यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में गणतंत्र दिवस पर भाषण मिलेगा। Here you will get Easy and Short 26 January Republic Day Speech In Hindi Language/ Gantantra Diwas Speech in Hindi Language for students of all Classes in 200, 300, 400, 500, 600 and 700 words.
26 January Republic Day Speech In Hindi – गणतंत्र दिवस पर भाषण
26 January Republic Day Speech In Hindi – गणतंत्र दिवस पर भाषण (200 Words)
नमस्कार दोस्तों, आज मैं गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ शब्द बोलने जा रहा हूं जो कि सभी भारतीय नागरिकों के लिए एक बहुत ही खास दिन है| हम भारत के 68 वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने जा रहे हैं| यही कारण है कि हम यहां इकट्ठे हुए हैं और हम सभी आज इस महान राष्ट्र का गौरव साझा करेंगे।
गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी के रूप में भी जाना जाता है| जब भारत का संविधान 1950 में हुआ था, उस समय भारत का गठन भारत में बल आया था जिसका मतलब है कि सरकार को हमें सरकार, स्वतंत्रता, कर्तव्य, जिम्मेदारी आदि चुनने के लिए सभी अधिकार देना होगा। अच्छे व्यवहार में भारत की ओर।
अब भारत लोकतांत्रिक मुक्त देश है जहां सभी लोग कुछ ऐसा कर सकते हैं जो उन्हें पसंद हैं और आज हम भारतीय होने पर गर्व है। हम सभी जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को, हमें भारतीय स्वतंत्रता मिली और 1926 के जनवरी के बाद हमें डॉ। की मदद से हमारे मजबूत भारतीय संविधान मिला।इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप सभी को वापस आगे आएं और अपने आप को गारंटियां बनाएं कि हम सभी को हमारे देश को सफलता की ऊँचाई में रख सकते हैं। मैं अपने सभी शिक्षाविदों और मित्रों को 68 वें भारतीय गणतंत्र दिवस 2017 को खुश करना चाहता हूँ|
जय हिंद .. जय भरत …
26 January Republic Day Speech In Hindi – गणतंत्र दिवस पर भाषण (300 Words)
भारत के अन्य त्योहारों की तरह गणतंत्र दिवस एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। या हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन पूरे भारत में छुट्टी होती है। यह पूरे भारत में धूम – धाम से मनाया जाता है। यह भारत की एकता का प्रतीक है। यह 26 जनवरी को मनाया जाता है।
26 जनवरी, 1950 को भारत देश गणतंत्र बना। गणतंत्र का अर्थ है “जनता का राज्य”। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। इस स्वतंत्रता के लिए देश के वीरों ने अपना तन, मन और धन लगा दिया। आज़ादी तो मिली परन्तु अभी वह अधूरी थी। यहाँ अंग्रेज़ों का गवर्नर ज़रनल भारत में बैठा हुआ था। देश के नेताओं ने भारत का नया संविधान बनाया। 26 जनवरी 1950 को संविधान की पुस्तक तैयार हो जाने पर भारत गणराज्य घोषित हुआ। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू थे।
26 जनवरी से लगभग एक महीना पूर्व दिल्ली में तैयरियाँ शुरू हो जाती हैं। दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 26 जनवरी के दिन प्रातः काल लोग हज़ारों की संख्या में इण्डिया गेट पहुँचते हैं। विजय चौक से एक लम्बा जुलूस निकलता है। हमारे मंत्री, सांसद, विदेशी अतिथि और दूसरे दर्शक गण इसका आनन्द लेते हैं। भारत के राष्ट्रपति जाल, स्थल और वायु सेना के सैनिकों की सलामी लेते हैं। विध्यालयों के छात्र ऐवं छात्राएँ अपना करतब दिखती हैं।
विभिन्न प्रान्तों की झाँक़ीयाँ हमारी सभ्यता ऐवं संस्कृति का परिचय देती हैं। रात्रि को ऐतिहासिक स्थल विद्धत प्रकाश से जगमगा उठते हैं। भारत के भिन्न भिन्न कोनों में यह त्योहार हर्षोंल्लास से मनाया जाता है। राज्यों में राजपालों को सलामी दी जाती है। इसकी पूर्व संध्या को राष्ट्रपति का सन्देश प्रसारित किया जाता है।
26 January Republic Day Speech In Hindi – गणतंत्र दिवस पर भाषण (400 Words)
प्रतिवर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की परिपाटी सन 1930 से आरम्भ हुई थी, परन्तु स्वतंत्रता के बाद 26 जनवरी 1950 को इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में सबसे पूर्व मनाया गया था।
यह तो सभी जानते है कि हमारे देश पहले अंग्रेज़ों के अधीन था। इसे स्वतन्त्र कराने के लिए देश – प्रेमीयों ने बड़े कष्ट सहे और प्राणों की बाज़ी तक लगा दी। सन 1929 में लाहौर के पास रावी नदी के तट पर एक सभा हुई थी। पण्डित जवाहरलाल नेहरू इसके अध्यक्ष थे। तब एक प्रस्ताव पास किया गया था कि हम पूर्ण स्वाधीनता लेकर ही रहेंगे।
इसके पश्चात् 26 जनवरी 1930 को तिरंगा झंडा फहरा कर इस दिन को पूर्ण स्वतन्त्रता दिवस के रूप में मनाया गया था। प्रतिवर्ष यह दिवस इसी रूप में मनाया जाता था। 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ, परन्तु हमारा स्वतन्त्र संविधान तब तक नहीं बना था। जब हमारा संविधान तैयार हो गया तो 26 जनवरी को बाबू राजेन्द्र प्रसाद हमारे प्रथम राष्ट्रपति निश्चित हुए और इस दिन इनका अभिनंदन हुआ।
नये संविधान के अनुसार देश का प्रत्येक नागरिक, चाहे वह किसी जाति या धर्म का हो, समान माना गया और इसी बात की घोषणा इस दिन की गई। गणतंत्र दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सारे देश में सरकारी तथा निजी कार्यालयों और बाज़ारों में भी अवकाश होता है।
प्रत्येक राज्य में यह दिवस बड़े समारोह के साथ मनाया जाता है, परन्तु भारत की राजधानी दिल्ली में तो इसकी शोभा अद्वितीय होती है। इस दिन प्रातः तोपों के साथ राष्ट्रपति की सवारी राष्ट्रपति भवन से बग्घी या कार पर निकलती है। इण्डिया गेट के दोनों ओर के मैदानों में अपार जन – समुह राष्ट्रपति के अभिनंदन के लिए उपस्थित होता है। राष्ट्रपति एक स्थान पर खड़े होकर जल स्थल एवं सेना के सैनिकों का अभिनंदन स्वीकार करते हैं। देश के विभिन्न राज्यों से आई झाँकीयों का भी प्रदर्शन होता है।
भारत की सैनिक तथा असैनिक गतिविधियों का भी प्रदर्शन होता है। आकाश में उड़ने वायुयान फुलों की वर्षा करते हैं। यह सारी शोभा इण्डिया गेट से लाल क़िले तक जाती है। इस दिवस के उटलक्षय में कवि – सम्मेलन आयोजित किए जाटेक हैं। राष्ट्रपति विशेष कार्य करने वालों को पुरस्कार देते हैं और देश के नाम सन्देश भी प्रसारित करते हैं।
यह दिवस हमें प्रेरणा देता है कि हम भेदभाव भूलकर सभी भारतवासीयों से प्रेम करें और राष्ट्र की उन्नति में तन, मन और धन से सहायता दें। यह दिवस हमें स्वस्थ, बलिष्ठ, विद्वान और कर्तव्य – परायण बनने की भी प्रेरणा देता है।
26 January Republic Day Speech In Hindi – गणतंत्र दिवस पर भाषण (500 Words)
स्वतंत्रा दिवस की तरह गणतंत्र दिवस भी राष्ट्रीय उत्सव है। गणतंत्र का अर्थ है ऐसा राज्य जिसको जनता के चुने हुए प्रतिनिधि चलाते हैं। वास्तव में गणतंत्र राज्य जनता द्वारा जनता के हित के लिए चलाया गया जनता का राज्य होता है। इसमें कोई भी व्यक्ति राज्य में किसी भी पदवी को प्राप्त कर सकता है। इस में उच्च स्थान किसी की पैतृक सम्पत्ति नहीं होता।
जनता के लोग अपने में से किसी योग्य व्यक्ति को चुन कर उसे प्रधान- पद पर बिठाते हैं। अत: गणतंत्र दिवस हमें उस दिन की याद दिलाता है जिस दिन भारत पूर्ण रूप से गणतंत्र बना। सदीयों की दासता का दु:ख भोगने के पश्चात् 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ था। लेकिन भारत की यह स्वतंत्रता पूर्ण स्वतंत्रता नहीं थी।
भारत का अपना संविधान नहीं था। उसे अंग्रेज़ों के संविधान के अनुसार ही कार्य करना था। अतः स्वतन्त्र होने के पश्चात् भारत ने सबसे पहला जो काम किया वह था अपना संविधान बनाना। परिणामत: संविधान समिति ने 1950 में भारत का संविधान बना तो लिया, परन्तु इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। उसी दिन से हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों चुना गया? इसका कारण यह है कि 26 जनवरी, 1929 को लाहोर में (जो पाकिस्तान में है) रावी के किनारे पर कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने का प्रस्ताव पास किया गया। पूर्ण स्वतंत्रता का अर्थ है भारत पर भारतीयों द्वारा भारतीयों के संविधान अनुसार राज्य। इसी कारण संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन चुना गया।
भारत के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति देश की सर्वोच्च शक्ति है। अतः इस दिन राष्ट्रपति भारत की राजधानी दिल्ली में तीनों सेनाओं की सलामी लेते हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य स्थल इण्डिया गेट है। इस अवसर पर लाख से ऊपर दर्शकों के बैठने के लिए प्रबन्ध होता है। इस अवसर पर सैनिक परेड के साथ- साथ सैनिक शक्ति का भी प्रदर्शन होता है।
विभिन्न प्रकार के शस्त्र – अस्त्र दिखाए जाते हैं। इस अवसर पर प्रत्येक प्रदेश के लोग भाग लेते हैं। हर प्रदेश के लोग अपने – अपने सुन्दर ऐवं आकर्षक संस्कृति कार्यक्रम दिखा कर लोगों का मन मोहते हैं।
भारत की राजधानी के अतिरिक्त प्रदेशों की राजधानीयों तथा ज़िला मुख्यालयों में भी इसी प्रकार की परेडें होती हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाऐ जाते है। स्कूलों, कालेजों ऐवं सरकारी दफ़्तरों पर भी झण्डे लहराये जाते हैं। बच्चों में मिठाइयाँ बांटी जाती हैं। स्वतंत्रता दिवस की तरह गणतंत्र दिवस वाले दिन भी सर्वत्र अनिवार्य अवकाश होता है। इस अवसर पर हमें शपथ लेनी चाहिए कि हम अपने संविधान का सम्मान करेंगे।
26 January Republic Day Speech In Hindi- गणतंत्र दिवस पर भाषण (600 Words)
भारत विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र है। भारत मैं गणतंत्र दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। 26 जनवरी, 1950 को भारत का अपना संविधान लागू हुआ था। इसी दिन भारत गणतंत्र बना था, तभी से भारतवासी इस दिन को गणतंत्र दिवस कि रूप मई मनाते है। इस दिन देश- भर मैं राष्ट्रीय अवकाश रहता है।
सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज, कल- कारख़ाने, बाज़ार, दुकान आदि सभी मैं अवकाश रहता है। गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह देश की राजधानी दिल्ली मैं होता है। राजधानी में इस दिवस को मनाने के लिए तैयारी कई दिन पहले हे आरंभ हो जाती है। सरकारी भवनो पर रोशनी करने के लिए बल्ब आदि लगा दिए जाते है। इस दिन राष्ट्रपति भवन से लाल कीले तक एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है।
दर्शकों के बैठने के लिए बाड़े आदि की व्यवस्ता की जाती है। मुझे भी इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड देखने का अवसर मिला। मैं टिकट लेकर विजय चौक पर पहुँचा और अपनी निश्चित सीट पर बैठ गया। मेरे आस- पास चारों और दर्शकों की अपार भीड़ हैं। सभी की निगाहें राष्ट्रपति भवन की ओर लगी हुई हैं।
इस समारोह का शुभारंभ प्रधानमंत्री तथा तीनों सेनाध्यक्षो के द्वारा “अमर जवान ज्योति” पर सभी शहीद सैनिकों को श्रधांजलि अर्पित करने के साथ शुरू हुआ। सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद प्रधानमंत्री और तीनों सेनाध्यक्षों ने सलामी मंच की ओर प्रस्थान किया। तत्पश्चात दूर से घोड़ों की टापों की आवाज़ सुनाई देने लगी। दूर से साफ – सुथरी सड़क पर राष्ट्रपति की सवारी अपने अंगरक्षकों के दल के साथ आती दिखाई दी। राष्ट्रपति कार में हैं।
उनके घुड़सवार अंगरक्षकों की चूसती- फुरती देखने ही बनती है| आकाश में मँडराते हैलीकोपटर फूलों की वर्षा कर रहें हैं। सड़क के दोनों ओर राष्ट्रीय ध्वज शाम से लहरा रहे हैं। अब राष्ट्रपति कार से उतरे और सलामी मंच पर पहुँचे। प्रधानमंत्री तथा उनके मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगीयों, संसद – सदस्यों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तीयों ने उनका अभिवाद खड़े होकर किया। राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद अलंकरण समारोह हुआ। अलंकरण समारोह के पश्चात परेड आरंभ हुई।
परेड मार्ग पर स्थल सेना के ऐरिया कमांडर परेड का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को सलामी दी और उनकी जीप सलामी मंच से आगे बढ़ गई। उसके बाद स्थल सेना के हथियारों का क़ाफ़िला चला आ रहा है। उसमें टैंक, तोप, मिसाइलें आदि हैं।
उनको देखकर लोगों की जिज्ञासा शांत हुई और उनमें विश्वास उत्पन्न हुआ की देश की स्वतंत्रता की रक्षा करने में हमारी सेना समर्थ है। उसके बाद सेना की विभिन्न बटालियनों के सैनिक चुस्त चाल से क़दम मिलाते हुए आए। उनकी वर्दियाँ व शस्त्र चमचमा रहे हैं। इसके बाद वायुसेना और नौसेना के हथियारों के क़ाफ़िले आए।
उनमें उनके आधुनिकत्तम हथियारों को दर्शाया गया है। इनके बीच – बीच में सेना के बैंडों की ध्वनि से सारा वातावरण गूँजता रहा। थोड़ी देर में परेड मार्ग पर स्कूल – कॉलेज के छात्र – छात्राओ के विभिन्न दल अपने करतब दिखाते, दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते तथा देश को भविष्य के प्रति आशान्वित करते आगे बढ़ गए। उसके बाद लोकनरतक आए।
उन्होंने अपने अटभूत नृत्य प्रस्तुत कर समाँ बाँध दिया। अंत में झाँकीयों का आगमन हुआ। झाँकियाँ बड़ी आकर्षक और देश की प्रगति को दर्शाने वाली हैं। झाँकीयों में भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई पड़ रही है। झाँकियों के आगे बढ़ने पर परेड समाप्त हुई। अब सबसे पहले राष्ट्रपति अपनी कार में अपने अंगरक्षकों के साथ वापस राष्ट्रपति भवन लौट गए। उसके बाद अन्य गण्यमान्य व्यक्ति जाने लगे। चारों ओर लोगों का अपार जन – समूह भी घर की ओर लौटने लगा है।
26 January Republic Day Speech In Hindi – गणतंत्र दिवस पर भाषण (700 Words)
गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है। स्वतंत्रता सभी को अछी लगती है क्योंकि पराधीनता का जीवन अपमान और शोषण से भरा होता है। हमारा देश आपसी फूट, कलह तथा एकता के अभाव में सैकड़ों वर्षों तक ग़ुलामी की ज़ंजीरों में जकड़ा रहा।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 26 जनवरी का दिन महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पवित्र रावी के पावन तट पर देश के राजनेतिक नेताओं तथा देश- भक्तों ने अखिल भारतीय कोंग्रेस के सन 1929 के लाहोर अधिवेशन में यह प्रतिज्ञा की थी की जब तक हम पूर्ण स्वराज प्राप्त नहीं कर लेंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
इस अधिवेशन के बाद 26 जनवरी, 1930 को सारे देश में विभिन्न स्थानों पर सभाएँ हुईं तथा पूर्ण स्वराज की माँग दोहराई गई। तब से प्रत्येक वर्ष 26, जनवरी को यह माँग दोहराई जाती रही तथा गोरी सरकार का दमन चक्र चलता रहा। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया तथा भारत को पूर्ण प्रभुतासम्पन्न गणतंत्र बनाने के लिए संविधान के निर्माण में ढाई वर्ष लगे।
लाहोर अधिवेशन की याद में भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद को भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई तथा पण्डित जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भारत के कोने – कोने में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। विदेशों में रहने वाले भारतीय भी इसे विशेष धूमधाम से मनाते हैं। यह दिन बलिदानों की पावन स्मृति लेकर हमारे सामने उपस्थित होता है।
कितने सपूतों ने देश की बलिवेदी पर अपने प्राणों को हँसते – हँसते बलिदान कर दिया; कितनी बहनों ने अपने भाइयों को अर्पित किया; कितनी बहुओं ने अपना सुहाग न्योछावर कर दिया तथा न जाने कितनी माताओं ने अपनी गोदी की शोभा को क़ुर्बान के दिया, तब जा कर हमें इस स्वर्णिम दिन के दर्शन हुए। इस दिन हम सब उन अमर शहीदों को श्र्द्धांजलि अर्पित करते हैं।
गणतंत्र दिवस समस्त देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। परन्तु देश की राजधानी दिल्ली में इसकी शोभा अधभूत होती एवं भव्य होती है। देश कि कोने – कोने से लोग लाखों की संख्या में प्रति वर्ष इसे देखने के लिए यहाँ एकत्रित होते हैं। प्रात: काल नौ बजे भारत के राष्ट्रपति इण्डिया गेट पर चोदह घोड़ों की बग्घी में बैठकर आते हैं जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं।
ध्वजारोहण के बाद जल, थल और वायु- सेना की तुकरियाँ राष्ट्रपति को सलामी देती हैं। 31 तोपें दाग़ी जाती हैं। बैण्डों की धुन पर मार्च करते हुए सैनिक एवं पुलिस के जवानों की शोभा देखने बनती है। टैंक, शस्त्रस्त्र तथा अन्य साज – सामान भी परेड में निकाले जाते हैं। विभिन्न राज्यों के लोक – नर्तक तथा स्कूली बच्चे भी अपनी रंग – बिरंगी वेश – भूषा में अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए निकलते हैं।
विभिन्न राज्यों की आकर्षक झाँकीयाँ भी निकलती हैं। अन्य में विमानों की उड़ान होती है। ये विमान अपने करतब दिखाते हुए उड़ते हैं। इसी प्रकार के विभिन्न कार्यक्रम राज्यों की राजधानीयों में भी होते हैं जहाँ राज्यों के राज्यपाल सलामी लेते हैं।
सायंकाल सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है। दिल्ली के एतिहासिक लाल क़िले में हिन्दी कवि- सम्मेलन और मशायरा भी आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर राष्ट्रपति देश के विशिष्ट पदाधिकारीयों, सैनिकों, कवीयों, लेखकों, खिलाड़ीयों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तीयों को विभिन्न पदक प्रदान करके उन्हें सम्मानित करते हैं।
26 जनवरी का पर्व अपने में भारतीय आत्माओं के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी समेटे हुए है जो भारतीय जन – मानस को प्रेरित करती रहेगी की उन्हें देश की स्वतन्त्रता एवं एकता के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए। आज की परिस्थितीयों में प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि आपसी भेदभाव एवं वैमनस्य को भुलाकर देश की एकता एवं अखण्डता को बनाए रखें तथा देश के सम्मान की रक्षा के लिए अपना तन- मन- धन अर्पित करने के लिए तैयार रहें।
“सदीयों की ठण्डी राख सुगबगा उठी,
मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है ।
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो,
सिहासन ख़ाली करो कि जनता आती है । “
मुझे आशा है कि आप हमारे निबंध 26 January Republic Day Speech In Hindi – गणतंत्र दिवस पर भाषण को पसंद करेंगे।
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