Bhrashtachar par Bhashan. Here you will get Short and Long Speech on Corruption in Hindi Language for students of all Classes in 200 and 400 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भ्रष्टाचार पर भाषण मिलेगा।
Speech on Corruption in Hindi Language – भ्रष्टाचार पर भाषण
Short Speech on Corruption in Hindi Language – भ्रष्टाचार पर भाषण ( 200 words )
भ्रष्टाचार एक राष्ट्रीय समस्या नहीं है, यह एक वैश्विक समस्या है। लगभग हर देश इसका सामना करते हैं, जिसके कारण यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जैसे सभी पहलुओं में राष्ट्र के विकास और विकास को प्रभावित करता है। इसने विकासशील और अच्छी तरह से विकसित देशों दोनों में अपना आधार बना दिया है। इसके अलावा, हमारे देश में, यह मुगल और सल्तनत काल के ऐतिहासिक समय से उपलब्ध है। यह स्रोतों से साबित हुआ है कि पूर्वजों को विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार के बारे में भी चिंता थी, जैसे कि जबरन वसूली, संरक्षण और गबन।
स्रोतों से, यह कहा जा सकता है कि उस समय भ्रष्ट न्यायाधीशों या उच्च अधिकारियों को दंडित करने के लिए कुछ नियम थे यदि वे दोषी पाए जाते हैं सूत्रों का कहना है कि “कौटिल्य द्वारा अर्थशास्त्र ने सुझाव दिया है कि एजंट प्रोवोकेटर्स को नियतकों की ईमानदारी को आवधिक अंतराल पर परीक्षण करने के लिए नियोजित किया जाना चाहिए। विष्णु स्मृती के अनुसार, भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए एक न्यायाधीश को अपनी सारी संपत्तियों को निर्वासित और जब्त कर देना चाहिए। “प्राचीन लोग इस स्थिति को और अधिक खराब करने से रोकते हैं, लेकिन आजकल आधुनिक भारत सार्वजनिक जीवन से भ्रष्टाचार को खत्म करने में विफल रहता है।
Bhrashtachar par Bhashan – Speech on Corruption in Hindi Language – भ्रष्टाचार पर भाषण ( 400 words )
भूमिका – भारत एक ऐसा देश है जहाँ के युवा अपने कौशल के बल पर देश को विश्व की महाशक्ति बना सकते है। लेकिन भ्रष्टाचार ने इस विकास को रोकने का जीमा उठा लिया है। भ्रष्टाचार हमारे देश को दीमक की तरह खा रहा है। भ्रष्टाचार यानि की रिश्वत का लेन देन जिसका सीधा मतलब है काले धन की जमाखोरी। भ्रष्ट व्यक्ति वही होता है जो रिश्वत लेता है और जो रिश्वत देता है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में रिश्वत लेने वाला और देने वाला दोनों ही जिम्मेदार होते है।
भ्रष्टाचार के कारण – भ्रष्टाचार का कारण उच्च पदों पर बैठे लोग है जो कि अपनी कमाई से संतुष्ट नहीं होते और अवैध तरीके से भी धन कमाते हैं। भ्रष्टाचार के निम्नलिखित कारण है –
1. बेरोजगारी – देश के युवा बेरोजगार है जिसके कारण उच्च पदों के लोग उन्हें नौकरी लगवाने के लिए रिश्वत लेते है जिससे भ्रष्टाचार बढ़ता है।
2. उच्च विश्वविघालयों मे दाखला – जिन बच्चों के नतीजे अच्छे नहीं आते वो अच्छी युनिवर्सटी में दाखिला लेने के लिए रिश्वत का सहारा लेते हैं ।
3. काला धन – लोग आय कर न देकर टैक्स का पैसा चोरी करते है। जिससे कि काले धन की जमाखोरी होती है जो कि एक तरह का भ्रष्टाचार ही है।
भ्रष्टाचार के प्रभाव –
भ्रष्टाचार की वजह से देश के विकास में बहुत सी बाधाएँ आ रही है और देश की अर्थव्यवस्था भी खराब हो रही है। भ्रष्टाचार के निम्नलिखित प्रभाव है-
1. रिश्वत देकर अयोग्य लोग नौकरी हासिल कर लेते है जबकि कौशल युवा बेरोजगार ही रह जाते हैं और भारत का कौशल विदेशों में चला जाता है।
2. भ्रष्टाचार के कारण काला धन इकट्ठा होता है जो कि अपराध में प्रयोग होता है।
3. भ्रष्टाचार के कारण गरीब और गरीब होते जा रहे है। सरकार द्वारा मिलने वाली सहायता का सिर्फ 10 प्रतिशत ही लोगों तक पहुँचता है बाकि का सभी सरकारी अधिकारी अपने पास रख लेते है।
भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय –
देश के विकास के लिए भ्रष्टाचार को रोकना बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए बहुत से उपाय हैं-
1. अगर कोई आपसे किसी काम के लिए रिश्वत मांगे तो आप स्टींग ऑपरेशन कर सकते हो।
2.सरकार द्वारा जी.एस.टी. लागू किया गया है।
3. सरकार द्वारा नोटबंदी की गई है जिससे की काला धन पकड़कर भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके।
निष्कर्ष- भ्रष्टाचार एक बिमारी है जिसका इलाज जरूरी है और यह हम सबको मिलकर ही करना होगा। रिश्वत न लेने और न देने की कसम खानी होगी ताकि देश का विकास हो सके।
हम आशा करते हैं कि आप इस भाषण ( Speech on Corruption in Hindi Language – भ्रष्टाचार पर भाषण ) को पसंद करेंगे।
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