चा की। उन्होंने खुद को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल किया और भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने 1920 में गैर-सहयोग क्षण शुरू किया, जिसमें भारतीयों को ब्रिटिश सरकार के किसी भी काम में सहयोग न करने को कहा गया था। 1930 में उन्होंने लगभग 400 किमी की लंबी दूरी पर चलने से एक दंडी मार्च बनाया। उन्होंने नमक के उत्पादन के खिलाफ ब्रिटिश के कानून को तोड़ दिया।
1942 में उन्होंने ‘काफी भारत आंदोलन’ को चिल्लाया जिसके माध्यम से उन्होंने सत्तारूढ़ ब्रिटिशों को एक संदेश भेजा कि हमारे देश को छोड़ दिया जाए और हम अपने देश का शासन करने में सक्षम हैं। इन सभी क्षणों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को वापस पैर पर खुद को स्थापित करने के लिए बनाया। अंत में, भारत को 15 अगस्त 47 को अपनी स्वतंत्रता मिली। उन्होंने 30 जनवरी, 1948 को नथुराम गोडसे द्वारा गोली मार दी थी।
जय हिंद, जय भारत …।
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