Get information about Rainy Season in Hindi. Here you will get Paragraph & Long Essay on Rainy Season in Hindi Language / Short essay on varsha ritu in hindi for Kids of all Classes in 150, 250, 350, 400 & 450 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में वर्षा ऋतु पर निबंध मिलेगा।
Essay on Rainy Season in Hindi – वर्षा ऋतु पर निबंध
Short Essay on Rainy Season in Hindi Language – वर्षा ऋतु पर निबंध (150 Words)
भारत एक ऐसा देश है जिसमें छः ऋतुएँ हैं-ग्रीष्म, वर्षा, शिशिर, शरद, हेमन्त और बसन्त। बसन्त को ऋतुओं का राजा कहते हैं। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहते हैं। ग्रीष्म ऋतु में धरती प्यासी हो जाती है। नदी, नाले सब सूख जाते हैं। पशु-पक्षी, नर-नारी सब त्राहि-त्राहि कर उठते हैं। तब सब प्राणियों का दुःख हरने आती है वर्षा रानी। वर्षा के आते ही धरती की प्यास बुझ जाती है। चारों ओर हरियाली छा जाती है। नदी, नाले, कुएँ और तालाब सब जल से भर उटते हैं। पशु-पक्षी सब प्रसन्न हो जाते हैं। सावन के काले-काले बादल आकाश को ढक लेते हैं।
यह देख मोर नाचने लगते हैं। लड़कियाँ झूला-झूलती हैं। रात को मेढक टर्रटर्र करते हैं। पपीहे की ‘पिउ-पिउ’ की आवाज़ मन को अच्छी लगती है। नए-नए अंकुर फूटते हैं। आमों की बहार देखने को मिलती है। किसान प्रसन्न होते हैं। बच्चे पिकनिक पर जाने की तैयारी करते हैं। चारों ओर मस्ती छा जाती है। वर्षा के कारण कच्चे मकान गिर जाते हैं। कई सड़कें भी टूट जाती हैं। अधिक वर्षा के कारण बाढ़ आ जाती हैं।
Essay on Rainy Season in Hindi – वर्षा ऋतु पर निबंध (250 Words)
बरसात के मौसम गर्मियों के बाद आता है आश्रध-श्रवण के महीनों में जून से अगस्त तक बरसात का मौसम है। इस सीजन में आसमान साफ़ रहता है। कभी-कभी बिजली और गर्जन-तूफान होता है यह कुछ घंटों के लिए बिल्लियों और कुत्तों को बूंदा और बारिश करता है यह एक जगह से दूसरे स्थान पर जाने के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है संचार प्रणालियों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
इस सीजन में नदियों, नहर, टैंक और अन्य कम जमीन पानी से भरे हुए हैं। नदियों में बाढ़ आती है और इसके बैंक में बाढ़ आती है जिससे कम झूठ बोलने वाले गांवों तक तबाही हो रही है। इससे लोगों के लिए बहुत असुविधा होती है और वे बेघर हो जाते हैं और अपने परिवार के सदस्यों के पास उच्च स्थानों पर ले जाते हैं। बाढ़ के प्रभाव के बाद महामारी शुरू होती है। बाजार नियमित अंतराल पर बैठ नहीं सकते। खाद्य सामग्री में कमी हो सकती है गरीब बेघर लोग पैसे की कमी के लिए भोजन नहीं खरीद सकते ईंधन भी दुर्लभ हो जाता है विचित्र सांप, मच्छरों, मक्खियों, मेंढक और कीड़े ‘परेशानी का कारण बनता है। सड़कों गड़बड़ और मलिन हो जाते हैं|
इस सीजन में फ़ील्ड एक नया रूप लेते हैं और फील्ड फूल और फलों से भरे हुए हैं। यह खेती करने वालों के लिए अपनी भूमि हल कर और बीज बोने का समय है। इस मौसम में जूट के अलावा मुख्य फसल चावल बोया जाता है। सब्जियां, पाइन सेब, अमरूद, जाम भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं। इन कठिनाइयों के बावजूद बरसात के मौसम में गांवों के लोगों, विशेषकर किसानों को खुशी मिलती है।
Varsha Ritu Essay in Hindi – वर्षा ऋतु पर निबंध (350 Words)
देश के दक्षिणी हिस्सों में भाग्यशाली भाग रहे हैं जो देश के बाकी हिस्सों से पहले मानसून के पहले बारिश प्राप्त करने में भाग लेते हैं। इस साल मैं केरल में था, जब मानसून ने शहर को तोड़ा। प्रकृति केरल राज्य के लिए अतिरिक्त प्रकार की गई है, क्योंकि उसने इसे पेड़ों, फूल, बैकवाटर, समुद्र, नदियों आदि की सबसे खूबसूरत प्राकृतिक उपहारों को उपहार में दिया है। उस दिन जब मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि बारिश आएगी, वहां समुद्र से आने वाली एक सज्जन हवा थी और इसके साथ ही समुद्र से नमक का मामू स्वाद आया।
सुबह तक देर तक आसमान साफ था, केवल शाम तक बादल छा गया था। आने वाले मानसून के बारे में जागरूक होने वाले पक्षी भोजन को इकट्ठा करने के बारे में जल्दबाजी कर रहे थे। अचानक हवा एक मजबूत हवा में बदल गई, ताड़ के खजूर के पेड़ लहराते हुए लेटे हुए थे और बैकवाटरों में पानी फोम की ओर देख रहा था। एक बड़ा बादल विस्फोट के साथ; बरसात शुरू हो गई। प्रत्येक, वर्षावन एक संगमरमर का आकार था यह एक बहुत बड़ा शोर बना जब यह पास की शॉनीज की टिन की छतों पर गिर गया। लोग कवर के लिए चलना शुरू कर दिया। जल्द ही शहर के शॉपिंग सेंटर के बरामदे बारिश से शरण लेने वाले लोगों से भरे हुए थे। कुछ ही समय में नाले और नाले बारिश के पानी से बह निकले थे। फिर अचानक वह बार-बार बार-बार बंद हो गया, जैसे ही आया था। लोग धीरे-धीरे अपने आश्रयों से बाहर निकलकर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए पानी के माध्यम से विडिंग शुरू कर देते थे।
बच्चे अपने घरों से कागज़ात नावों के साथ अपने हाथों से बाहर निकलते थे, जिससे वे बहते हुए बहने वाली नालियों के छोटे से छलकों में चले गए। हवा एक शांत हवा में शांत हो गई और हवा में फूलों की गंध थी, जो बारिश में गिर गई थी। मैंने सावधानी से अपना रास्ता घर बनाया। जिस तरह से मैं देख नहीं सकता था कि प्रकृति ने एक उज्ज्वल नए रूप को पहना था और सभी आस-पास ताजगी थी बहुत से लोग अपने घरों के बाहर ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। वास्तव में प्रकृति बारिश से एक बार फिर सुंदर बन गई थी|
Essay on Rainy Season in Hindi – वर्षा ऋतु पर निबंध (400 words)
भूमिका – भारत एक ऐसा देश है जिसे छः ऋतुओं का सुख प्राप्त है। हर ऋतु लगभग दो मास रहती है। कभी गरमी है तो कभी सर्दी, कभी वर्षा है तो कभी वसन्त। इस ऋतु परिवर्तन के कारण जीवन में नवीनता आती है। वसन्त ऋतु को ‘ऋतुराज’ की संज्ञा दी गई है। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा जाता है।
परिवर्तन –
वर्षा ऋतु से पूर्व ग्रीष्म ऋतु होती है। भगवान भास्कर अपने प्रचण्ड प्रताप से धरती को तप्त कर देते हैं। गरम लू चलती है। पशु पक्षी सब परेशान हो जाते हैं। नदी नाले सब सूख जाते हैं। आबाल – वृद्ध सब व्याकुल हो जाते हैं। चारों ओर हाहाकार मचा होता है। सभी की आँखें इन्द्र देव की ओर लगी होती हैं। वर्षा ऋतु के आगमन की सूचना कजरारे मेघ देते हैं। बादल गरजते हैं। बिजली चमकती है। मोर नाचते हैं। रिमझिम वर्षा होती है। जंगल में मंगल हो जाता है। सभी के चेहरे खिल उठते हैं। धरती से भीनी-भीनी महक उठती है। जब ज़ोर से वर्षा होती है तो चारों ओर पानी दिखाई देता है। हरियाली छा जाती है। नदी नाले पानी से भर जाते हैं। लोग इन्द्र देव का धन्यवाद करते हैं। मेंढको की टर्र-टर्र, झींगुरों की झंकार और जुगनुओं की चमक-दमक से रात्रि में आनन्द छा जाता है। पावस ऋतु की सुन्दरता का वर्णन कवि लोग करते हैं। युवतियाँ मलहार राग से सावन मास का स्वागत करती हैं। वृक्षों पर पींगें पड़ जाती हैं। आकाश में इन्द्रधनुष दिखाई देता है। पके आमों की बहार आजाती है। दूध के साथ आमों का सेवन करने से शरीर में शक्ति बढ़ती है।
वर्षा के लाभ :
किसानों के लिए पावस ऋतु अत्यन्त लाभदायक होती है। यह तो उनके लिए प्राण होती है। किसान तो उसके लिए आँखें बिछाए बैठे थे। इसे देख कर उनकी बॉछे खिल जाती हैं। धरती में जुताई होती है। मक्का, ज्वार और बाजरे के लहलहाते खेत किसानों को नवजीवन प्रदान करते हैं।
वर्षा कि हानियाँ :
पावस ऋतु के अनेक लाभ होने पर भी हानियाँ अवश्य हैं। इन दिनों मच्छर बढ़ जाते हैं। मलेरिया फैल जाता है। सड़कों एवं गलियों में पानी भर जाता है। यातायात ठप्प हो जाता है। अधिक वर्षा के कारण बाढ़ आ जाती है। गाँव के गाँव नष्ट हो जाते हैं। खेती नष्ट हो जाती है। पशु पक्षी बह जाते हैं।
उपसंहार :
इस ऋतु में हमें अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हमें सदा साफ़ रहना चाहिए और हल्का खाना खाना चाहिए।
Long Essay on Rainy Season in Hindi Language – वर्षा ऋतु पर निबंध (450 Words)
जब भूतल तवा-सा जलता है, गरम हवा के थपेड़ों से फूल, पौधे, वृक्ष तथा लताएँ झुलस जाते हैं, प्राणी निढाल हो जाते हैं, चहँओर त्राहि-त्राहि मच जाती है। तब हम आकाश की ओर मुँह उठाकर ताकते हैं और मनौती मनाते हैं कि ईश्वर! अब शीघ्र वर्षा करो।
हमारी पुकार सुनी गई। ग्रीष्म के बाद बरसात आई। मेघ ने झड़ी लगाई। जंगल में मंगल हो गया। जिधर देखो उधर ही हरियाली दिखाई पड़ने लगी। तब हम सबकी जान-में-जान आई। ईश्वर का धन्यवाद किया। छोटे-छोटे नदी-नाले आपे में नहीं समाते, सभी कल-कल के गीत सुनाते हुए बहने लगते हैं। मयूर भी मेघों का स्वागत अपनी सुरीली वाणी से और नाचकर करते हैं। मेढकों की टर्र-टर्र, झींगुरों की झंकार और जुगनुओं की चमक से रात्रि आनंदमय बन जाती है।
ऐसे ही सुहावने मौसम में तीज का त्योहार आता है। पेड़ों की डालों पर झूले पड़े होते हैं। स्त्रियाँ मल्हार से पड़े होते हैं। स्त्रियाँ मल्हार से सावन मास का स्वागत करती हैं। सभी सखी-सहेलियाँ प्रेमपूर्वक गीत गाती हैं। उनका हृदय उल्लास से भर जाता है। पावस ऋतु में पके आमों की बहार होती है। देशी आम का टपका बड़ा गुणकारी होता है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इन आमों को चूसने के बाद दूध पीने से शक्ति बढ़ती है। कभी नीलगगन में इंद्रधनुष की निराली छटा बालकों का मनोरंजक खेल बन जाती है।
कृषक की बाँछे खिल जाती हैं। खेतों में हल जोता जाता है और पुरवैया हवा अपना राग अलापती है। ग्वाले पशुओं को तालाबों में छोड़कर बागों में आनंद मनाते हैं। वृक्ष-लता की हरियाली की तरह मनुष्यों का हृदय भी हरा-भरा हो जाता है। मक्का, ज्वार, बाजरे के लहलहाते खेत किसान को नवजीवन प्रदान करते हैं। इंद्रधनुष की झलक, मेघों की कड़क, बिजली की चमक कवियों के हृदयों में नईनई कल्पनाएँ जगाने लगती है।
लोकनायक तुलसी दास ने भी रामचरितमानस में पावस ऋतु का इस तरह वर्णन किया :
वर्षा काल मेघ नभ छाए।
गर्जत लागत परम सुहाए।।
दामिनि दमक रही घन माहीं ।
खल की प्रीति यथा थिर नाहीं।।
दादुर धुनि चहुँओर सुहाई।।
पढ़हिं वेद जिमि बटु समुदाई ।।
पावस ऋतु में मेढकों का टर्राना भी बड़ा प्रिय लगता है। पावस ऋतु में सुख-शांति की लहर दौड़ने पर मलेरिया आदि का प्रकोप हो जाता है। अतः ऐसे अवसर पर मानव जाति को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। अंत में यह मानना ही पड़ेगा कि यदि वसंत ऋतुओं का राजा है तो वर्षा ऋतुओं की रानी।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( essay on varsha ritu in hindi – Essay on Rainy Season in Hindi for Kids – वर्षा ऋतु पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
More Articles:
Essay on Rainy Day in Hindi – बरसात का एक दिन पर निबंध
( Jal Sanrakshan ) Water Conservation in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध
Save Water Essay in Hindi – पानी बचाओ पर निबंध
Essay on Rain in Hindi Language – वर्षा पर निबंध
Essay on Summer Season in Hindi – गर्मी के मौसम पर निबंध