Essay on swan in Hindi – हंस पर निबंध

Get information about Swan in Hindi Language. Here you will get Paragraph and Short Essay on Swan in Hindi Language for students of all Classes in 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में हंस पर निबंध मिलेगा।

Essay on swan in Hindi Language – हंस पर निबंध

पक्षी की प्रजातियों में हंस को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है । हिंदू धर्म में कहा जाता है कि हंस माता सरस्वती का वाहन है ।हंस बत्तख से मिलते जुलते जलीय पक्षी हैं, जो अपना ज्यादातर जीवन पानी में ही गुजारे देते हैं । हंस को प्यार और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है । हंस दुनिया के सभी क्षेत्रों में पाए जाते हैं । आमतौर पर हंस झीलो या बड़े बड़े तालाबों में रहना पसंद करते हैं । दुनिया में सबसे ज्यादा हंस मान सरोवर में पाए जाते हैं । भारत में ज्यादातर हंस राजहंस प्रजाति के होते हैं और व्यवसाय के लिए भी राजहंस प्रजाति का इस्तेमाल किया जाता है । हिंदू धर्म में हंस को शांत और देवताओं का पक्षी कहा जाता है ।

हंस का जीवन काल 7 से लेकर 10 तक होता है । हंस काले,सफेद और भूरे रंग में पाए जाते हैं और उसकी चोंच नारंगी रंग की होती है । हंस ज्यादातर बीज, बेरीया और छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े खाते हैं । हंस की गर्दन बहुत बड़ी होती है, गर्दन इसलिए बड़ी होती है क्योंकि वह आसानी से तालाब के अंदर छोटी मछलियों को पकड़ सके और अपना भोजन कर सकें । हंस को ज्यादातर सरोवर में रहना पसंद होता है । संसार भर में हंसों की प्रजातियां मौजूद है।

आपने दो हंसों का जोड़ा कहते हुए किसी ना किसी को जरूर सुना होगा, दरअसल दो हंसों के जोड़े को प्रेम का प्रतीक माना जाता है । क्योंकि यह पक्षी अपने जीवन साथी से बहुत प्यार करते हैं और पूरी जिंदगी भर एक दूसरे का साथ देने की कोशिश करते रहते हैं ‌। यदि हंस के जीवन साथी की मौत हो जाती है तो वे आगे की जिंदगी के लिए दूसरा साथी ढूंढ लेते हैं ।

हंस के रोचक तथ्य – 5 Lines about Swan in Hindi Language

हम सभी ने सफेद रंग के हंस बहुत बार देखें है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के अंदर काले रंग के हंस मौजूद है ।

किसी भी हंस का वजन 5-10 किलो तक होता है तो भी हंस दुनिया भर में बाकी पक्षियों के मुकाबले में ज्यादा समय तक हवा में उड़ सकते हैं ।

हंस के अलग-अलग प्रजातियां दुनिया के लगभग हर जगह पाई जाती है, लेकिन अफ्रीका और अंटार्टिका ऐसी जगह जहां यह पक्षी नहीं पाए जाते हैं ।

समूह में जब हंस उड़ते हैं तो आगे एक लीडर होता है जो बाकी हंसों को मार्गदर्शक बताता है ।

हंस बहुत ही ज्यादा क्रोधित होते हैं खास जब वे अंडो या फिर शिशु की रक्षा कर रहे होते हैं तब उनके क्षेत्र में कोई पक्षी या फिर इंसान प्रवेश करता है तो वे सीधे आक्रमण कर देते हैं ।

हंस सर्वाहारी श्रेणी में आने वाला पक्षी है क्योंकि हंस फल फ्रूट खाते हैं और साथ ही साथ छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े ओर मछलियां भी खाते हैं।

हंस के शरीर पर 25000 से ज्यादा पंख पाए जाते हैं । हिंदू धर्म में हंस को मारना अर्थात पिता, गुरु और देवता को मारने के समान माना जाता है ।

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