यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में विज्ञान और तकनीकी पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Science and Technology in Hindi Language for students of all Classes in 100, 400, 600 and 1200 words.
Essay on Science and Technology in Hindi – विज्ञान और तकनीकी पर निबंध
Paragraph and Short Essay on Science and Technology in Hindi Language – विज्ञान और तकनीकी पर निबंध ( 100 words )
विग्यान ने और तकनीक ने मिलकर लोगों के जीवन को पहले से ज्यादा उन्नत बना दिया है। इसने लोगों के जीवन को सरल किया है और उनके कार्य को गति प्रदान की है। हमने तकनीक में इतनी वृद्धि कर ली है कि हम हर कार्य घर से बैठे कर सकते हैं। विग्यान की वजह से हम अपने जीवन शैली में बदलाव देख सकते हैं। इनसे विकास की गति में वृद्धि हुई है। बहुत सी सिटी को स्मार्ट सिटी में बदला गया है। तकनीकी उपकरणों की वजह से अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थय पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़े हैं।
Short Essay on Science and Technology in Hindi Language – विज्ञान और तकनीकी पर निबंध (400 words)
विज्ञान के लाभ तथा हानियाँ विज्ञान शब्द का अर्थ है किसी विषय में विशेष ज्ञान प्राप्त करना। किसी विषय की गहराई तक पहुंचना। मनुष्य का यह स्वभाव है कि अधिक जानकारी या ज्ञान प्राप्त करे। इसी जिज्ञासा के कारण उसने पानी, हवा, पृथ्वी, आकाश तथा अन्य सभी तत्त्वों को गहराई तक जानने का प्रयत्न किया है। जैसे-जैसे वह खोज करता गया उसे नई से नई बातों और शक्तियों का पता लगा। इस प्रकार आदमी पत्थर के जमाने से आज के वैज्ञानिक युग तक पहुँच गया। आज के वैज्ञानिक आविष्कारों ने मनुष्य को हैरान कर दिया है।
आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कारों से मनुष्य का जीवन बहुत सुखी और सरल बन गया है। आज के मनुष्य को हर प्रकार की सुविधा प्राप्त है। रेलगाड़ी, मोटर और वायुयान ऐसे साधन हैं कि सारा संसार एक परिवार के समान प्रतीत होने लगा है। टैलीफोन और वायरलैस द्वारा घर बैठे मित्रों और सम्बन्धियों से बातें कर सकते हैं। सिनेमा, रेडियो और टेलीविजन ने तो और भी चमत्कार कर दिया है।
आज ऐसा कोई रोग नहीं जिसका इलाज न हो सके। बड़े बड़े आप्रेशन तो एक साधारण सी बात हो गई है। शरीर के बनावटी अंगों की सहायता से मनुष्य सारे काम कर सकता है। बहरे सुन सकते हैं और गंगे बोल सकते हैं । सर्दी-गर्मी को हमने बिजली की सहायता से अपने वश में कर लिया है। बड़ी-बड़ी मशीनें हमारे एक बटन दबाने पर चलने लगती हैं यह सब कुछ विज्ञान की कृपा है। सूरज-चांद हमारे मित्र बन गए हैं। जैसे पौधे पर सुन्दर फूल के साथ कांटों का होना स्वाभाविक है, वैसे ही विज्ञान के लाभों के साथ हानियों का भी भय रहता है। बिजली को हाथ लग जाए। तो क्षण भर में जीवन समाप्त हो जाता है।
असाध्य रोगों के दूर करने के साथ-साथ ऐसे भयंकर अस्त्र-शस्त्र भी मनुष्य ने बना लिए हैं कि वह क्षण भर में सारे संसार को भस्म भी कर सकते हैं। इसी विज्ञान ने आज सारे देशों में एक दूसरे पर सन्देह और भय उत्पन्न कर दिया है। जहां जरुरत की जगह पर वायुयान अन्न-वस्त्र और औषधियां ले जाता है, वहां बम भी गिरा सकता है। इस प्रकार विज्ञान से हानियां भी हैं, परन्तु यह दोष विज्ञान का नहीं। यह दोष इन वस्तुओं के प्रयोग करने वाले मनुष्य का है। अतः यदि विज्ञान का सदुपयोग किया जाए तो इससे लाभ ही लाभ हैं।
Short Essay on Science and Technology in Hindi Language – विज्ञान और तकनीकी पर निबंध (600 words)
विज्ञान को अंग्रेज़ी में साईंस कहते हैं। आज का युग विज्ञान का युग है। आज विज्ञान ने इतनी उन्नति कर ली है कि मनुष्य के जीवन का कोई पक्ष ऐसा नहीं जो विज्ञान से अछूता रहा हो। बटन दबाते ही बिजली के बल्ब आदि आपके अंधेरे को दूर कर देते हैं, पंखे, कूलर आदि भयंकर गर्मी से आपकी सुरक्षा करते हैं । हीटर आपको सदियों में गर्मी पहुंचाते हैं। कमरों को वातानुकूल बना कर ऋतुओं के प्रकोप को वश में किया जा सकता है। फ़ोन उठाकर घर बैठे-बैठे दूर-दूर प्रदेशों में बैठे मित्रों एवं सम्बन्धियों से बात कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर महीनों की यात्रा घण्टों में पूरी करके दूरस्थ प्रदेशों में पहुंच जाते हैं। दूर-दर्शन के माध्यम से घर में बैठे दूर-दूर के प्रदेशों में हो रही घटनाओं को देखा जा सकता है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में विज्ञान ने बड़ी उन्नति की है । आज कौन-सी बीमारी है जिसका इलाज नहीं। एक्स-रे तो शरीर के अन्दर की पूरी जानकारी दे देता है। कछ ऐसी भी किरणें खोज ली गई हैं जिनकी सहायता से शरीर के अंदर कैंसर को बिना अप्रेशन के नष्ट किया जा सकता है । तपेदिक आज मृत्यु का संदेश नहीं रहा। आज तो एक शरीर के अंग दूसरे शरीर में आसानी से लगाए जाते हैं । गुर्दे बदलने, आंखें प्रत्यारोपित करने, दिल की शल्य-क्रिया आदि में विज्ञान ने बड़ी उन्नति की है।
खेती के क्षेत्र में भी विज्ञान ने बड़ी उन्नति की है। नई-नई किसम की फ़सलें अस्तित्व में आ गई हैं। ऐसे बीज और ऐसे खाद पैदा किए गए हैं जिनसे अधिक उपज मिलने लग गई है। आज पहाड़ों को काट कर रास्ते बना कर अगम्य स्थलों पर पहुंचा गया है। नदियों पर बांध बना कर जल को नियंत्रित करके उसे उपयोगी बनाया गया है। बिजली पैदा की गई है। परमाणु शक्ति की खोज ने मनुष्य के हाथ में अपार शक्ति दे दी है। आज विज्ञान ने पृथ्वी के नीचे छिपे खज़ानों को खोज निकाला है। आज तो मनुष्य सूर्य की शक्ति को नियंत्रित करके अन्य लाभ प्राप्त करने की सोच रहा है। आज अंतरिक्ष में कोई भी ऐसा नक्षत्र नहीं जो मनुष्य से अपने रहस्य को छिपा सके। वह दिन दूर नहीं जब मनुष्य पृथ्वी के साथ-साथ अन्य ग्रहों को भी निवास योग्य वना लेगा ।
इसमें संदेह नहीं कि विज्ञान के लाभ इतने अधिक हैं कि उन्हें गिना नहीं जा सकता। लेकिन इसकी हानियां भी बहुत हैं। सबसे बड़ी हानि तो मनुष्य के स्वास्थ्य सम्बन्धी है। आज, मनुष्य इतना आलसी हो गया है कि वह टूर काम एक ही स्थान पर बैठे-बिठाए करना चाहता है। उससे इसके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ा। मनुष्य अनेक रोगों का शिकार हो गया है । दूसरा, विज्ञान के दुरुपयोग के कारण बहुत-सी हानियां उत्पन्न हो गई हैं। उसने विज्ञान का प्रयोग विनाश के लिए करना आरम्भ कर दिया है । परन्तु यह दोष विज्ञान का नहीं वैज्ञानिकों का है। मनुष्य के पास अग्नि है। इससे वह खाना भी पको सकता है. अग्नि को सेंक कर ठण्डक भी दूर कर सकता है और किसी के मकान को आग भी लगा सकता है। इसमें अग्नि का क्या दोष है ?
यह दोष तो मनुष्य का है जिसने उसका प्रयोग मकान जलाने के लिए किया। आज मनुष्य ने अणु-शक्ति प्राप्त कर ली है। यदि वह इसका प्रयोग विनाशक घम आदि बनाने के लिए करता है तो इसमें अणु-शक्ति या विज्ञान का दोष नहीं। आज सबसे बड़ी आवश्यकता विज्ञान के विनाशक आदिएकारों पर नियंत्रण रखने की है। आज लोगों का विश्वास है कि यदि तृतीय विश्व-युद्ध छिड़ जाए तो सर्वनाश हो जाएगा। यही एक ऐसा भय है जो इस युद्ध को रोके हुए है। अतः मनुष्य को चाहिए कि वह विज्ञान का प्रयोग विनाशकारी शस्त्रोंअस्त्रों को बनाने में न करके मनुष्य के जीवन को सुखी करने के लिए करे।
Long Essay on Science and Technology in Hindi Language – विज्ञान और तकनीकी पर निबंध (1200 Words)
इस ब्रह्मांड में मानव ही ऐसा जीव है जो सदैव अपनी वर्तमान परिस्थिति से असंतुष्ट रहा है। उसकी इच्छाएँ अतृप्त रही हैं। जो कुछ उसे उपलब्ध है उसमें संतुष्टि नहीं, जो कुछ उससे दूर है उसे पाने में प्रयत्नशील है। इस प्रकार की कौतूहल एवं जिज्ञासापूर्ण प्रवृत्ति ने ही मानव को नई-नई खोजों की ओर प्रेरित किया, परिस्थितियाँ करवट लेती रहीं, सभ्यता पनपती रही और उसकी आवश्यकताएँ बढ़ती गईं। उनको पूर्ण करने का अवलंबन बना विज्ञान जिसके बल पर वह मोटर, रेलगाड़ी, वायुयान आदि की यात्रा से संतुष्ट न रहकर मंगल ग्रह पर राकेट यात्रा की तैयारी कर रहा है।
आज के इस प्रगतिशील युग में चलचित्र का स्थान टेलीविजन ले रहा है। सूतीरेशमी वस्त्रों के स्थान पर केमिकल्स से निर्मित परिधानों का प्रयोग हो रहा है। धातुओं का स्थान प्लास्टिक ने ले लिया है। आज विज्ञान ने वरदानस्वरूप असंख्य आश्चर्यजनक परिवर्तन कर दिए हैं। यदि आज हमारे पूर्वज इस मायावी दुनिया में आ जाएँ तो वे आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह सकते। वे इसकी परीलोक से तुलना करने लग जाएँगे। सच तो यह है कि आज विज्ञान ने विश्व को ऐसी महान शक्तियाँ प्रदान की हैं जिनके बल पर वह द्रुतगति से प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है। पर विज्ञान की शैशवावस्था ही अधिक मानव कल्याण के लिए सिद्ध हुई है, प्रौढ़ावस्था अहितकर बनी। आज समूचा विश्व इसके हाथ का खिलौना बन चुका है। इसका भविष्य इसकी दया पर ही अवलंबित है।
उसकी तनिक-सी भूल उसको भस्म कर सकती है, उसके अस्तित्व को मिटा सकती है। इसकी इस शक्ति से भयभीत बड़े-बड़े विचारक इस चिंता में लगे हैं कि ऐसा कौन-सा उपाय किया जाए जिससे विज्ञान मानव जाति के लिए वरदान बना रहे, अभिशाप न बने। इस बात की वास्तविकता में पहुँचा जाए, तो पता चलता है कि इसमें विज्ञान का दोष नहीं । विज्ञान तो एक महान शक्ति है, इसका उपयोग आपके हाथ में है, जैसे अग्नि को ही लीजिए। इसे आप भोजन पकाने के काम में ला सकते हैं, और विश्व को भस्म करने में भी। इसमें दोष है आपको स्वार्थलिप्सा और बरी भावनाओं का। इसका सदुपयोग या दुरुपयोग आपक हाथ में है।
विज्ञान का वरदान मानव-कल्याण की अमूल्य निधि है। मानव जाति कभी भी विज्ञान के ऋण से उऋण नहीं हो सकती। विश्व का विशाल प्रांगण आज मनुष्य के घर का कोना बन चुका है। बरसों की लंबी यात्रा मासों में, मासों की दिनों में और दिनों की घंटों में होने लगी है। सागर के विशाल वक्षस्थल को सरलता से पार किया जा सकता है। विहग के समान गगन की सैर की जा सकती है। सच तो यह है कि विज्ञान ने ब्रह्मांड का रूप ही बदल दिया है। इसके विद्युत आविष्कार को ही लीजिए, बटन दबाते ही अंधकार दूर, शीतल समीर का बहना, सुमधुर संगीत का स्रोत तथा चलचित्रों द्वारा अभिनय को देखना सरल हो गया है।
इतना ही नहीं, कुछ ही पलों में अच्छे-से-अच्छे पकवान लीजिए, कपड़ों के मैल को दूर कर लीजिए, बड़ी-से-बड़ी मशीनों को चलाकर इच्छित वस्तुएँ बना दीजिए, गरमी में शीतलता और सरदी में उष्णता पा लीजिए। घर बैठे देश-विदेश के समाचार सुन लीजिए। दूर-दूर देशों में बसे संबंधियों व मित्रों से घर बैठे ही बातें कर लीजिए। टेलीविजन द्वारा उनकी आकृति भी देख लीजिए और ज्ञानवर्धन भी कीजिए। आज मुद्रणकला द्वारा महान पुरुषों की वाणी को सदैव के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। सारे विश्व के समाचारों को नित्य ही समाचारपत्रों द्वारा पढ़ा जा सकता है। इस युग में प्राणी के अंग-अंग में विज्ञान समाया हुआ है।
चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान की देन अदुवितीय है। संतति-निरोध के लिए नवीनतम आविष्कारों का प्रयोग किया जा रहा है। कुकर खाँसी जैसे भयंकर रोग की रोकथाम के लिए ‘ऐरोस्पेरिन’ नामक पदार्थ से औषधि का निर्माण किया जा रहा है। छत के रोगों से बचने के लिए मिट्टी के प्रयोग किए जा रहे हैं। पेंजुयेला के खेत की मिट्टी द्वारा ‘क्लोरीमाइसिटीन’ नामक औषधि का निर्माण हुआ। अफीम द्वारा मार्फीन के इंजेक्शन तैयार किए गए हैं जिसका प्रयोग कुछ समय के लिए असह्य वेदना को रोकने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त मार्फीनों से भी शक्तिशाली ‘मोटीपीन’ नामक औषधि का निर्माण किया, जिसका प्रयोग कैंसर के रोग के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा कैंसर जैसे भयंकर रोग के लिए रेडियम की किरणों को काम में लिया जाने लगा है। अब इससे भी अधिक शक्तिशाली कोबाल्ट किरणों को काम में लिया जा रहा है। इसके प्रयोग से कैंसर को दूर करने का प्रयत्न किया जा रहा है।
चैकोस्लोवाकिया के वैज्ञानिकों ने खाद्य पदार्थों के अनुसंधान में बलाटन की ‘बेहम’ वनस्पति अनुसंधानशाला में इस प्रकार का आलू उपजाया है जिसका जायका सेब जैसा होता है। उसे सेब के समान कच्चा भी खाया जा सकता है। इसमें विटामिन की अधिकता है। इसके अतिरिक्त मस्तिष्क संबंधी यंत्रों के विषय में भी अनेक अनुसंधान हो रहे हैं। इन यंत्रों द्वारा गणित, इतिहास और आधुनिक घटना संबंधी प्रश्नों के उत्तर दिए जा सकते हैं, कागज़ उठाया जा सकता है। पानी की बंदूक से आत्मरक्षा की जा सकती है। रेडियोऐक्टिव आइसोटोपों की सहायता से एक्स-रे यंत्र का निर्माण किया गया है। वजन लदी हुई गाड़ियाँ, ट्रक आदि का भार तोलने के लिए सफ़री तराजुओं का निर्माण हुआ है।
मनोरंजन के साधनों में रिकार्डप्लेयर तैयार किए गए हैं जो निरंतर नब्बे मिनट से अधिक समय तक बैटरी या बिजली से चलकर मनोरंजन कर सकते हैं। श्री-डी पिक्चर्स द्वारा किसी भी दृश्य को उसके रूप में देखा जा सकता है। ऐसा सुना जाता है कि अब विज्ञान में ऐसे प्रयत्न किए जा रहे हैं कि दर्शक उपवन का दृश्य आने पर वहाँ की महक का भी आनंद ले सकते हैं। हरमन’ कोहैन ने एक फुट लंबे ऐसे कृषि यंत्र का निर्माण किया है जो जोतने, बोने, भूमि को समतल बनाने के कई कार्यों को एकसाथ ही पूरा कर सकता है। सौर ऊर्जा द्वारा चालित चूल्हे का निर्माण तो अब भारत में भी हो चुका है।
विज्ञान वरदानदाता के रूप में हमारे सम्मुख आया किंतु कुछ स्वार्थी राष्ट्रों ने इसे अभिशाप के रूप में परिवर्तित कर दिया है। जापान के प्रसिद्ध नगर ‘हिरोशिमा’ और नागासाकी’ का अणुबम द्वारा विध्वंस अमेरिका की बरबरता को आज भी सिद्ध कर रहा है। अणुबम और उद्जन बमों के निरंतर परीक्षण किए जा रहे हैं। एक ‘जिन’ नामी हेलीकॉप्टर का निर्माण किया जा चुका है, जिसकी गति 75 हजार किमी. प्रति घंटा है। इसी प्रकार के और भी कितने ही नरसंहारक यंत्रों का निर्माण हो चुका है। इनके अलावा दिए गए विज्ञान के सुख-साधनों को भी मानव नहीं भुला सकता है, फिर भी वह तृप्त नहीं हुआ है, उसे संतुष्टि नहीं मिली है। आज का युग ‘यंत्र का युग’ नाम से प्रसिद्ध है। यही देश में बेकारी को बुलाने वाला है। इस रूप में विज्ञान का वरदान अभिशाप बनता जा रहा है।
राष्ट्र की उन्नति के लिए कितनी ही अंतर्राष्ट्रीय योजनाएँ बनाई जा रही हैं. परंत अधिकांश आडंबर मात्र ही हैं। आंतरिक रूप से एक देश दूसरे देश को आतंकित करने के प्रयास में जुटा हुआ है। इन सब बातों को देखते हुए यह निश्चय करना असंभव है कि विज्ञान आज मानव को शांति की राह पर ले जा रहा है अथवा विध्वंस की ओर। अंत में इतना ही कहा जा सकता है कि आधुनिक युग का विज्ञान एक महान शक्ति है। इसका उपयोग कल्याण एवं संहार दोनों ही रूपों में किया जा सकता है। अणुशक्ति जहाँ नरसंहार कर सकती है वहाँ उद्योग-धंधों को एवं कृषि को प्रगति के पथ पर खड़ा कर सकती है। यह सब कुछ मानव प्रकृति पर हो। आज की राजनीति स्वार्थपरता से दूर हो जाए तो सारा विश्व विज्ञान के वरदान से सुखी एवं वैभवशाली बन सकता है अन्यथा नहीं।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Short Essay on Science and Technology in Hindi Language – विज्ञान और तकनीकी पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
Relates Articles:
Essay on Science Fair in Our School – हमारे स्कूल में विज्ञान मेले पर निबंध
Wonders of Science Essay in Hindi- विज्ञान के चमत्कार पर निबंध
Essay on Doctor in Hindi – डॉक्टर पर निबंध
Essay on Nurse in Hindi – नर्स पर निबंध
Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध