Get information about Himachal Pradesh in Hindi. Here you will get Paragraph and Short Essay on Himachal Pradesh in Hindi Language for students of all Classes. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में हिमाचल प्रदेश पर निबंध मिलेगा।
Essay on Himachal Pradesh in Hindi – हिमाचल प्रदेश पर निबंध
भूमिका –
हिमाचल प्रदेश भारत के उतर में स्थित एक राज्य है जिसकी राजधानी शिमला है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ बर्फीले पहाड़ो का प्रांत है। हिमाचल हिमालय के पहाड़ो से घिरा हुआ है और अपनी ठंडी जलवायु के लिए प्रसिद्द है। हिमाचल को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ पर बहुत से देवों ने मनुष्य के रूप में जन्म लिया है और उनका इतिहास ऋगवेद से भी पुराना है। हिमाचल हिमालय की शिवालिक श्रेणी की पहाड़ियों में बसा हुआ छोटा सा पहाड़ी राज्य है। इसे ऋषि मुनियों की भूमि कहा जाता है। यहाँ पर ही व्यास जी ने महाभारत की रचना की थी। यहाँ पर बहुत से उपनिष्द लिखे गए है।
हिमाचल प्रदेश का इतिहास – History of Himachal Pradesh in Hindi
हिमाचल प्रदेश का गठन 25 जनवरी, 1971 को भारत के 18वें राज्य के रूप में हुआ था। इससे पहले यह 1857 तक महाराणा रंजित सिंह की देखरेख में पंजाब का हिस्सा हुआ करता था जिसपर बाद में अंग्रेजो ने अधिकार स्थापित कर लिया था लेकिन आजादी के बाद 1950 में इसे केंद्र प्रशाति राज्य घोषित किया गया था लेकिन 1971 में इसे अलग राज्य का दर्जा मिला था जिसका उद्घाटन एक समारोह में श्रीमति इंद्रा गाँधी जी ने किया था। और शिमला को इसकी राजधानी बनाया गया था जिसे अंग्रेजों के द्वारा समर कैपिटल भी कहा जाता था।
भौगोलिक स्थिति –
हिमाचल 21169 मील^2 से भी ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी उत्तर में सीमा जम्मू कश्मीर, दक्षिण पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा और उतरप्रदेश और पूर्व में तिब्बत से लगती है। हिमाचल प्रदेश में बारहमासी बहने वाली नदियाँ और छोटी मोटी नाले बहते रहते हैं। इन नदियों नें मुख्य राबी, चेनाव, सतलुज आदि है। इन नदियों के बहुतायात के कारण यह पनपनी बिजली दुसरे राज्यों को भी बेचता है जो कि इसकी आय का एक मुख्य स्त्रोत भी है। हिमाचल पेड़ पैधों और वनों से घिरा हुआ है।इसके चारों तरफ विभिन्न समुद्र बहते हैं और हिमालय इसके सिर पर मुकुट की तरह विराजमान है।
जलवायु –
हिमाचल की जलवायु में भी समुद्र की सतह से अलग अलग ऊँचाई के कारण विभिन्नताएँ है। हिमाचल में तीन प्रमुख ऋतुएँ है जिनमें ग्रीष्म रितु, शीत रितु और वर्षा रितु आते हैं। समुद्री सतह से अलग अलग ऊँचाई पर होने के कारण कुछ क्षेत्रों में पूरा वर्ष बर्फ पड़ती रहती है तो वही कुछ क्षेत्रों में पूरा वर्ष गर्मी रहती है।
प्रमुख व्यवसाय –
हिमाचल प्रदेश का प्रमुख व्यवसाय कृषि है जिससे यहाँ कि 69 प्रतिशत जनसंख्या को रोजगार मिलता है। यहाँ की जलवायु कृषि के लिए उचित परिस्थितियाँ मुहैया कराती है। यहाँ पर सिंचाई और पीने के लिए भूमिगत जल का ही प्रयोग किया जाता है। हिमाचल प्रदेश में सेब, खुमानी, आडू आदि की बागवानी भी की जाती है। यहाँ पर सीढ़ीदार खेत बनाकर खेती की जाती है।
संस्कृति –
हिमाचल प्रदेश की संस्कृति भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। यहाँ के लोग धार्मिक प्रवृति के होते हैं और पूजा पाठ में बहुत विश्वास करते हैं जिससे कई बार वह अंधविश्वास का शिकार भी हो जाते हैं। हिमाचल में पहाड़ी, मंडियाली, हिंदी, पंजाबी आदि भाषाएँ बोली जाती है। यहाँ पर हिंदु, बौद्ध और सिक्ख धर्म के लोग ज्यादा है। हिमाचल में पहाड़ी लोकगीत गाए जाते है और नाटी यहाँ का लोकनृत्य है। यहाँ की जलवायु ठंडी होने के कारण महिलाएँ वेस्टी पहनती है और पुरूषों के द्वारा शदरी पहना जाता है। यहाँ के लोग जमीन पर बैठ कर खाना पसंद करते हैं और शेपुबड़ी मुख्य व्यंजनों में से एक है। यहाँ के घरों की छतें टीनों की बनी हुई है जिससे की बर्फ घरों की छतों पर न जम जाए।
यहाँ पर घर पत्थर और सलेट को बने होते हैं और मैदानी क्षेत्रों में बने हुए घर शहरों के जैसे ही होते हैं। यहाँ के लोगों का जीवन कठोर और परिश्रम से भरा होता है। यहाँ कि महिलाओं को पानी लेने के लिए दूर दूर तक जाना पड़ता है। पहाड़ो में बसे होने के कारण ज्यादातर जनसंख्या गाँवों में रहती है और गाँव बहुत दूर दूर होते हैं। यहाँ के लोगों की त्योहारों में विशेष रूचि होती है और वह इसमें बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। यहाँ मनाए जाने वाले त्योहारों में मुख्य रूप से पोरी, लोहड़ी, कुल्लू दशहरा, गोगानवमी, राखी और दिवाली सम्मलित है। प्राचीन काल में यहाँ पर रहने वाले लोगों को दास, दस्यू और निषेध कहा जाता था।
पर्यटन –
हिमाचल प्रदेश उसकी ठंडी जलवायु के कारण पर्यटन का बेहतरीन स्थान है। इसकी राजधानी शिमला जिसे पहाड़ो की रानी भी कहा जाता है। वह सालों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यहाँ पर रिज, झाखु मंदिर, माल रॉड, नैना देवी का मंदिर, कसोल आदि मुख्य पर्यटक स्थल है जहाँ पर हर साल लोग गर्मियों में अपनी छुट्टियाँ व्यतीत करने जाते हैं। पौंटा साहिब, चंबा, ज्वाला देवी आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए प्रत्येक वर्ष बहुत से पर्यचक हिमाचल आते हैं। यहाँ पर वर्षा में उफनता पानी, सीढ़ीदार खेत ठंडी जलवायु और प्रकृति का मनोरम दृश्य सभी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है। पर्यटन यहाँ की आय का मुख्य स्त्रोत है।
पहाड़ी चित्रकला –
हिमाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर पहाड़ी चित्रकला के नमूने देखने को मिलते हैं जिनका राष्ट्र के इतिहास में उल्लेख है और चित्रकला में महत्वपूर्ण योगदान है। सबसे पहले पहाड़ी चित्रकला के नमूने कांगडा के महल में खोजे गए थे और उनकी खोच करने वाला सर्वप्रथम व्यक्ति मैटकाफ था। पहाड़ि चित्रकला बहुत ही सुंदर और आकर्षक होती है। इसकी चित्रकला को भी तीन भागोम में बाँटा गया है। यहाँ पर जहाँगीर के समय की चित्रकला भी देखने को मिलती है।
वर्तमान हिमाचल प्रदेश –
प्राचीन काल में हिमाचल प्रदेश एक पिछड़ा हुआ राज्य था जहाँ पर परिवहन, आवास, जल, शिक्षा आदि की उचित व्यवस्था नहीं थी। लेकिन धीरे धीरे समय के साथ साथ हिमाचल प्रदेश ने बहुत प्रगति कर ली है और परिवहन के माध्यम विकसित हुए तथा सड़के भी चौड़ी हुई है। हिमाचल प्रदेश में बहुत सारे उच्च शिक्षण संस्थान है और बहुत से उद्योग भी है। पहले हिमाचल में चिकित्सा की सुविधाएँ नहीं थी जिससे वहाँ का मृत्यु दर बहुत ही अधिक था लेकिन समय के साथ साथ वहाँ पर बहुत से अस्पताल बने है जिससे लोगों का इलाज संभव हुआ और मृत्यु दर कम हुई है। इस समय हिमाचल पूर्ण रूप से विकसित है और वह हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश को बिजली बेचता है। हिमाचल नेहर क्षेत्र में उन्नति कर ली है।
अन्य जानकारी –
हिमाचल प्रदेश में कुल 12 जिले हैं और हिमाचल का सबसे बड़ा शहर शिमला है। हिमाचल का राज्य पशु तेंदुआ है और राज्य पशु जुनुजार है। यहाँ का राज्य वृक्ष देवदार है और हिंदी यहाँ की राज्य भाषा है। हर साल हिमाचल में 15 अप्रैल को राज्य दिवस मनाया जाता है। हिमाचल को फलों का कटोरा भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर फलों की भरमार होती है। सरकार द्वारा इसे विश्व की फ्लावर बॉस्केट बनाने का सोचा जा रहा है। हिमाचल में औषधीय और सुगंधित पुष्प प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। यहाँ पर पशु पक्षी और जलीय जीवों की बहुत सी प्रजातियाँ पाई जाती है। यहाँ पर 30 वन्यजीवन अभ्यारण्य और 3 सरंक्षँ स्थल है। हिमाचल में 8 राष्ट्रीय राजमार्ग और 19 प्रदेशीय राजमार्ग है।
हिमाचल में तीन भीतरी हवाई अड्डे भी हैं। यहाँ पर बहुत सी खनिजें भी पाई जाती है जिनमें मुख्य रूप से स्लेट, जिप्सम, डोलामाईट और पाईराईट सम्मलित है। यहाँ पर उगने वाली सेबों का निर्यात विदेशों में भी किया जाता है। चट्टानी नमक की एकमात्र खान यहाँ पर है। हिमाचल हथकरघा उद्योगों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ के पश्मीना शॉल पूरे भारत में प्रसिद्ध और उनकी माँग बहुत है। हिमाचल में उप उष्णकटीबंधीय फसले उगता है। यहाँ पर दो नेशन पार्क है जिनका नाम ग्रेट हिमालयन नेशन पार्क और दूसरे के नाम नेशनल पार्क पिन वैली है।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में सम्मलित किया गया है। यहाँ पर एशिया का सबसे बड़ा स्केटिंग रिंग है जिसपर पानी डालकर स्केटिंग कराई जाती है। यहाँ पर एशिया का सबसे ऊँचा गो कर्ट ट्रैक भी है। यहाँ की रेलवे लाईन को विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है जिसमें बर्फ के समय यात्रा करने का अलग ही मजा है।
निष्कर्ष –
हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य से औतप्रोत एक राज्य है जहाँ कि संस्कृति और रहन सहन में इतिहास की झलक देखने को मिलती है। हिमाचल वास्तविकता में हिम का घर है। हिमाचल को पश्चिमी हिमालय के नाम से भी जाना जाता है। हिमाचल केरल के बाद भारत का सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। हिमाचल ऋषि मुनियों का स्थान है और छुट्टियाँ व्यतीत करने के लिए एक उच्च पर्यटन स्थल भी है। यहाँ के लंबे और हरे पेड़ इसकी सुंदरता को निखारते हैं। औद्योगिक विकास कठिन होने के बावजूद भी उसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यहाँ पर आधुनिकता और फैशन ने अपना पूरा जाल नहीं बिछाया है क्योंकि भौगोलिक स्थिति के कारण परंपराएँ अभी भी बच्ची हुई है।
दिन प्रतिदिन बढ़ रबी सुविधाओं के कारण यहाँ पर सैलानियों की संख्या में वृद्धि हुई है और राज्य की सुख समृद्धि में भी बढ़ोतरी हुई है। हिमाचल का विकास अभी भी जारी है जिसमें प्राचीनता और नवीनता का सुखद संयोग देखने को मिलता है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Himachal Pradesh in Hindi Language – हिमाचल प्रदेश पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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