Here you will get Paragraph and Short Essay on Summer Season in Hindi Language for students of all classes in 100, 200, 300, 400 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में गर्मी के मौसम पर निबंध मिलेगा।
Essay on Summer Season in Hindi – गर्मी के मौसम पर निबंध
Paragraph & Essay on Summer Season in Hindi – गर्मी के मौसम पर निबंध (100 words)
ग्रीष्म रितु साल की सबसे लंबी रितु है जो कि भारत में अप्रैल से जुन तक रहती है। ज्येष्ठ माह में सबसे अधिक गर्मी होती है और उस समय तापमान बहुत ही अधिक होता है। गर्मी में व्यक्ति को सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए और पानी का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। ग्रीष्म रितु अपने साथ बहुत सारे फल और फसले लेकर आती है। गर्मी के मौसम में लोग शिकंजी, आम रस और रूह अफजा आदि पीते है। गर्मियाँ में दिन लंबे और राते छोटी हो जाती है। गर्मियों में बच्चों को एक माह का अवकाश होता है जिसमें वह बहुत मस्ती करते हैं। गर्मियों का मौसम अपने साथ बहुत सारी खुशियाँ लेकर आता है।
Short Essay on Summer Season in Hindi Language – गर्मी के मौसम पर निबंध (200 words)
भारत में 6 प्रमुख रितुएँ हैं जिनमें से ग्रीष्म रितु सबसे लंबे समय तक चलने वाली रितु है। ग्रीष्म रितु अप्रैल से जुन तक रहती है। ज्येष्ठ माह में ग्रीष्म रितु अपनी चरम सीमा पर होती है। ग्रीष्म रितु में सूर्य की किरणें बहुत तेज होती है और तापमान बहुत ही अधिक होता है। ग्रीष्म रितु में दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती है। ग्रीष्म रितु में व्यक्ति को हर समय ठंडे पेय पदार्थ पीने का मन करता है और नहाने में आनंद आता है। ग्रीष्म रितु अपने साथ रसदार फल आम लेकर आता है।
ग्रीष्म रितु में चलने वाली गर्म हवा को लू कहते है जिससे बिमार होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्मियों में व्यक्ति को पानी की मात्रा अधिक चाहिए होती है। गर्मियों में बच्चों को एक महीने का अवकाश होता है और बच्चे बाहर घुमने जाते हैं और मौज मस्ती करते हैं। गर्मियों में बर्फीले स्थानों पर बहुत भीड़ होती है क्योंकि सभी लोग गर्मी से बचने के लिए वहाँ जाते हैं। गर्मी अधिक होने के कारण बहुत से कीटाणु भी मर जाते है और फसल भी अच्छे से पकती है। गर्मियाँ बच्चों के लिए खाने पीने का सामान और मौज मस्ती का समय लेकर आती है।
Essay on Summer Season in Hindi – गर्मी के मौसम पर निबंध (300 Words)
भूमिका : भारत की छः ऋतुएँ – वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त और शिशिर में ग्रीष्म ऋतु का अपना स्थान है। इसका आगमन ज्येष्ठ और आषाड़ के महीने में होता है। इसके आने से जीवन में बहुत परिवर्तन आता है। इसका अपना महत्व है।
परिवर्तन : इस ऋतु में भयंकर गर्मी पड़ती है। गरम लू चलती है। जमीन, दीवारें हवा आदि सब गर्म होते हैं। सूर्य के प्रचण्ड ताप से नदी नाले सूखने लगते हैं। पशु पक्षी इस झुलसती आग में त्राहि-त्राहि कर उठते हैं। पशु-पक्षी और निर्धन लोग गरमी से राहत पाने के लिए पेड़ों का आश्रय ढूँढते हैं। पानी की बहुत प्यास लगती है। स्कूल कालिज आदि बन्द हो जाते हैं। लोग अपने घरों में बैठे पंखों एवं शरबत का आनन्द लेते हैं । धनी लोग या तो इन दिनों पर्वतों पर चले जाते हैं या वातानुकूलित भवनों में निवास करते हैं।
लाभ : इस ऋतु से अनेक लाभ होते हैं। भीषण गर्मी में अनेक कीटाणु मर जाते हैं। शरीर में खूब पसीना आने से शरीर की गन्दगी बाहर निकल जाती है। गर्मी के कारण ही फ़सल पकती है। अधिक गरमी पड़ने से अधिक वर्षा भी होती है। ग़रीब लोगों को सरदी की तरह इस ऋतु में अधिक वस्त्र और गरम कपड़ों की जरूरत नहीं पड़ती।
हानियाँ : इस ऋतु से कई हानियाँ भी हैं। लू लगने के कारण इस ऋतु में कई लोग मर जाते हैं। पानी की कमी हो जाती है। नदी नालों में पानी सूख जाता है। पशु-पक्षी और दूसरे जीव सब व्याकल हो उठते हैं। शरीर दुर्बल हो जाते हैं। काम करने को जी नहीं करता।
उपसंहार : ग्रीष्म ऋतु से जहाँ लाभ हैं वहाँ हानियाँ भी हैं। यदि ग्रीष्म ऋतु न होती तो अनाज कैसे पकता ? वर्षा कैसे होती ? अतः इस ऋतु का अपना महत्व है। हमें इस ऋतु में सदा साफ़ रहना चाहिए। हमें इस ऋतु में हल्का भोजन करना चाहिए। प्रातः और सायं घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए।
Essay on Summer Season in Hindi – गर्मी के मौसम पर निबंध (400 Words)
भारत के उत्तरी भाग में ग्रीष्मकाल आम तौर पर असहनीय गर्मी से जुड़ा होता है, मक्खियों को परेशान करता है और मच्छरों को परेशान करता है। हालांकि, गर्मी के दिन की सुबह शांत और सुखद है लेकिन दिन की अग्रिम के रूप में, मौसम गर्म और अप्रिय हो जाता है दोपहर में, हमारे सिर पर सूर्य चमकता है यह किसी को काम करने की अनुमति नहीं देता है सड़कों और बाजारों को सुनसान दिखते हैं। गर्मियों में गर्म दिन इसलिए, एक भयानक दिन है। मुझे अपने दिमाग को पिछले साल की 29 जून की अमर स्मृति याद कर सकते हैं। बुध तक बढ़कर 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
मैदान सूरज की अग्निमय आंखों के नीचे जल रहे थे हमारे दुर्भाग्य को जोड़ने के लिए, बिजली विफल रही। गर्मी दमनकारी था। हवा की थोड़ी सी पफ नहीं थी पुरुषों और जानवर सांस के लिए पेंटिंग थे पसीना सिर की तरफ से रोल की तरह चलती थी हर किसी ने धनी अमीर के बारे में बात की। बिजली की विफलता के कारण, नलें सूखने लगी, जिससे जानवरों और पक्षियों के लिए परेशान हो गए। मजदूरों ने अपना काम निलंबित कर दिया और पेड़ों की छाया में बैठा।
सड़कें निर्जन दिख रही हैं पक्षियों ने अपने चोंच खोले और उन्हें शांत रखने के लिए अपने पंख फहराए। पशु कठिन साँस ले रहे थे यह प्रकट हुआ जैसे कि जीवन अभी भी एक स्टैंड पर आया था। हालांकि, अमीर लोगों ने अपने जनरेटर को सेट किया, प्रशंसकों ने ओवरहेड काम किया। वे आराम से डांस करते थे और ठंडे पेय खाते थे। हवा गर्म और घबराई थी और वह हवा में हलचल नहीं थी। मैंने लोगों के एक समूह को फसल के बारे में बात कर सुना है वे शिकायत कर रहे थे कि खेतों में फसल का भुनाया जा रहा है।
ट्यूबवेल्स जल से फसल को मुश्किल से बचा सकते हैं यहां तक कि पानी के स्तर बहुत कम चला गया था मानसून भी विफल हो गया। लोग बारिश के लिए प्रार्थना करते थे क्योंकि बारिश अकेले उनकी समस्या को हल कर सकती थी। जब भी मुझे गर्मी में उस गर्म दिन की याद दिला दी जाती है, तो मैं सभी को पछाड़ना शुरू कर देता हूं।
Long Essay on Summer Season in Hindi Language – गर्मी के मौसम पर निबंध ( 500 words )
ग्रीष्म रितु भारत की 6 रितुओं में से एक है जो कि सबसे लंबी रितु है। यह भारत में अप्रैल से जुन तक रहती है। ग्रीष्म रितु में सुरज की किरणें धरती पर सीधी पड़ती है और तापमान बहुत ही अधिक होता है। ज्येष्ठ के माह में गर्मी अपनी चरम सीमा पर होती है। ग्रीष्म रितु में राते छोटी और दिन लंबे होने लगते हैं। ग्रीष्म रितु में व्यक्ति का बारर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। नदियाँ ,झील आदि सुखने लगते हैं। पशु पक्षी और मनुष्य प्यास से व्याकुल होने लगते हैं। ग्रीष्म रितु में पानी की आवश्यकता शरीर को अधिक होती है।
गर्मियाँ अपने साथ बहुत से ठंडे पेय पदार्थ और रसदार फल लेकर आती है। इस समय लोग फलों के राजा आम का सेवन करते हैं और आम पन्ना, लस्सी शिकंजी आदि पीकर उन्हें राहत मिलती है। अधिक गर्मी में लोग कूलर, पंखो आदि का प्रयोग करते हैं। गर्मी के मौसम में व्यक्ति को बार बार नहाने से आनंद मिलता है। ग्रीष्म रितु में बच्चों का एक माह का अवकाश होता है जिसमें वह बाहर घुमने जाते है। गर्मियों की छुट्टियों में गर्मी से छुटकारा पाने के लिए लोग बर्फीले स्थानों पर घुमने जाते हैं। इसलिए ग्रीष्म रितु में पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक भीड़ होती है।
ग्रीष्म रितु में लंबी छुट्टियाँ होने कै कारण घरों पर मेहमान आते जाते रहते हैं और बहुत मस्ती होती है। ग्रीष्म रितु में गर्म हवा चलती है जिसे लू कहते है और इससे बिमारी का खतरा रहता है। बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाया जाना चाहिए। गर्मियों में फसले अच्छे से पर जाती है और अत्यधिक गर्मी के कारण विषैले जीवाणु भी मर जाते हैं। गर्मी जितनी अधिक होती है वर्षा भी उतनी ही अधिक होती है। ग्रीष्म रितु में हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है और गर्म हवाओं से बचके रहना चाहिए। गर्मी के मौसम में लोग सुखा, बिजली, पानी आदि की कमी से झुज रहे होते है। शहरों में लोग गर्मियों में तैराकी करना शुरू करते हैं।
गर्मियों में व्यक्ति को सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए। ठंडे पेय पदार्थ पीने चाहिए और पानी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए। ग्रीष्म रितु में हमें पशु पक्षियों के लिए भी पानी का प्रबंध करना चाहिए। हमें छतों पर बर्तन में पानी भर कर रखना चाहिए। ग्रीष्म रितु में हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए और नियमित रूप से पानी देना चाहिए क्योंकि पेड़ों से ही ठंडक होती है और हमें गर्मी से निजात मिलती है। गर्मियों में हमें पानी और बिजली को बर्बाद नहीं करना चाहिए और इनका सीमित प्रयोग करना चाहिए। गर्मियों में दोपहर को हमें ज्यादा बाहर नहीं रहना चाहिए। ग्रीष्म रितु जहाँ बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन लेकर आता है वहीं पर बहुत सारी बिमारियाँ भी लेकर आता है जिससे बचने के लिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। गर्मियों में व्यक्ति को कुछ भी नया सीखने के लिए अत्यधिक समय मिलता है और वह विभिन्न गतिविधियों में भाग लेता है। वातावरण में विषैली गतिविधियों के घुलने से गलोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ गई है और तापमान में बहुत वृद्धि हुई है जिससे गर्मी का समय अत्यधिक लंबा होने लगा है। गर्मियाँ मौज मस्ती करने का मौसम है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Summer Season in Hindi – गर्मी के मौसम पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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