Here you will get Paragraph & Short Essay on Exercise in Hindi Language for Students of all classes in 200, 300, 400 and 500 words. Essay on Benefits of Exercise in Hindi Language. Importance of exercise in Hindi Language. सभी कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में व्यायाम के लाभ पर निबंध।
Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध
Short Essay On Exercise In Hindi Language – व्यायाम पर निबंध ( 200 words )
व्यायाम स्वस्थ रहने के लिए बहुत ही जरूरी है और यह बिमारियों से दुर रहने का एकमात्र साधन है। दवाई किसी भी बिमारी को खत्म करती है पर व्यक्ति को स्वस्थ नहीं रखती है। हमें हमारी दिनचर्या में व्यायाम को जोड़ना चाहिए और नियमित रूप से निर्धारित समय पर व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से हमें अनेकों साभ है। यह हमें स्वस्थ, तंदुरूस्त और चुस्त रखता है। व्यायाम करने से व्यक्ति का मन उत्साहित और प्रसन्न रहता है। व्यायाम हमारा मोटापा कम करता है और हमारी माँस पेशियों को मजबूत रखता है। व्यायाम करने से रक्त संचार बना रहता है और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है।
व्यायाम करना आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आज के समय में हर व्यक्ति बिमारियों से घिरा रहता है। व्यायाम हमारे शरीर में रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है और यह स्वस्थ रहने का सबसे सस्ता और सरल उपाय है। व्यायाम करने से हमें ताजगी का अनुभव होता है और हम मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं। व्यायाम हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है और हम सबको इसे अपनाना चाहिए। व्यायाम और योग हमारे शरीर को मजबूत बनाते हैं।
Vyayam Ke Labh – Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध ( 300 words )
भूमिका- स्वास्थय मनुष्य का सबसे बड़ा धन है और आज के समय में बहुत से लोग अस्वस्थ है क्योंकि वह अपने स्वास्थय पर ध्यान नहीं देते हैं। हमें स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम की आवश्यकता है क्योंकि व्यायाम करके ही हम खुद को खुश और तंदुरूस्त रख सकते हैं। डॉक्टर भी व्यक्ति को व्यायाम करने की सलाह देते है क्योंकि दवाई केवल बिमारी को खत्म करती है जबकि व्यायाम हमें स्वस्थ रखता है और हमारी रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
व्यायाम के प्रकार- हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम को अपनाना चाहिए। हम तरह तरह के व्यायाम कर सकते हैं जैसे सुबह सुबह टहलना, साईकिल चलाना, योगा करना। यदि हम कोई ऐसा कार्य करते हैं जिसमें हमारा बल लगता है वह भी एक तरह का व्यायाम ही है।
व्यायाम के फायदे- व्यायाम किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ रहने का सबसे सरल और सस्ता साधन है। व्यायाम व्यक्ति की माँस पेशियों को ठीक रखता है और रक्त का संचार भी सही रहता है। व्यायाम से हमारे जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता है और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। रक्तचाप और मधुमेह की समस्या से निजात मिलती है और पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। व्यायाम करने से शरीर में फूर्ति आती है और व्यक्ति को पूरा दिन ताजगी अनुभव होती है। व्यायाम करने वाला व्यक्ति पूरा दिन प्रसन्न रहता है।
निष्कर्ष- व्यायाम हर स्वस्थ जीवन की जरुरत है। व्यायाम के माध्यम से ही कोई भी व्यक्ति तंदुरूस्त और स्वस्थ बन सकता है। जो व्यक्ति प्रतिदिन व्यायाम करता है बिमारी उस पर कभी भी आक्रमण नहीं कर पाती है और वह हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहता है। हमें रोज निर्धारित समय पर व्यायाम करना चाहिए और जीवन को स्वस्थ बनाना चाहिए। व्यायाम करने से मन उत्साहित रहता है और यह रोगों से बचने का एकमात्र समाधान है।
Importance of Exercise in Hindi – Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध (400 Words)
व्यायाम से शरीर स्वस्थ, बलवान, चुस्त और फूर्तिला बन जाता है। आज का युग विज्ञान तथा गति का युग है। क्या शहर, क्या गाँव- सब तरफ़ दोड़- सी लगी हुई है। पढ़ना- लिखना, घर का काम, सामान ख़रीदना, दुकान या दफ़्तर का काम करना- बस, इन्हीं में दिन निकल जाता है। इस हड़बड़ी में अपने शरीर का ध्यान किसे रहता है ? किसे फ़ुरसत है कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखे ? होश तब अत है जब मनुष्य बीमार होकर चारपाई पर पड़ जाता है।
शरीर को स्वस्थ और तंडरुसत रखना रखना आज एक समस्या बन गया है। लोग कहते हैं – “हमारे पास व्यायाम का समय कहाँ है ?” परन्तु ध्यान रहे – स्वास्थ्य और सौन्दर्य एक बार बिगड़ जाए, तो उसे ठीक करना कठिन हो जाता है। शरीर सुडौल रहे, सुन्दर रहे, जवानी जैसी उमंग क़ायम रहे – यह मनुष्य के वश में है। प्रतिदिन आधे घंटे व्यायाम करके इसका कमाल देखा जा सकता है।
मनुष्य की महान सम्पत्ति उसका स्वास्थ होता ही होता है। व्यायाम का उद्देश्य आपको पहलवान बनाना नहीं है। इसका उद्देश्य है – आपके शरीर को रोगों से बचाना – चुस्त – दुरुस्त और फ़ुर्तिला बनाना – शरीर को सुडौल और सुन्दर बनाना – तरूणई और जवानी के उत्साह को बढ़ाना। व्यायाम करने से शरीर हल्का, चुस्त और निरोग रहता है। शरीर में काम करने की शक्ति बढ़ती है।
व्यायाम योजना वही ठीक है जो शरीर को चुस्त और फ़ुर्तिला बनाते पर ज़ोर दे, ताकि आपको व्यायाम के बाद सुस्ती न हो, दिन में नींद न आए। बल्कि आपके दिन – भर के कामों को आप चूसती – फुर्ती और उत्साह से करें। इसलिए जिन व्यायामों से शरीर पर भोझ नहीं पड़ता, देह की कार्य – शक्ति में कमी नहीं आती, बल्कि व्रिदिध होती है, वे ही व्यायाम लाभकारी हैं।
हम व्यायाम क्यों अपनाएँ ? विज्ञानिक खोजों से सिद्ध हो चुका है की स्वस्थ शरीर वाला मनुष्य ही काम और दोड़ – धूप में होने वाली थकावट को सहन कर सकता है। वह दूसरों की अपेक्षा अधिकाधिक काम कर सकता है, क्योंकि उसकी सहन- शक्ति अधिक होती है। वह शरीर पर पड़ने वाले ज़ोर और दबाव को सहन करने में समर्थ होता है। स्वस्थ शरीर वाले का हृदय अधिक चुस्त होता है। उसका मस्तिष्क चुस्त, चोकन्ना और सक्रिय होता है। स्वस्थ शरीर की नाड़ियाँ – दिन – भर की दोड़ – धूप और हाय – तोबा के तनाव को सहज ही सह लेती हैं। लेकिन अगर शरीर में किसी तरह की कमज़ोरी हो तो वह इस तनाव को नहीं सह पाता।
Essay on Exercise in Hindi Language – व्यायाम पर निबंध (500 Words)
स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी सम्पत्ति है। यदि शरीर स्वस्थ न होगा तो मनुष्य के पास कितनी भी सम्पत्ति क्यों न हो वह उसका आनन्द नहीं ले सकता। इसलिए मनुष्य का सबसे पहला कर्त्तव्य तो अपना स्वास्थ्य ठीक रखना है । स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा को ” निवास होता है। रोगी व्यक्ति तो जीवन में चिड़चिड़ा हो जाता है। वह न कहीं घूम सकता है और न ही किसी सांसारिक वस्तु का आनन्द ले सकता है। शरीर को स्वस्थ रखने का एकमात्र साधन व्यायाम है। जिस प्रकार काम न लेने के कारण मशीन को जंग लग जाता है। और वह काम नहीं करती, ठीक इसी प्रकार शरीर भी व्यायाम के बिना रोगी और निकम्मा हो जाता है । इसलिए नियमानुसार व्यायाम करना बड़ा ज़रूरी है। यहां इस बात का भी ध्यान रहे कि व्यायाम के साथ पौष्टिक भोजन होना भी ज़रूरी है।
आयु के अनुसार व्यायाम का रूप भी बदलता रहता है। सबसे अच्छा व्यायाम तो दोनों समय लम्बी सैर करना है। बूढ़े लोगों के लिए तो यह सर्वोत्तम व्यायाम है। प्रातःकालीन स्वच्छ वायु के सेवन से शरीर नीरोग होता है। युवाओं और बच्चों के लिए खेल-कूद और दौड़ना व्यायाम के सुन्दर ढंग हैं। पुराने ज़माने में दण्ड निकालना, बैठकें निकालना आदि व्यायाम के प्रसिद्ध साधन थे । रस्सी लेकर कूदना लड़कियों के लिए बहुत अच्छा व्यायाम है। ग्रामों में औरतों के कार्यों में प्रतिदिन चक्की पीसना, कुओं से पानी भरना आदि भी व्यायाम के साधन थे। हाकी, फुटबाल, कबड्डी, खो-खो आदि खेल भी व्यायाम के बड़े सुन्दर साधन हैं। भारत में आजकल योगाभ्यास बहुत प्रचलित हो गया है।
योग का सीधा सम्बन्ध शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से है। इसमें अनेक प्रकार के आसन दिए गए हैं। प्रत्येक आसन का सम्बन्ध शरीर के अलग-अलग अगों से है। योग के शिक्षकों का तो यहां तक कहना है कि योग के माध्यम से शरीर का ऐसा कोई भी रोग नहीं रहता जिसको दूर न किया जा सके। उनके अनसार योगाभ्यास करने वाले के पास तो रोग फटकते तक नहीं।
दुर्भाग्य की बात है कि आज के विज्ञान ने सभी को आलसी बना दिया है। व्यायाम करना तो एक ओर रहा, आज के बच्चे प्रातः उठना भी उचित नहीं समझते । 8-9 बजे तक सोये रहना तो आज का फैशन हो गया है। यही कारण है कि आजकल के बालक-बालिकाओं के शरीर बड़े दुबले पतले रहते हैं । कद छोटे-छोटे हैं। ये लोग शीघ्र ही रोग-ग्रस्त हो जाते हैं। व्यायाम करने के कई लाभ हैं। सब से बड़ा लाभ तो यह है कि शरीर स्वस्थ रहता है। इससे मन प्रसन्न रहता है। सांसारिक सुखों को आनन्द के साथ भोग सकता है। मानव-बुद्धि तीब्र होती है। मनुष्य का खाना अच्छी प्रकार पच जाता है। शरीर पर से अनावश्यक चर्बी उतर जाती है, मोटापे से छुटकारा पाना अनेक रोग से मुवित प्राप्त करना है। तभी तो कहा है व्यायाम को अपनाओ डाक्टर को भगाओ। इसीलिए हमें प्रतिदिन , नियमपूर्वक व्यायाम अवश्य करना चाहिए। व्यायाम से शरीर के व्यर्थ मल नष्ट हो जाते हैं, मोटापा घटता है , शरीर सुदोग बनता है। चूसती – फुर्ती आने से कार्य – शक्ति बढ़ती है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Exercise in Hindi – व्यायाम पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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