Speech on The Horrors of War in Hindi – युद्ध पर भाषण : आदरणीय सभापति महोदय तथा मेरे साथियो। आज मैं आपके सामने ‘युद्ध से हानियाँ’ विषय पर अपने विचार रखने लगा हूँ। आशा है कि आप उन्हें ध्यानपूर्वक सुनेंगे। प्राचीनकाल से ही युद्ध होते आए हैं। अपनी शक्ति को बढाने के लिए ही प्रायः युद्ध होते रहे हैं। एक राजा जब अपनी शक्ति बढ़ाना चाहता है तो वह दूसरे राज्य पर आक्रमण करता है। इस युद्ध में दोनों ओर के हजारों लोग मारे जाते हैं।
Speech on The Horrors of War in Hindi – युद्ध पर भाषण
Speech on The Horrors of War in Hindi – युद्ध पर भाषण
बच्चे अनाथ हो जाते हैं। स्त्रियाँ विधवा हो जाती हैं। बड़े. बड़े भवन गिर जाते हैं। जान तथा माल की हानि होती है। लाशों के ढेर लग जाते हैं। देश में युवकों का अभाव हो जाता है। बीमारी फैल जाती है। देश की उन्नति रुक जाती है। चारों ओर आतंक छा जाता है। युद्ध के बाद भी बदले की भावना रहती है। प्रेम और एकता के स्थान पर जलन और घृणा रहती है। चारों ओर हाहाकार मच जाता है। भयानक वातावरण उत्पन्न हो जाता है, दुःखद वातावरण देख मन की अशान्ति बढ़ जाती है। पुरानी स्थिति पर लौटने में कई वर्ष लग जाते हैं। स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
अन्त में मैं यही कहूँगा कि लोगों को लोभ और लालच छोड़ कर त्याग का मार्ग अपनाना चाहिए। सेवा का मार्ग हमें उन्नति के शिखर पर ले जा सकता है। युद्ध लालच का परिणाम है। युद्ध की हानियों को सदा स्मरण करते हुए हमें युद्ध से दूर रहना चहिए। घरों में भी छोटे-मोटे झगड़े समाप्त करके हमें आपस में प्रेम से रहना चाहिये।
‘धन्यवाद ।’
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Speech on The Horrors of War in Hindi – युद्ध पर भाषण ) को पसंद करेंगे।