यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध मिलेगा। Here you will get Short and Long Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi Language for students of all Classes in 300 and 400 words.
Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi – पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध
Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi – पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (300 words)
स्वतन्त्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू का नाम कौन नहीं जानता? आप का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। इनके पिता का नाम मोती लाल जी था। मोती लाल जी देश के धनी व्यक्तीयों में माने हुए थे। आपकी माता श्रीमती स्वरूप रानी बड़ी पवित्र और धार्मिक विचारों वाली महिला थी। ऐसे धनी परिवार में इनका जन्म हुआ था। इनका आनन्द भवन अपनी शानोशोकत और सजधज में देश भर में प्रसिद्द था। माता- पिता के इकलौते पुत्र होने के कारण इनका पालन राजकुमारों के समान हुआ।
जो लाड- प्यार जवाहर लाल जी ने बचपन में प्राप्त किया, वह शायद ही किसी को प्राप्त हो। जवाहर लाल जी ने उच्च शिक्षा एंग्लैंड में पाई तथा वहीं बैरिस्टरी भी पास की। यह वह समय था जब गांधी जी अफ़्रीका से वापस आए थे। आपका दिल भारतीय लोगों की दुर्दशा को देखकर तड़प उठा। स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए राजनीतिक मामलों में भाग लेना शुरू कर दिया। कई बार आपको जेल यात्रा भी करनी पड़ी।
इनकी पत्नी श्रीमती कमला नेहरू भी इनसे पीछे नहीं रही। 1929 ईo में आप कोंग्रेस के प्रधान चुने गए और इन्होंने पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव रखा जिस कारण आपको फिर जेल में बंद कर दिया गया। 1942 में जब कोंग्रेस ने “भारत छोड़ो” का नारा लगाया तो सरकार ने इन्हें फिर नज़रबन्द कर दिया। 15अगस्त, सन 1947 को भारत स्वतन्त्र हो गया। पण्डित जवाहर लाल जी स्वतन्त्र भारत के पप्रथम प्रधानमंत्री बने और सारे देश की बागडोर इनके हाथ में सौंपी गई।
पण्डित जी त्याग तथा बलिदान की मूर्ति थे। पण्डित जी दूसरे देशों में शान्ति के दूत के नाम से पुकारे जाते थे। अंतरष्ट्रिय शांति स्थापित करने में आपका प्रमुख स्थान था। उच्चकोटि के नेता होने के साथ – साथ आप एक सफल लेखक भी थे। 27 मई, 1964 को आपको प्रभु ने हमसे छीन लिया। आपके निधन पर संसार के लगभग सब देशों के झण्डे झुके। देश की बहुत बड़ी दौलत लूट गई।
Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi – पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (400 words)
पंडित जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद में एक उच्च घराना था, जो मूल रूप से काश्मीर-निवासी था। यह परिवार नेहरू परिवार कहलाता था। इसी परिवार में एक नामी वकील श्री मोतीलाल नेहरू के घर माता स्वरूप रानी की कोख से 14 नवम्बर 1889 को बालक जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ। बालक की आरम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। इस बालक ने उच्च शिक्षा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। जवाहरलाल नेहरू ने 1912 में उस विश्वविद्यालय से बैरिस्टरी पास की और इलाहाबाद में आकर वकालत करने लगे।
उन दिनों देश में स्वतन्त्रता-आन्दोलन चल रहा था। नौजवान जवाहरलाल नेहरू के मन में भी देश-प्रेम की लहर उमड़ पड़ी और वह भी महात्मा गाँधी के नेतृत्व में स्वतन्त्रता-आन्दोलन में भाग लेने लग पड़ा। उसी की प्रेरणा से उसके पिता और फिर परिवार के सभी लोग स्वतन्त्रता-संग्राम में कूद पड़े। पं. जवाहरलाल नेहरू ने स्वतन्त्रता-संग्राम को तेज करने में बड़ा कार्य किया। वे कई बार जेल गये और अंग्रेजों के अत्याचारों को भी सहन किया। देश के स्वतन्त्र होने से पूर्व भारत में एक अन्तरिम सरकार बनी । उस सरकार में भी पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने मुख्य भूमिका निभाई। 15 अगस्त 1947 को देश के स्वतन्त्र होने पर उन्होंने ही लाल किले पर झण्डा लहराया।
देश के स्वतन्त्र होने से लेकर 27 मई 1964 तक, अपनी मृत्यु से पूर्व तक, नेहरू जी ही देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने देश में वैज्ञानिक, औद्योगिक और आर्थिक प्रगति के लिए बहुत कार्य किये। संसार में युद्ध के भय को मिटाने के लिए उन्होंने राष्ट्र-संघ में नि:शस्त्रीकरण का प्रस्ताव रखा। कई देशों में होने वाले युद्ध उनके प्रयत्न से टल गये। इसलिए उन्हें शांतिदूत कहा जाता है। जवाहरलाल नेहरू जी को उस समय बहुत ठेस लगी, जब चीन ने ‘हिन्द-चीनी भाई-भाई’ का नारा बोलकर भी भारत की सीमाओं पर आक्रमण कर दिया। देश को सैनिक दृष्टि से भी वे सबल बनाना चाहते थे। 27 मई 1964 को उनका निधन हो गया।
शोक कि भारत का एक महान् निर्माता हम से विदा हो गया। जवाहरलाल नेहरू जी विद्वान्, कार्यकुशल, राजनीतिज्ञ, अच्छे वक्ता, दीनों के सहायक और सच्चे देश-भक्त थे। वे बच्चों से प्यार करते थे। उन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू‘ के नाम से जानते हैं। हमें चाहिए कि हम जवाहरलाल नेहरू जैसे देश-भक्त, सुयोग्य नागरिक और कर्तव्य-परायण बने। उनका जन्मदिन अब बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू भारत के महान नेताओं में से एक थे। वह पंचशिल के संस्थापक थे। वह एक प्रख्यात लेखक भी हैं उन्होंने ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ और ‘ग्लिम्प्सस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री’ जैसी प्रसिद्ध किताबें लिखीं।
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