Here you will get Short and Long Speech on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi language for Students of all classes in 400, 500 and 800 words. यहां आपको सभी कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर भाषण मिलेगा।
Speech on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण
Speech on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण (400 words)
भूमिका- बेटी बचाओ बेटी पढाओ की मूहीम सरकार द्वारा २२ जनवरी २०१५ को शुरू की गई थी। लगातार लिंगनुपात में हो रही गिरावट और लड़कियों को पढाने की अहमियत को मध्य नजर रखते हुए इस मूहीम की जरूरत महसूस हुई। कन्या भरूण हत्या को रोकना और लड़कियों को शिक्षा देना ही इसका मुख्य उद्धेश्य है। लड़कियां किसी भी कार्य को लड़को से बेहतर कर सकती है केवल उन्हें मौका मिलना चाहिए। अगर एक एक करके लड़कियों को यूहीं मारते रहे तो बहुत जल्दी दुनिया ही खत्म हो जाएगी क्योंकि आज कि बेटी कल की जननी है।अगर आज लड़कियां नहीं बचाओगे तो कल बेटों से भी नहीं मिल पाओगे।
कन्या भरूण हत्या और बेटियों को न पढाने के कारण- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मूहीम की जरूरत बढ़ती हुई कन्या भरूण हत्या की संख्या और लोगों के लड़कियों की पढ़ाई को नजरंदाज करने की वजह से हुई है ।
कन्या भरूण हत्या और उन्हें न पढ़ाने के निम्नलिखित कारण है-
1. लोगों की मानसिकता इतनी पुरानी है कि लड़कियां सिर्फ घर संभालोगी और लड़के पड़ लिख कर नाम रोशन करेंगे। इस वजह से लोग लड़कियों को नहीं पढाते।
2. शादी में दिए जाने वाले दहेज के डर से भी लोग उन्हें जन्म से पहले ही मार देते है क्योंकि वो जानते है कि वो दहेज नहीं दे सकेंगे।
3. लड़कियों से होने वाले शारीरिक शोषणों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है जिससे लोग इतना डर जाते है कि वो चाहते है उनके घर लड़की ही न हो और अगर होती भी है तो वो उसे पढ़ने के लिए बाहर नहीं भेजते।
4. कुछ लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही बुरी होती है और उन्हें सरकार से मिलने वाली सुविधा भी नहीं पता होती जिसकी वजह से भी वो बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ रहते हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मूहीम के हित में उठाए गए कदम-
1. गर्भ में बच्चे की जाँच पर प्रतिबंध लगाया गया है।
2. पराथमिक शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य की गई है और इसके लिए सरकारी स्कूल खोले गए है।
3.दहेज प्रथा पर भी प्रतिबंध लगाया गया है साथ ही सरकार द्वारा रेप की सजा के लिए पॉक्सो एक्ट जारी किया है।
निष्कर्ष- अगर लड़कियां पढ़ी लिखी होगी तो देश दुगुनी तेज से विकास करेगा। लड़कियों को आगे बड़ता देख लोगों की सोच बदली है। सरकार की इस मूहीम से लड़कियो को बहुत फायदा हुआ है। अगर एक लड़की शिक्षित हो तो वो पूरे घर को पढ़ाती है। पढ़े लिखे होने के कारण वो बिजनैस आदि में घर वालों की भी सहायता कर सकती है। अतः हमें लड़कियो को बचाना और पढाना चाहिए ।
Speech on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण (500 words)
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मोदी सरकार द्वारा चलाई गई एक मूहीम है जिसकी शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले से की गई थी। इस योजना की शुरूआत स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा मिलकर की गई थी। इस योजना के लिए निम्न लिंगनुपात वाले 100 जिलों को चुना गया था।
योजना की आवश्यकता-
इस योजना की जरूरत लड़का और लड़की के बराबर अनुपात के लिए है। जनसन्ख्या में निरंतर वृद्धि होने के बावजूद भी लड़कियों की संख्या में निरंतर गिरावट आ रही थी जिसका मुख्य कारण लोगों की संकुचित मानसिकता है। लोगों का मानना है कि लड़का तो घर का नाम रोशन करेगा जबकि लड़की परिवार पर बोझ ही है। लोगों को बेटियों की पढ़ाई और उनकी अहमियत समझाने और उनके विकास के प्रति जागरूक करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की गई है। 2001 में 1000 लड़को पर 927 लड़कियां थी जो कि 2011 में 1000 लड़को पर 918 लड़कियां रह गई थी जो कि एक गहन चिंतन का विषय था। हरियाणा में लिंगनुपात 1000 लड़कों पर 775 लड़कियां था जो कि लड़कियों की दयनीय दशा को दर्शाता था। लिंगनुपात को सामान्य करना देश की प्रगति के लिए भी बहुत ही आवश्यक है।
उद्देश्य-
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का मुख्य उद्देश्य लिंगनुपात को बराबर करना और लड़कियो का विकास करना है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य लड़कियों को पढ़ाना और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में विकास के राह पर अग्रसर करना है।
लागत और कार्य-
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए 100 करोड़ का बजट त्यार किया गया था जिसके अंतर्गत सभी लड़कियों की सरकारी स्कूल में फीस माफ की गई है और उन्हें मुफ्त शिक्षा दी जाती है। इसके अंतर्गत समृद्धि कन्या खाते भी खोले गए हैं जिनका लाभ गरीब वर्ग की 10 साल से कम उमर वाली लड़कियों को मिलेगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने लोगों को बेटियों की शिक्षा और उनके जन्म के प्रति जागरूक करने के लिए बहुत से कैंप भी चलाए हैं। लड़कियों के विकास के लिए हरियाणा सरकार हर साल 14 जनवरी को बेटी की लोहड़ी के नाम से त्यौहार मनाते हैं।
उपसंहार-
पुरूष और स्त्री दोनों ही समाज को चलाने के लिए अति आवश्यक है। लड़का जहाँ घर का नाम रोशन करेगा वहीं लड़की भी पढ़ लिखकर अच्छा नाम हासिल करेगी और आसमान को छुएगी। आज के समय लड़किया ही पढ़ाई से लेकर खेल कूद तक हर क्षेत्र में अव्वल आ रही है और पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन कर रही है। लोगों को समझना चाहिए कि आज लड़की नहीं बचाओगे, लड़की को नहीं पढ़ाओगे तो पढ़ी लिखी बहु कहाँ से लाओगे। केवल सरकार के योजना चलाने से कुछ नहीं होगा अपितु लड़कियों को पढ़ाने और उनके उज्जवल भविष्य की शुरुआत प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर से ही करनी चाहिए। सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की योजना को सफल बनाने और लड़कियों का भविष्य उज्जवल बनाने में सबको सहयोग देना चाहिए।
Speech on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण (800 words)
आजादी के 68 साल बाद भी, दहेज की हत्या, स्त्री भ्रूण हत्या, पुरुष और महिला के बीच भेदभाव जैसे मामलों में आने के लिए इतनी दयनीय है। यहां तक कि 21 वीं सदी में, समाज महिलाओं को एक आश्रित व्यक्ति के रूप में मानता है। महिलाएं हमारे समुदाय का एक अनिवार्य हिस्सा हैं लेकिन महिलाओं के खिलाफ बढ़ती समस्याओं का परिणाम भारत में महिलाओं की एक नियमित कमी वाले लिंग अनुपात में हुआ है। स्त्री-पुरुष लिंग अनुपात और प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए लड़की को बचाने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि पुरुष और महिला प्रकृति में एकजुट होना चाहते हैं।
लड़की और बच्चे को बचाने के लिए कई पहल भारतीय सरकार और एनजीओ द्वारा उठाए जाते हैं। भारत भर के स्कूलों और कॉलेजों ने महत्वपूर्ण अवसरों पर भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। यह लेख आपको एक बेहतर भाषण बनाने और लड़की के बच्चे को बचाने और “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” (बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ) की योजना पर भारत सरकार द्वारा एक सही निबंध लिखने में मदद करेगा। हम विषय के बारे में मुख्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं। आप अपनी आवश्यकताओं के भाषणों के अनुसार संरचना को संशोधित कर सकते हैं और निबंधों की एक अलग संरचना है।
बेटी बचाओ, बेटी पढाओ पर भाषण की शुरुआत
सुप्रभात सबको, सम्माननीय प्रमुख अतिथि, सम्मानित प्राचार्य, शिक्षक, और मेरे प्रिय मित्र आज मैं भगवान, एक लड़की की बच्ची द्वारा बनाई गई सबसे सुंदर चीज को बचाने के एक महत्वपूर्ण विषय के बारे में बात करने जा रहा हूं। लड़की की बचत आज की जरूरी हो गई है। भारत को प्रौद्योगिकी, शिक्षा, विज्ञान, साहित्य, राजनीति, सामाजिक कार्य और नेतृत्व जैसे हर संभव क्षेत्र में प्रतिष्ठित इतिहास और प्रतिष्ठा मिली है। मदर टेरेसा, इंदिरा गांधी, पीटी उषा के इतिहास में सबसे बड़ी उदाहरण हैं, जैसे रानी लक्ष्मी बाई, जिजाऊमाता, अहिल्याबाई होलकर, आनंदीबाई जोशी, कित्टर चेनममा, सावित्रीबाई फुले, कमला देवी चट्टोपाध्याय, सरोजिनी नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित और कई अन्य। , कल्पना चावला, किरण बेदी, सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल महिलाओं की सूची में से कुछ हैं जिन्होंने भारत को अपने काम से गर्व कर दिया है। एक सही भाषण देने की इच्छा है? भाषण खेल जीतने के लिए इन महान युक्तियों को देखें।
11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो कि बालिका जैसे लिंग असमानता, स्त्री भेदभाव, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, कानूनी अधिकार और भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा जैसे उनके मूलभूत मानवाधिकारों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं, पर केंद्रित है। यह महिलाओं और बाल विवाह के खिलाफ हिंसा की रोकथाम पर भी केंद्रित है। भारत सरकार ने लड़की को बचाने के लिए एक पहल की शुरुआत की, और इसे “बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना” कहा जाता है। “बेटी बचाओ” का अर्थ है लड़की की बच्ची को बचाने और “बेटी पदोह” का अर्थ है लड़की की बच्ची को शिक्षित करना। यह एक सामाजिक अभियान है जिसका लक्ष्य है कि लड़कियों के लिए उद्देश्य से कल्याण सेवाओं की दक्षता में जागरूकता पैदा करना और सुधार करना है।
बाल यौन अनुपात घटाने के मुद्दे को संबोधित करने के लिए “बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” अभियान अक्टूबर 2014 में पेश किया गया था और इसे 22 जनवरी 2015 को भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत, हरियाणा में आधिकारिक तौर पर शुरू किया था।
अगस्त 2016 में ओलंपिक 2016 कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक, जो हरियाणा में “बेटी बचाओ, बेटी पदोहो” की पहल का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए, सरकार ने कई रणनीतियों की योजना बनाई है जैसे कि एक लड़कियों के लिए समान मूल्य बनाने और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सतत सामाजिक गतिशीलता और संचार अभियान लागू करना; तीव्र प्रयासों के लिए लिंग के महत्वपूर्ण जिलों और बाल लिंग अनुपात पर कम शहरों पर ध्यान केंद्रित करना; यह सुनिश्चित करना है कि सेवा वितरण संरचनाएं और कार्यक्रम लिंग और बच्चों के अधिकारों के मुद्दों के लिए प्रभावी उत्तरदायी हैं; सार्वजनिक प्रवचन में बाल लिंग अनुपात में कमी लाने और इसे सुधारने के मुद्दे को सुशासन के लिए एक संकेतक होगा। प्रकृति और पुरुष-महिला लिंग अनुपात के संतुलन को बनाए रखने के लिए, हमें कार्रवाई करने की जरूरत है और लड़की को स्त्री भेदभाव, लिंग भेदभाव, दहेज हत्याओं और भारत और उसके आसपास की दुनिया में लड़कियों की कई अन्य समस्याओं से बचने की जरूरत है।
महिलाएं समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमें उनके लिए एक जीवित वातावरण बनाना सुनिश्चित करना है। इस नोट पर, मैं अपना भाषण खत्म करना चाहता हूं। मुझे अपने मुख्य अतिथि और शिक्षक का शुक्रिया अदा करना है कि मुझे यहां अपने भाषण देने का मौका दे।
धन्यवाद।
हम आशा करेंगे कि आप इस भाषण ( Speech on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भाषण ) को पसंद करेंगे।
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