Here you will get Paragraph and Short Essay on Indian Constitution in Hindi Language/ Bhartiya Samvidhan Par Nibandh for students of all Classes in 150, 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भारतीय संविधान पर निबंध मिलेगा।
Essay on Indian Constitution in Hindi – भारतीय संविधान पर निबंध
Short Essay on Indian Constitution in Hindi Language – भारतीय संविधान पर निबंध ( 150 words )
भारत का संविधान भारत में प्रमुख कानून है। संविधान राजनीतिक सिद्धांतों, प्रक्रियाओं और सरकार की शक्तियों के लिए एक ढांचा है। यह 448 लेख, 22 भागों, 12 कार्यक्रमों के साथ दुनिया का सबसे लंबा संविधान भी है। संविधान 26 नवंबर 1949 को बनाया गया था, और 26 जनवरी 1950 में कानून का केंद्र बना दिया गया था। आजादी के बाद भारत को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान से प्रवासित शरणार्थियों को पुनर्वास, रियासतों में विलय, कानून और व्यवस्था के रखरखाव चुनौतियां थीं। सरदार पटेल ने भारत के संघ के साथ रियासतों और प्रांतों के विलय को सफलतापूर्वक हासिल किया। यहां तक कि देश को नियंत्रित करने के लिए एक संविधान तैयार करने की चुनौती भी पूरी हुई थी। एक संविधान एक देश के प्रशासन को निर्देशित नियमों और विनियमों का एक ढांचा है।
Essay on Indian Constitution in Hindi – भारतीय संविधान पर निबंध ( 300 words )
भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा और बेहतर संविधान है। डा. राजेन्द्र प्रसाद संविधान बनाने वाली समिति के अध्यक्ष थे और डा. भीमराव अम्बेडकर ने भी संविधान को लिखने में अहम भूमिका निभाई थी जिस कारण उन्हें भारतीय संविधान का निर्माता भी कहा जाता है। संविधान बनाने की आवश्यकता इसलिए थी ताकि लोगों के अधिकार और सभी कायदे कानुनों को लिखित रूप में रखा जा सके। संविधान सभा की सबसे पहली बैठक 9 दिसंबर, 1947 को बैठी थी। स्वतंत्रता के पश्चात संविधान बनाने का निर्णय लिया गया और इसे पूरा बनकर तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।
यह 26 नवंबर, 1949 को बनकर तैयार हुआ था पर इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। संविधान में सभी कानुन और नागरिक अधिकार सुरक्षित है और हर व्यक्ति अपनी मर्जी से अपने तरीके से जीवन जीने के लिए स्वतंत्र है। संविधान के अनुसार भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहाँ पर रहने वाले नागरिकों को यह 6 मौलिक अधिकार देता है। भारत के मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसुचियाँ शामिल है। संविधान के अंतर्गत बहुत से अधिकार दुसरे देशों से लिए गए है। 1950 से लेकर अब तक संविधान में सिर्फ 92 बार संसोधन किए गए है। इसमें सबसे पहले संसोधन 1951 में किया गया था।
संविधान के अंतर्गत अनुच्छेद 370 के तहत जम्मु कश्मीर का अपना अलग संविधान है। संविधान को बनाने से पहले बहुत से देशों के संविधान का अध्ययन किया गया था। केंद्र का प्रधान राष्ट्रपति होता है जबकि असली सत्ता का प्रयोग प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री करते हैं। जिन लोगों ने संविधान का निर्माण किया थे वे बहुत ही योग्य और विद्वान थे लेकिन वर जनता के द्वारा नहीं चुने गए थे। कुछ लोगों का मानना है कि समय के साथ साथ संविधान में संसोधन किए जाने चाहिए।
Essay on Indian Constitution in Hindi Language – भारतीय संविधान पर निबंध ( 500 words )
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसका सविधान विश्व का सबसे बड़ा सविंधाम है जिसकी रचना डा. भीमराव अम्बेडकर ने करी थी। भारत का सविंधान अमेरिका के सविंधान से प्रेरित है। 26 जनवरी 1949 को भारतीय सविंधान पारित किया गया था और 1950 में पूर्ण रूप से लागु किया गया था। भारतीय संविधान बहुत ही उधारवादी है। सविंधान सभा सबसे पहले 9 दिसम्बर, 1946 में की गई थी। पूरे सविंधान को बनाने में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे थे। भारत के सविंधान को 22 भागों में विभाजित किया गया है। इसके अंदर 465 अनुच्छेद और 12 अनुसुचियाँ हैं। सविंधान सभा आखिरी बार 24 नवंबर,1949 को बिठाई गई थी।
भारतीय सविंधान से जुड़ी कुछ खास बातें-
1. 24 जनवरी, 1950 को ही रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए जन गन मन को भारत के राष्ट्रीय गान के रूप में स्वीकार किया गया था।
2. बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा वंदेमातरम राष्ट्रगीत को रूप में सविंधान लागु होने वाले दिन चुना गया था।
3. सविंधान को लागु होने के दिन ही अशोक स्तम्भ को राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में चुना गया था।
4. भारतीय सविंधान का पिता भीमराव अम्बेडकर को कहा जाता है।
भारत के सविंधान में जितने भी कानून व नियम है उनमें से अधिकतर दुसरे देशों के संविधान से लिए गए है। भारतीय संविधान के स्त्रोत निम्नलिखित है-
1. मौलिक अधिकारों को रूसी सविंधान से लिया गया है।
2. फ्रांसीसी संविधान से गणतंत्र को लिया गया है।
3. अमेरिका को संविधान से राष्ट्रपति के अधिकार एवं कार्य, उपराष्ट्रपति का स्थान एवं संसोधन।
4. दक्षिण अफ्रीक् के संविधान से संसोधन प्रणाली को लिया गया है।
ऐसे ही बहुत से नियम दुसरे देशों से लिए गए है।
( Need of constitution ) संविधान की जरूरत-
देश को संपन्न, समाजवादी, विकाशसील, एकता से भरपूर और लोगों को सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत तरीके से मजबूत बनाने और उनको उनका मौलिक अधिकार दिलाने के लिए संविधान की आवश्यकता है।
सविंधान के मुल कर्तव्य- हम सभी के अपने सविंधान को लेकर बहुत से कर्तव्य बनते हैं।
1. संविधान का, राष्ट्रीय गान का और तिरंगे का सम्मान करना चाहिए।
2. अपने देश की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।
3. देश के लिए मर मिटनो वालों को सम्मान पूर्वक याद करना चाहिए।
4. पूरे देश में एकता की भावना बनाए रखनी चाहिए।
5. सार्वजनिक चीजों को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए।
6. संविधान के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
भारतीय संविधान पूर्ण रूप से लिखित है जिसका प्रधान अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रपति होता है। लेकिन प्रत्यक्ष रबप से इसका प्रयोग प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री करते हैं। संविधान को जनता की सेवा के लिए ही बड़े बड़े विद्वानों ने बनाया था। आज के समय में लोगो का मानना है कि बदलते हुए समय के साथ साथ संविधान में भी बदलाव किए जाने चाहिए लेकिन संविधान में संसोधन करना इतना आसान नहीं है। इसके लिए बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बदलते हुए समय और जनता की जरूरत को ध्यान में रखते हुए थोड़े थोड़े समय बाद संविधान सभा बिठानी चाहिए और संविधान में जरूरी संसोधनों के बारे में सोचना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Indian Constitution in Hindi – भारतीय संविधान पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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