Get information about Gautam Buddha in Hindi Language. Here you will get Gautam Buddha History in Hindi Language for Students and Kids of all Classes in 300 and 600 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में गौतम बुद्ध की जीवनी मिलेगा।
Gautam Buddha History in Hindi – गौतम बुद्ध की जीवनी
Gautam Buddha History in Hindi Language – गौतम बुद्ध की जीवनी ( 300 words )
गौतम बुद्ध एक महान संत थे जिन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी। इनका जन्म 563 ईसवी पूर्व लुंबिनी जो कि नेपाल में है वहाँ के क्षत्रिय कुल के राजा शुद्धोधन के यहाँ हुआ था। इनकी माता का नाम महामाया था और उनकी मृत्यु इनके दन्म के सात दिन बाद हो गई थी। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था और उनका पालन पोषण उनकी मासी महाप्रजापति गौतमी ने किया था। इन्होंने विवाह के पश्चात जीवन मरण और परम सत्य की खोज में अपनी पत्नी और अपने बेटे राहुल को त्याग दिया था और जंगलो में चले गए थे। इन्होंने गुरू विश्वामित्र से धर्म और वेदों का ग्यान प्राप्त किया था। साथ ही इन्हें शस्त्र विद्या भी आती थी।
ग्यान की प्राप्ती- कई सालों की कठोर तपस्या के बाद गौतम बिहार के गया नामक स्थान पर पहुँचे और वहाँ पास ही उन्होंने एक वटवृक्ष के नीचे साधना आरंभ की। वैशाख की पूर्णिमा की रात को उन्हें ग्यान की प्राप्ती हुई और वो बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए। वह वट वृक्ष बौद्धि वृक्ष के नाम से जाना जाने लगा और वह स्थान गया के नजदीक होने के कारण बौद्धगया के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
उपदेश- बौद्ध ने अपने जीवन में बहुत से उपदेश दिए और लोगों को अहिंसा के पथ पर चलने की सलाह दी। उन्होंने लोगों को बताया कि इच्छा ही दुख का सबसे बड़ा कारण है। अगर मनुष्य अपनी इच्छाओं को वश में कर ले तो उसके दुख खत्म हो जाऐंगे। उन्होंने अपना पहला उपदेश काशी में दिया था और उन्होंने अपने उपदेश संस्कृत की बजाय पाली भाषा में दिए थे। गौतम बुद्ध 80 वर्ष तक जिए और उनकी मृत्यु 483 ईसवी पूर्व में हो गई थी। लोग उन्हें भगवान विष्णु का अवतार मानते थे और बहुत से ग्रंथो में उनका वर्णन भी है।
Gautam Buddha History in Hindi Language – गौतम बुद्ध की जीवनी ( 600 words )
बुद्ध-धर्म अथवा बौद्ध मत का नाम गौतम बुद्ध से जुड़ा हुआ है। गौतम बुद्ध ने जिन विचारों का प्रचार किया उसे ही बुद्ध धर्म या मत कहा जाता है। गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई० पूर्व में शाक्य वंश में हुआ। गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल की तराई में स्थित कपिल वस्तु नामक राज्य में हुआ। गौतम बुद्ध के पिता का नाम शुद्धोदन था और माता का नाम महामाया था। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। गौतम बुद्ध के जन्म के सात दिन बाद ही इनकी माता का स्वर्गवास हो गया था। गौतम बुद्ध का पालनपोषण इनकी मासी ने किया कहते हैं कि इनके जन्म पर बहुत सी अद्भुत घटनाएं घटीं। उस समय असित नामक ऋषि आए। उन्होंने पहले ही इनके पिता को बता दिया था कि सिद्धार्थ सांसारिक मोह-माया से विरक्त हो जाएगा।
गौतम बुद्ध बचपन से ही बड़े दयालु एवं कोमल स्वभाव के थे। एक दिन गौतम बुद्ध बाग़ में अपने चचेरे भाई देवदत्त के साथ घूम रहे थे। देवदत्त ने आकाश में उड़ते हुए हंसों में से एक को तीर से मार गिराया। इस बात पर गौतम बुद्ध को बहुत दु:ख हुआ। उन्होंने उस पक्षी का इलाज करवाया। जब वह ठीक हो गया तो उसे आकाश में छोड़ दिया।
ज्यों-ज्यों गौतम बुद्ध बड़े होते गए, संसार के प्रति उनका मोह कम होता गया। शुद्धोदन चाहते थे कि सिद्धार्थ बड़ा होकर राज्य सम्भाले । गौतम बुद्ध का मन सांसारिक मोह-माया में लगाने के लिए ही उन्होंने गौतम बुद्ध का विवाह एक बहुत सुन्दर कन्या यशोधरा से कर दिया। उनके एक पुत्र भी उत्पन्न हुआ जिसका नाम राहुल था। इसके अतिरिक्त सिद्धार्थ के महल में सब प्रकार के मनोरंजन के साधन रखे गए परन्तु सिद्धार्थ का मन उदास रहता था। ये सांसारिक वस्तुएं उन्हें खींच न पाईं। उन्हें बाहर घूमने नहीं दिया जाता 5 था। उनके पिता को भय था कि कहीं किसी दुःखद घटना को देखकर उनका पुत्र संसार से विरक्त न हो जाए।
एक दिन गौतम बुद्ध ने भ्रमण करने के लिए जिद्द की। वह संसार की वास्तविकता जानना चाहता था। गौतम बुद्ध के पिता ने न चाहते हुए भी भारी मन से उन्हें घूमने के लिए बाहर जाने दिया। उसने इस बात का विशेष प्रबन्ध किया कि उसे केवल सुन्दर और मनोरंजक दृश्य ही दिखाए जाएं। कोई भी दुःखद घटना उनकी आंखों के सामने न आए। परन्तु दुर्भाग्यवश उन्हें अपने भ्रमण में एक रोगी, एक बूढ़ा और एक मृतक देखने को मिला। इन्हें देखकर उनका मन बहुत दुःखी हो गया। वे सत्य की खोज में एक रात अपनी पत्नी और पुत्र को सोता हुआ छोड़ कर चले गए। उन्होंने बड़ी तपस्या की, कई ऋषिमुनियों की सेवा की, परन्तु कहीं से भी ज्ञान प्राप्त न हुआ। अन्ततः बिहार में गया नामक स्थान पर पीपल के एक वृक्ष के नीचे बैठकर उन्होंने तपस्या की।
यहां पर गौतम बुद्ध को सच्चा ज्ञान प्राप्त हुआ। गौतम बुद्ध समझ गए कि शरीर को कष्ट देने और तपस्या करने से मुक्ति नहीं मिलेगी, मुक्ति तो दुःखियों की सेवा करने से, उनके दुःख दूर करने से मिलती है । बस, उसी दिन से गौतम बुद्ध ने अपने विचार का प्रचार करना आरम्भ कर दिया। उसी दिन से बोध (ज्ञान) प्राप्त होने के कारण उनका नाम बुद्ध हो गया और उनका धर्म बौद्ध धर्म कहलाने लगा। उनके जीवन काल में ही उनके बहुत से अनुयायी हो गए । गौतम बुद्ध के विचारों (धर्म) का प्रचार देश और विदेशों में भी होना आरम्भ हो गया। गौतम बुद्ध की मुख्य शिक्षाएं थीं–अहिंसा, सभी मनुष्यों की बराबरी, नेक कर्म, सब की सेवा एवं भला करना। गौतम बुद्ध ने 80 वर्ष की आयु में अपना शरीर त्यागा।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Gautam Buddha History in Hindi – गौतम बुद्ध की जीवनी ) को पसंद करेंगे।
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