Here you will get Paragraph and Short Essay on Childrens Day in Hindi Language. ( Bal Diwas Par Nibandh ) Children’s Day Essay in Hindi Language for students of all Classes in 100, 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में बाल दिवस पर निबंध मिलेगा।
Children’s Day Essay in Hindi – बाल दिवस पर निबंध
Children’s Day Essay in Hindi Language – बाल दिवस पर निबंध ( 100 words )
हर साल बाल दिवस यानि कि बच्चों का दिन 14 नवंबर को मनाया जाता है क्योंकि उस दिन 1889 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था जिन्हें बच्चों से बहुत ही ज्यादा प्यार था। नेहरू जी को सम्मान और श्रदांजली अर्पित करने के लिए इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चे बहुत ही खुश होते है। वो रंग बिरंगे कपड़े पहन कर स्कूल जाते है और अनेकों कार्यक्रम में भाग लेते है जैसे कि नृत्य, गायन, हस्तकला आदि। सरकार भी बच्चों के लिए बहुत सारी योजनाएँ बनाती है। बाल श्रम जैसी समस्या पर भी गंभीरता से चर्चा की जाती है। बाल दिवस का मुख्य उद्धेश्य लोगों को बच्चे के प्रति जागरूक करना है।
Children’s Day Essay in Hindi – Bal Diwas Essay in Hindi ( 300 words )
14 नवम्बर को भारत में बालदिवस मनाया जाता है। 14 नवम्बर, 1889 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था। वे बच्चों को बहुत प्यार करते थे। उन्होंने अपना जन्मदिन बच्चों को समर्पित कर दिया। बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे।
श्री जवाहरलाल नेहरू ने देश की स्वतन्त्रता के लिए अपना तन, मन और धन लगा दिया। वे कई बार जेल गये। जब देश स्वतन्त्र हुआ तो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश के लोगों का मार्ग दर्शन किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंचवश्रिय योजनाएँ बनाकर भारत को उन्नति का मार्ग दिखाया। उन्होंने शांतिदूत बनकर संसार को शान्ति का संदेश दिया। वे सर्वप्रिय हो गये। बच्चों की तो वे आँखों के तारे थे।
बच्चे वास्तव में देश की सम्पत्ति होते है। आज के बच्चे कल के भारत के कर्णधार होंगे। जिस देश के बच्चे महान होंगे, वह देश निसंदेह उन्नत्ति के शिखर पर पहुँच जाएगा। संसार के देशों में रूस एक ऐसा देश है जहाँ बच्चों की सुख- सुविधा की विशेष ध्यान दिया जाता है। जापान में भी बाल कल्याण पर पर्याप्त ध्यान दिया जाता है। भारत में श्री जवाहरलाल नेहरू ने बच्चों को अपार प्यार दिया। अतः उनका जन्म दिन बच्चों के साथ जुड़ गया।
इस दिन जगह- जगह विज्ञान की परदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं। तीन मूर्ति और बाल भवन में तो प्रदर्शनियाँ देखने योग्य होती हैं। नए – नए मॉडल बनाये जाते हैं। खेलों की प्रतियोगिताएँ होती हैं। बाल मेलों का आयोजन किया जाता है।
बच्चों की उन्नति सम्पूर्ण भारत की उन्नत्ति है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ उनके चारित्रिक विकास की ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। बालदिवस के अवसर पर खेल कूद, व्यायाम, चित्रकला, नृत्य, सलेख और निबन्ध लेखन आदि कि प्रतियोगिताएँ होनी चाहिए। बच्चों को नैतिक शिक्षा देकर उन्हें महान बनाना चाहिए। नैतिक शिक्षा पर लिखी पुस्तकें बच्चों को पुरस्कार रूप में देनी चाहिए। यदि ऐसा हो जाए तो चाचा नेहरू के लिए बच्चों की यह वास्तविक श्रधांजलि होगी।
Children’s Day Essay in Hindi – बाल दिवस पर निबंध ( 500 words )
बाल दिवस बच्चों कालदिन होता है जिसका इंजार सभू बच्तों रो पूरा साल रहता है। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 में इलाहाबाद, उतर प्रदेश में हुआ था। उन्हें बच्चों से बहुत ही प्यार था और बच्चे भी उनस् बहुत प्यार करके थे और उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। नेहरू जी को श्रदांजली और सम्मान देने के लिए उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस के दिन लोग उनके समाधि स्थल पर जाकर उनकी मूर्ति पर पुष्पों की माला चढाकर श्रदांजली अर्पित करते है। हर साल 14 नवंबर बच्चों के लिए सबसे बड़ा खुशी का दिन होता है।
नेहरू जी एक बहुत ही अच्छे राजनेता था और उन्होनें देश को आजाद कराने में भी सहयोग दिया। उन्होंने गाँधी जी की डांडी मार्च में पूरा सहयोग किया। नेहरू जी की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई थी। बाद में वह इंगलैंड चले गए जहाँ पर उन्होनें कैंब्रिडज युनिवर्सटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। नेहरू जी का बच्चों से कुछ अलग ही लगाव था। वह बच्चों को फूलों की तरह कोमल मानते थे और बच्चे उनके दिल के सबसे करीब होने के कारण वह हमेशा अपने कोट की जेब में गुलाब का फूल रखते थे। उन्हों ने हमेशा ही बच्चों के विकास पर जोर दिया क्सोंकि वह जानते थे कि बच्चे ही राष्ट्र का निर्माण कर सकते है। उन्हें भारतीय संस्कृति से भी बहुत प्यार था। उन्होंने डिस्कवरी ऑफ इंडिया जैसी कई सुप्रसिद्ध पुस्तकें भी लिखी थी।
बाल दिवस के दिन सभी स्कूलों में बहुत ही धुम होती है और बच्चों में बहुत ही उत्साह होता है। सभी बच्चे स्कूल की वर्दी पहनने की बजाय रंग बिरंगे कपड़े पहनकर स्कूल में जाते है। स्कूल की दीवारों को सजावट की अलग अलग वस्तुओं से सजाया जाता है। इस दिन स्कूल में पढ़ाई नहीं होती बल्कि बच्चों के लिए अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाते है । बच्चे अलग अलग क्रिया कलापों में भाग लेते है जैसे कि नृत्य, गायन, नाटक हस्त कला आदि। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए खेलों का आयोजन किया जाता है और मानसिक विकास के लिए प्रदर्शनी आदि का आयोजन किया जाता है। कई बच्चे चाचा नेहरू जैसी वेशभुषा धारण करते है और बहुत ही प्यारे लगते है।
सरकार के द्वारा इस दिन बच्चों के विकास के लिए बहुत सी योजनाएँ बनाई जाती है। बच्चों की शिक्षा के लिए नई नई सुविधाएँ प्रधान की जाती है। बच्चो भी नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों को बच्चों की पढ़ाई लिखाई के प्रति जागरूक करते है। सरकार इस दिन गंभीरता से बच्चों से जुड़ी समस्याओं पर गोर करती है। बाल मजदुरी आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है जिसके कारण बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है। सरकार ने इसे रोकने के लिए बहुत से कदम उठाए है। बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वो देश की नींव है और अगर नींव मजबूत होगी तभी देश मजबुत होगा।
बाल दिवस बच्चों के लिए हर्ष और उल्लास का दिन है और इसे मनाने का मुख्य उद्धेश्य यह है कि लोगों को बच्चों के प्रति उनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाया जा सके और उन्हें जागरूक किया जा सके।
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